Driving License: अब AI की निगाहबानी में Online Driving Test होगा

केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ई-ट्रांसपोर्ट सेवाओं का विस्तार करने की योजना तय की। अब लर्निंग लाइसेंस बनवाने वालों को अपनी काबिलियत सच में साबित करनी होगी। हरियाणा समेत कई राज्यों में अब एआई (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) की निगरानी में ऑनलाइन ड्राइविंग टेस्ट होंगे। इसका मतलब है कि नकल या सेटिंग का रास्ता अब पूरी तरह बंद।
कैमरे, सेंसर और सॉफ्टवेयर की मदद से हर गतिविधि पर रहेगी पैनी नजर
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ई-ट्रांसपोर्ट सेवाओं का विस्तार करने के लिए एआई का सहारा लेगा। आमजन को डिजिटल सेवाओं का आसानी से लाभ दिलाने के लिए एआई मददगार होगा.। इसी के साथ लर्निंग लाइसेंस बनवाने के समय होने वाले टेस्ट को भी एआई से जोड़ा गया है। ई-ट्रांसपोर्ट सेवाओं के विस्तार को लेकर हाल ही में 12 राज्यों के राष्ट्रीय सूचना केंद्रों (एनआईसी) और परिवहन विभाग के अधिकारियों ने मंथन किया था। इस दाैरान ई-ट्रांसपोर्ट सेवाओं में विस्तार के साथ ही एआई के बेहतर उपयोग पर भी मंथन हुआ
एनआईसी के उप महानिदेशक जयदीप सोम ने बताया कि एआई तकनीकी के उपयोग से पारदर्शिता आएगी। जब कोई पहली बार ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन करेगा तो उस पर एआई की निगरानी होगी। ऑनलाइन आवेदन के दाैरान फोटोग्राफी एआई करेगा। लर्निंग ड्राइविंग लाइसेंस के लिए ऑनलाइन परीक्षा होगी तो एक एआई कैमरा ऑटोमैटिक आवदेक पर नजर रखेगा। इस दाैरान आवेदक के आसपास बैठकर कोई मदद भी कराएगा तो सब कैमरे में रिकाॅर्ड हो जाएगा। वह आवेदक टेस्ट में फेल हो जाएगा।
लर्निंग लाइसेंस बनाने की प्रक्रिया का पूरा रिकार्ड एआई के जरिए रिकॉर्ड होगा। जब स्थायी ड्राइविंग लाइसेंस बनेगा तब टेस्ट के दाैरान वह विवरण स्वत: ही एआई की मदद से सामने आ जाएगा। एआई तकनीक का यह भी लाभ होगा कि दस्तावेज हमेशा सुरक्षित रहेंगे, कार्यों में भी तेजी आएगी।