Moradabad की 29 साल पुरानी यादें ताजा कर BJP के Maharashtra सह प्रभारी ने संघर्ष की गाथा सुनाई

लव इंडिया, मुरादाबाद। आज भारतीय जनता पार्टी महानगर के तत्वाधान में लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जयंती पर नगर निगम मुरादाबाद के सौजन्य से महिला सशक्तिकरण सम्मेलन का आयोजन पंचायत भवन सभागार में किया गया। महिला सशक्तिकरण सम्मेलन में मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता के रूप में वर्तमान में भाजपा महाराष्ट्र राज्य के सहप्रभारी जय भान सिंह पवैया शामिल रहें। सर्वप्रथम मुख्य अतिथि एवं मंचासीन पदाधिकारियो ने लोकमाता अहिल्याबाई होलकर के चित्र पर दीप प्रज्वलित कर एवं वंदेमातरम गायन के उपरांत कार्यक्रम का शुभारंभ किया।

महाराष्ट्र के सह प्रभारी मुख्य अतिथि एवं मुख्य वक्ता जय भान सिंह पवैया ने कहा कि सभागार में गर्मी का अहसास सबको हो रहा है लेकिन मुझे बोलना भी है भारत की धरती पर जन्मी एक महापुरुष देवी अहिल्याबाई की त्रिशताब्दी जयंती पर हम शामिल हुए है आज मै दूसरी बार मुरादाबाद आया हूं। 29 साल पहले जब मैं मुरादाबाद आया था उस वक्त मैं बजरंग दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष था मुरादाबाद में 1996 कश्मीर में आंतकवादी संगठन मुजाहिद ने धमकी दी थी कि अमरनाथ यात्रा कश्मीर की धरती पर नहीं करने देंगे जो भी अमरनाथ यात्रा को जाएगा उसको गोलियों से भून दिया जाएगा उस वक्त अशोक सिंघल जी अध्यक्ष थे। मैंने उनसे कहा मैं पचास हजार कार्यकर्ताओं के साथ कश्मीर जाना चाहता हूं उस समय मेरे साथ मुरादाबाद से भी सैकड़ों कार्यकर्ता मेरे साथ कश्मीर गए थे तब से आज तक अमरनाथ यात्रा को कोई रोक नहीं पाया ।
आज हम 300 साल पूर्व के महापुरुषों की याद को ताजा कर रहे हैं स्वामी विवेकानंद ने कहा था कि अतीत को पढ़ो वर्तमान को करो उसके बाद आगे बढ़ो आज महान योद्धा पराक्रमी महाराणा प्रताप का जन्मदिन है महाराणा प्रताप के पिता उदय सिंह की चिता जल रही थी महाराणा प्रताप अपने पिता की चिता के सामने शांत खड़े थे महाराणा प्रताप ने अपने पिता की चिता की भस्म को अपने माथे पर लगाकर उन्होंने शपथ ली कि जब तक मैं मेरे दादा राणा सांगा को 80 घाव देने वाले मुगलों से मेवाड़ को आजाद नहीं करा लूंगा जब तक शय्या पर नहीं सोऊंगा।

ऐसी ही वीरांगना देवी लोकमाता अहिल्याबाई का जन्म 300 साल पहले हुआ था आज हम उन्हें याद कर रहे हैं सिंहासन पर बैठने वाले बहुत लोग होते हैं लेकिन जो सिर्फ दिलों पर राज करते हैं वह सिर्फ उंगलियों पर गिने जाते हैं।.ऐसी ही पुण्यश्लोका वीरांगना अहिल्याबाई होलकर थी उनका जीवन शौर्य साधना सेवा समर्थन संयम और सादगी का उदाहरण है उनका शासन काल सामाजिक न्याय सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और धार्मिक आस्था का एक ऐसा मार्ग प्रशस्त किया हम सभी के लिए वो आज भी प्रेरणादाई है राजमाता अहिल्याबाई की जयंती को 300 वर्ष के पावन पर पर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करते करने का हमें यह शुभ अवसर प्राप्त हुआ है।

राजमाता अहिल्याबाई होल्कर एक आदित्य व्यक्तित्व की महिला थी जिन्होंने अपने शासनकाल में मध्य प्रदेश के मालवा क्षेत्र में एक नई दिशा दिखाइए उनकी न्याय प्रियता प्रशासनिक क्षमता एवं धार्मिकता ने उन्हें एक आदर्श शासक बनाया लोकमता अहिल्याबाई का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ था माता अहिल्याबाई ने एक छोटे से गांव में एक सामान्य परिवार में जन्म लिया माता अहिल्याबाई ने छोटी बालिका से एक असाधारण शासन की यात्रा पूरी की उनका विवाह मल्हार राव होलकर के पुत्र खंडेराव होलकर से हुआ पति की मृत्यु के बाद उन्होंने अपने राज की बागडोर संभाली और मालवा क्षेत्र को समृद्धि और सुरक्षा प्रदान की ।
राजमाता अहिल्याबाई ने लोकमाता और पुण्यर्श्लोका के रूप में ख्याति प्राप्त की शिव की अनन्य भक्त अहिल्याबाई का लोक कल्याणकारी शासन भूमि हीन किसानों भीलों जैसे जनजातीय समूहों तथा विधवाओं के हितों के लिए रक्षा कार्य करने वाला एक आदर्श शासन था समाज सुधार कृषि सुधार जल प्रबंधन पर्यावरण रक्षा जनकल्याण और शिक्षा के प्रति समर्पित होने के साथ-साथ उनका शासन न्याय प्रिय था समाज के सभी वर्गों का सम्मान सुरक्षा प्रगति के अवसर देने वाली समरसता की दृष्टि उनके प्रशासन का आधार थी।

इन्हीं लोक कल्याणकारी कार्यों के कारण उन्हें लोकमाता कहा गया उन्होंने संपूर्ण देश के मंदिरों की पूजा व्यवस्था और उनके आर्थिक प्रबंधन का भी विशेष ध्यान दिया बद्रीनाथ के सोमेश्वर तक द्वारिका से लेकर पूर्व पूरी तक आक्रमणकारियों द्वारा क्षतिग्रस्त मंदिरों का उन्होंने पुनः निर्माण कराया राजमाता अहिल्याबाई अत्यंत दूरदर्शी प्रशासिका थी उन्होंने एक ऐसा सूचना तंत्र विकसित किया जिसके माध्यम से उन्हें संपूर्ण देश की जानकारी प्राप्त होती रहती थी उन्होंने अपनी स्वयं की डाक व्यवस्था भी विकसित की एक कुशल प्रभावशाली शासक होने के साथ-साथ एक कुशल राजनीतिज्ञ भी थी उनका विश्वास अनावश्यक युद्ध में कभी नहीं रहा लेकिन उनके राज्य पर कुदृष्टि रखने वालों से निपटने में वह पूर्ण रूप से समक्ष थी अपनी बुद्धिमत्ता एवं साहस से इस वीरांगना ने अपने राज्य का कुशल प्रशासन किया उन्होंने शासन व्यवस्था संभाली तब पूरी सेना में उनके पास मात्र तीन बंदूके हुआ करती थी परंतु उन्होंने स्वयं अपने शस्त्रागारों का निर्माण किया उन्होंने तोप खानों की स्थापना की उन्होंने 500 महिलाओं की सैनिक टुकड़ी का भी गठन किया गोला बारूद बार रसद संग्रह का कार्य भी उन्होंने महिला सेनानियों को जिम्मेदारी सौंपी शैक्षिक एवं आर्थिक मामलों में वह एक दूर दृष्टि रखने वाली निर्णय क्षमता संपन्न महिला थी।

उन्होंने व्यापार को बढ़ावा दिया नए उद्योग खेती व्यापार के लिए विशेष प्रयास किया उन्होंने वीरगति प्राप्त सैनिकों की पत्नियों के लिए स्वयं सहायता समूह बनवाए थे जिन्हें वह अपने निजी कोष से सस्ते ऋण भी दिया करती थी आपदा के समय में प्रजा को ऋण में छूट भी देती थी उन्होंने गरीबों की आसानी के लिए किस्तों में ऋण देने का प्रावधान किया राज्य में स्त्री और पुरुष सभी को शिक्षा समान रूप से मिले इसलिए गुरुकुल के सुचारू संचालन की भी पर्याप्त व्यवस्था की गई महिला सशक्तिकरण तथा प्राकृतिक संरक्षण की दिशा में उन्होंने उल्लेखनीय कार्य किया वह महिलाओं के अधिकारों के लिए अत्यंत सजग थी सनातन संस्कृति से अगाध प्रेम रखने वाली पुण्यश्लोक राजमाता अहिल्याबाई का दृष्टिकोण अखिल भारतीय था।

उन्होंने तीर्थ स्थान के मार्ग मंदिर अन्य क्षेत्र पेयजल व्यवस्था धर्मशाला इत्यादि जो विदेशी आक्रमणताओ के द्वारा ध्वस्त किए गए थे उनके पुनः जीर्णोद्धार कराए वाराणसी से मणिकर्णिका घाट अहिल्या माता के द्वारा ही बनाया गया बद्रीनाथ से सोमेश्वर और द्वारिका से काशी तक उन्होंने अनेक घाटों का निर्माण धर्मशाला में मंदिरों का निर्माण कराया काशी से बंगाल तक उन्होंने पक्की सड़क निर्माण कराया राजमाता अहिल्याबाई का जीवन इस बात का प्रमाण है कि उन्होंने व्यक्तिगत सुख सुविधाओं और यहां तक की गहरे निजी दुखों को भी परे रखकर अपने संपूर्ण जीवन में सदैव प्रजा के कल्याण लिए और लोकहित को सर्वोपरि प्राथमिकता दी आज राजमाता अहिल्याबाई की 300 की जयंती के अवसर पर हम उनके इन्हीं गुणों को अपने जीवन में उतारकर विकसित भारत के संकल्प को साकार करने हेतु एक नई ऊर्जा प्राप्त कर सकते हैं।

महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष प्रिया अग्रवाल ने प्रस्तावना बोलते हुए कहा कि महिला शक्ति का पंचम लहरा रहा है
पुण्यश्लोका अहिल्याबाई का जीवन हमारे लिए एक उदाहरण है झांसी की रानीलक्ष्मी बाई की तरह माता अहिल्याबाई होल्कर हमारे लिए प्रेरणादाई हैं हमें अहिल्याबाई जी के विचारों को अपने जीवन में उतरना चाहिए आज हम अहिल्याबाई जी की। त्रिशताब्दी मना रहे है पुण्य श्लोक अहिल्याबाई होलकर शौर्य साधना सेवा समर्पण एवं सादगी अप्रतिम उदाहरण है।
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ महानगर संयोजिका अल्पना रितेश गुप्ता ने समापन करते हुए कहा कि आज लोकमाता अहिल्याबाई होलकर जी की जयंती पर उनको नमन करते हुए हमें उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए उन्होंने कठिन से कठिन समय में भी धैर्य नहीं खोया और सर्व समाज के लिए उदारनीय कार्य किये उन्होंने हर क्षेत्र में सफलता हासिल की देश और सर्व समाज की भलाई के लिए उन्होंने कार्य किए अपने कर्तव्य के निर्वाह में 26 वर्ष तक उन्होंने राज्य का संचालन और लोक कल्याण किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि एवं वक्ता महाराष्ट्र के सहप्रभारी जय सिंह पवैया महानगर अध्यक्ष गिरीश भंडूला महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम संयोजक महापौर विनोद अग्रवाल नगर विधायक रितेश गुप्ता एमएलसी जयपाल सिंह व्यस्त एमएलसी गोपाल अंजान गो सेवा प्रदेश सदस्य दीपक गोयल नगर आयुक्त दिव्यांशु पटेल अतुल कुमार यादव अजीत कुमार महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम सहसंयोजक प्रिया अग्रवाल महिला सशक्तिकरण कार्यक्रम से संयोजक अल्पना रितेश गुप्ता महिला मोर्चा महानगर अध्यक्ष विजयलक्ष्मी पंडित राजकमल गुप्ता पूर्व महानगर अध्यक्ष धर्मेंद्र नाथ मिश्रा संजय शर्मा, क्षेत्रीय सह मीडिया प्रभारी जायसवाल महानगर मीडिया प्रभारी राजीव गुप्ता नत्थू राम कश्यप दिनेश शीर्षवाल कमल गुलाटी अमित शर्मा सुधांशु कौशिक नवदीप टंडन अजय वर्मा राहुल शर्मा गौरव श्रीवास्तव सुरेंद्र विश्नोई हेमराज सैनी चंद्र प्रजापति आदि रहे।

इसके अलावा, शम्मी भटनागर अभिषेक चौबे गेतपाल सिंह रजनी कांत जाटव किशन लाल जाटव विनीत मल्होत्रा पंकज शर्मा रंजना शर्मा प्रिया अग्रवाल हेमा खत्री पूर्णिमा खन्ना शीतल राजपूत हीरा भारती कविता गुप्ता प्रीति कश्यप ज्योति बंसल रानी सैनी पूनम सैनी शिखा परमार सोनल अग्रवाल शशि ठाकुर रेखा सीमा सैनी विपिन प्रजापति मिथुन शर्मा कपिल गुप्ता विशाल रस्तोगी सोमपाल सिंह सूर्य मोहन शमशेरी गजेंद्र लोदी हरिओम सैनी अश्वनी शर्मा सौरभ सक्सैना सुमित कुमार बंटी सैनी सिद्धांत भारती आलोक सैनी अरविंद सिंह दिनेश शुक्ला अजय दिवाकर विजय पाल सिंह योगेश गुप्ता मयंक कश्यप टीटू सैनी रोशन सैनी योगेंद्र रस्तौगी विनोद शर्मा तुषार कुमार अर्चित गुप्ता दिनेश गोला विनय राजोरिया आदि सैकड़ों की संख्या में महानगर मंडल मोर्चा प्रकोष्ठों के पदाधिकारी एवं कार्यकर्ता एवं विभिन्न एनजीओ के पदाधिकारी शामिल रहे । कार्यक्रम मे संख्या बल की दृष्टि से महिला शक्ति का विशेष योगदान रहा। कार्यक्रम की अध्यक्षता महानगर अध्यक्ष गिरीश भंडूला एवं संचालन विशाल त्यागी ने किया