FIR दर्ज होने के बाद एक चेहरे पे कई चेहरे लगा लेते हैं झोलाछाप…और हो जाते हैं Mumtaaz Clinic


लव इंडिया मुरादाबाद। जब भी जी चाहा नई दुनिया बसा लेते हैं लोग, एक चेहरे पर कई चेहरे लगा लेते हैं लोग… फिल्म दाग का राजेश खन्ना और शर्मिला टैगोर पर फिल्माया यह गीत आपको याद होगा जो अभी भी अपनी सार्थकता बनाए हुए हैं… बस फर्क इतना है कि रिपोर्ट दर्ज होने के बाद झोलाछाप बंटी-बबली ने पुलिस प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की आंखों में धूल झोंकने के लिए चेहरे पर चेहरे लगा लिए हैं।

जी हां, हम बात कर रहे हैं हरथला रेलवे स्टेशन रोड (Harthala Railway station Road) स्थित विद्यानगर कलोनी में मुमताज क्लीनिक (Mumtaaz Clinic) की। जो इन दोनों स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मचारियों के साथ-साथ गली मोहल्ले के स्वयंभू चिकित्सकों में चर्चा का विषय बने हुए हैं।

आखिरकार ऐसा क्या हुआ जो मुमताज क्लीनिक स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारी में चर्चा का विषय है और इतना ही नहीं मुमताज क्लीनिक से बेहद करीबी संबंध रखने वाले झोला छाप और स्टाफ भी फिर दर्ज होने के बाद लगाए गए चेहरे पर चेहरे को लेकर चर्चाएं कर रहे हैं।

तो लिए इन्हीं चर्चाओं को स्वास्थ्य विभाग की कार्रवाई की फाइलों में खोजते हैं तो पाते हैं कि लगभग दो माह पहले अगवानपुर बाईपास पर अहमद नर्सिंग होम को स्वास्थ्य विभाग की टीम ने सील किया था और इतना ही नहीं इसके संचालकों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कराया था। अब यही महिला झोलाछाप से डिग्री धारी हो गई है और इसमें अपने साथ में एक ऐसे सर्जन को पार्टनर बनाया है जो खुद को बीएएमएस बताते हैं अर्थात आयुर्वेदिक चिकित्सा है लेकिन साहब चेहरे पर चेहरा लगाने के बाद यह भी जमकर सर्जरी कर रहे हैं। इनका नर्सिंग होम आशियाना फेस वन में था और वह भी बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित ऐसे में स्वास्थ्य विभाग को जानकारी हुई तो नोडल अधिकारी डॉ. संजीव बेलवाल ने इस पर ताला जड़ दिया था।

फिलहाल, विद्यानगर कलोनी में सड़क किनारे रियाइसी बिल्डिंग में चल रहे इस अवैध अस्पताल में मरीजों के खुलेआम आप्रेशन किये जा रहे हैं। इस बिल्डिंग पर अस्पताल का बोर्ड नहीं है लेकिन यह बिल्डिंग किसी नाजिम नाम के व्यक्ति की बताई जा रही है।

इस संबंध में जानकारी करने पर सीएमओ कार्यालय के संबंधित जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारियों ने बताया कि उनके यहां अभी कोई रिकॉर्ड नहीं है। अलबत्ता यह भी सच है कि इस अस्पताल में बायोमेडिकल वेस्ट के निस्तारण की सुविधा न होने के कारण ऐसे ही आसपास में फेंका जा रहा है जिससे कभी भी क्षेत्र में बीमारी फैलने का अंदेशा बना रहता है अर्थात रजिस्ट्रेशन नहीं बायोमेडिकल बेस्ट और अग्निशमन की कोई व्यवस्था नहीं है अर्थात सब कुछ गोलमाल है।

अलबत्ता, सीएमओ डॉ. कुलदीप सिंह सिं कहते हैं कि मीडिया से जानकारी मिली है जांच कराई जाएगी और पुष्टि होने पर मुकदमा भी दर्द कराया जाएगा। सीएमओ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि आम आदमी के जीवन से खिलवाड़ की किसी को इजाजत नहीं दी जा सकती।