MITian ने Infosys के annual electricity bill को 120 करोड़ से घटाकर 80 करोड़ कर दिया

MITian reduces Infosys’ annual electricity bill from Rs 120 crore to Rs 80 crore

एम आई टी में ” IoT और AI के साथ स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करना” विषय पर व्याख्यान।

मुरादाबाद इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में, एमआईटी एल्यूमिनाई एसोसिएशन द्वारा, चौथे वर्ष एवम् प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए पूर्व छात्रों के व्याख्यान की श्रृंखला में आज पूर्व छात्र कुमार पद्मनाभ, वरिष्ठ वैज्ञानिक, जो ब्रिटिश टेलीकॉम, दुबई में कार्य करते हैं, उन्हें व्याख्यान लेने के लिए आमंत्रण दिया गया। व्याख्यान का मुख्य उद्देश्य प्रथम वर्ष के छात्रों को इस बात से अवगत कराना था कि कैसे एक एमआईटीयन द्वारा विकसित तकनीकों ने इंफोसिस के वार्षिक बिजली बिल को 120 करोड़ से घटाकर 80 करोड़ कर दिया।

कार्यक्रम का शुभारंभ संस्थान के अध्यक्ष वाई पी गुप्ता, ज्वाइंट सेक्रेट्री अनिल अग्रवाल कोषाध्यक्ष, नीरज अग्रवाल, निदेशक डॉ रोहित गर्ग एवम् पूर्व छात्र श्री कुमार पद्मनाभ द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन के साथ किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत कुमार पद्मनाभ के संक्षिप्त परिचय के साथ हुई। कार्यक्रम के दौरान उन्हें विशिष्ट पूर्व छात्र पुरस्कार भी दिया गया।


वार्ता दो सत्रों में विभाजित थी। पहला सत्र चौथे वर्ष के छात्रों के लिए एक तकनीकी सत्र था और दूसरा सत्र प्रथम वर्ष के छात्रों के लिए एक बातचीत सत्र था। पहले सत्र का शीर्षक था ” IoT और AI के साथ स्थिरता लक्ष्यों को प्राप्त करना, कैसे एक एमआईटीयन द्वारा विकसित तकनीकों ने इंफोसिस के वार्षिक बिजली बिल को 120 करोड़ से घटाकर 80 करोड़ कर दिया। उन्होंने बताया कि यह 2 वर्षों में किया गया था। प्रत्येक वर्ष 20% की कमी। ऊर्जा खपत का मुख्य स्रोत डेटा केंद्रों में है। ऊर्जा की खपत को कम करने के लिए उन्होंने वर्चुअल सेंसर नोड बनाया जो सेंसर नोड को जावा नोड्स में परिवर्तित करता है।

उन्होंने बताया कि डेटा सेंटर की ऊर्जा अपव्यय प्रबंधन कैसे हासिल किया गया था। यदि डेटा केंद्रों का एक निश्चित न्यूनतम 23 डिग्री सेल्सियस तापमान बनाए नहीं रखा जाता है तो वारंटी शून्य हो जाएगी। इसलिए तापमान को 23 डिग्री सेल्सियस से नीचे बनाए रखा जाना है, लेकिन तापमान 13 डिग्री सेल्सियस पर बनाए रखा जा रहा था, 1 डिग्री सेल्सियस की कमी से 4% ऊर्जा की बचत हुई। इस प्रकार वहां ऊर्जा की बचत हुई। तापमान बनाम ऊर्जा खपत में भिन्नता को ट्रैक करने के लिए, एक विशेष सॉफ्टवेयर तैयार किया गया।


दूसरे सत्र में श्रोता प्रथम वर्ष के छात्र थे। उन्होंने कहा जीवन में सफल होने के लिए आपको प्रेरणा की आवश्यकता होती है। एक लक्ष्य निर्धारित करें कि आप अगले पाँच वर्षों में क्या बनना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि अगले पाँच वर्षों में औसत आय तिगुनी हो सकती है, लेकिन यह समान रूप से वितरित नहीं होगी, इसलिए आपको कौशल में सुधार करके इसका लाभ उठाना होगा। उन्होंने कहा कि छात्रों को दो प्रकार के लक्ष्य तय करने चाहिए।


दो प्रकार के लक्ष्य: दीर्घकालिक लक्ष्य में आप भविष्य में क्या हासिल करना चाहते हैं। उस लक्ष्य के आधार पर अपनी रणनीति तैयार करें। अल्पकालिक लक्ष्य दीर्घकालिक लक्ष्य प्राप्त करने के लिए, एक अल्पकालिक लक्ष्य बनाएँ। अल्पकालिक लक्ष्य प्रत्येक वर्ष या प्रत्येक माह के लिए लक्षित किया जा सकता है। लक्ष्य बहुत कम न रखें।
उन्होंने यह भी कहा कि उपलब्धियाँ आखिरी बेंच पर बैठने से प्राप्त नहीं होतीं, इसलिए कक्षा में पहली बेंच पर बैठने का प्रयास करें।


एमआईटी संस्थान के निदेशक डॉ रोहित गर्ग जी ने सम्मानित अतिथि एवम् मैनेजमेंट सदस्यों का स्वागत किया।
इस कार्यक्रम में निदेशक डॉ रोहित गर्ग, डीन एकेडमिक डॉ क्षितिज सिंघल, (डी ओ डब्ल्यू एस ) डॉ अनिमेष अग्रवाल, आर एंड डी के डीन मनीष सक्सेना, कन्वीनर एल्यूमिनाई एसोसिएशन मानस सिंघल , अनुराग मलिक, डॉ नितिन कुमार अग्रवाल शिक्षकगण, विद्यार्थी आदि उपस्थित रहे। संचालन श्रीमती सुगंधा अग्रवाल ने किया।

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