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विकसित भारत के सपने को मूर्त रूप देनेको कॉर्पाेरेट और एकेडमिक सहयोग जरूरी
तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीटीएलडी की ओर से इन्नोवेट, इंटीग्रेट, इंस्पायरः रेडिफाइंग इंडस्ट्री-अकेडमिया कोलाबोरेशन फॉर विकसित भारत 2047 पर ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी
लव इंडिया मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के सेंटर फॉर टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट- सीटीएलडी की ओर से इन्नोवेट, इंटीग्रेट, इंस्पायरः रेडिफाइंग इंडस्ट्री- अकेडमिया कोलाबोरेशन फॉर विकसित भारत 2047 पर ऑनलाइन राष्ट्रीय संगोष्ठी में उद्योग और शिक्षा संस्थानों के बीच सहयोग, कौशल संवर्धन, अनुसंधान साझेदारी, और भविष्य की रोजगार आवश्यकताओं पर सार्थक विचार-विमर्श हुआ। बतौर मुख्य वक्ता सीके बिड़ला हॉस्पिटल, नई दिल्ली के जनरल मैनेजर- एचआर श्री पंकज तिवारी ने कॉर्पाेरेट-एकेडमिक सहयोग की आवश्यकता पर बल देते हुए कहा, आज के युग में अनुकूलनशीलता और मानवीय कौशल उद्योग में सफलता के मूल स्तंभ हैं। टीएमयू की डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने उद्घाटन संबोधन में कहा, टीचर्स, इंडस्ट्री और स्टुडेंट्स इन तीनों के बीच समन्वय से ही विकसित भारत 2047 का सपना साकार हो सकता है। हमें शिक्षा को उद्योग की भाषा में और उद्योग को शिक्षा की संवेदना में ढालना होगा। अंत में हुए प्रश्नोत्तर सत्र में प्रतिभागियों ने स्किल डेवलपमेंट, इंटर्नशिप अवसरों और उद्योग आधारित पाठ्यक्रमों पर प्रश्न पूछे। सीटीएलडी के डिप्टी डायरेक्टर डॉ. दिलीप दत्त वार्ष्णेय ने वोट ऑफ थैंक्स दिया। संचालन सीटीएलडी की कन्वीनर डॉ. जैस्मिन स्टीफन ने किया।
🟩 TOP 20 हाइलाइटर
- CTLD–TMU द्वारा विकसित भारत 2047 पर राष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी।
- थीम—इन्नोवेट, इंटीग्रेट, इंस्पायर: इंडस्ट्री–अकादमिक सहयोग।
- उद्योग और शिक्षा के बीच मजबूत कोलैबोरेशन पर जोर।
- मुख्य वक्ता पंकज तिवारी ने HR की बदलती जरूरतें बताईं।
- मानव कौशल + तकनीकी दक्षता = आधुनिक उद्योग की मांग।
- प्रो. मंजुला जैन—शिक्षक, उद्योग, छात्र का त्रिकोण ही भारत का भविष्य।
- शिक्षा को उद्योग की भाषा में ढालने की आवश्यकता पर बल।
- प्रतिभागियों ने स्किल डेवलपमेंट पर महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे।
- इंटर्नशिप को करियर का मुख्य पिलर बताया गया।
- उद्योग-आधारित पाठ्यक्रमों को जरूरी बताया गया।
- मनहरी ग्रुप—नवाचार और सहयोग भारत को वैश्विक नेतृत्व देगा।
- अनंत अग्रवाल—वास्तविक प्रोजेक्ट ही कौशल का सही मूल्यांकन।
- तकनीकी एकीकरण शिक्षण का भविष्य।
- विनय सिंह—21वीं सदी का ग्रेजुएट कौशल-आधारित होगा।
- उद्योग की जरूरतों को समझना शिक्षा संस्थानों की प्राथमिकता होनी चाहिए।
- TMU छात्रों को नौकरी-रेडी नहीं बल्कि इनोवेशन-रेडी बनाना चाहता है।
- CTLD ने उद्योग–अकादमिक संवाद को नई दिशा दी।
- छात्रों को रिसर्च-आधारित शिक्षा के लिए प्रेरित किया गया।
- सत्र में देशभर से प्रतिभागियों की सक्रिय भागीदारी।
- कार्यक्रम के संचालन और समापन को सराहा गया।
मनहरी ग्रुप के चेयरमैन श्री हरेंद्र कुमार गर्ग बोले, नवाचार और सहयोग ही भारत को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बना सकते हैं। कॉजेंट इन्फोटेक के मार्केटिंग एंड इन्नोवेशन डायरेक्टर श्री अनंत अग्रवाल ने कहा, छात्रों को वास्तविक उद्योग परियोजनाओं में शामिल करना ही सच्चा कौशल विकास है। उन्होंने कहा, भविष्य उन्हीं संस्थानों का होगा जो तकनीक को शिक्षण के साथ प्रभावी रूप से एकीकृत करेंगे। लिटवर्क हैदराबाद के डायरेक्टर श्री विनय सिंह ने कहा, 21वीं सदी का ग्रेजुएट केवल डिग्री नहीं, बल्कि कौशल और दृष्टिकोण के आधार पर पहचाना जाएगा। सीटीएलडी के निदेशक प्रो. पंकज कुमार सिंह ने उद्योग और शिक्षा के बीच सार्थक संवाद और व्यावहारिक सहयोग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, 21वीं सदी में शिक्षा तभी सार्थक होगी, जब वह उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं से जुड़ी हो। टीएमयू का उद्देश्य है कि हमारे छात्र केवल रोजगार प्राप्त करने वाले नहीं, बल्कि नवाचार करने वाले बनें।
