Mahabharata कालीन Panchal Pradesh की राजधानी Ahicchatra की Lilour झील होगी पुनर्जीवित

निर्भय सक्सेना बरेली। आंवला तहसील में स्थित महाभारत कालीन लीलौर झील लगभग 52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है अब इसको एक उत्कृष्ट पर्यटन के रूप में विकसित किया जाएगा। यह बात जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने कही। उन्होंने कहा कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा समस्त जनपदों में विलुप्त हो रही अथवा मृत- प्राय एक नदी तथा एक झील को पुनर्जीवित तथा उनका पुर्नोउद्वार करने का दायित्व सौंपा गया है।

उसी के परिप्रेक्ष्य में जिलाधिकारी ने नगर आयुक्त नगर निगम, मुख्य विकास अधिकारी, उप जिलाधिकारी ऑवला, खण्ड विकास अधिकारी रामनगर, तहसीलदार ऑवला आदि के साथ प्राचीन कालीन पांचाल प्रदेश की उत्तरी राजधानी अहिच्छत्र में स्थित लीलौर झील का स्थलीय निरीक्षण किया और वहाँ उपस्थित लोगों से बात करने पर उनके द्वारा बताया गया कि यह लीलौर झील महाभारत कालीन है। यहीं पर पॉण्डवों के अग्रज युधिष्ठिर से यक्ष ने प्रश्न किये थे। पॉण्डव और यक्ष संवाद की साक्षी महाभारत कालीन लीलौर झील को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की अपार सम्भावनाएँ हैं। गाँव वालों ने बताया कि भारी संख्या में प्रवासी पक्षी भी यहाँ पर आते हैं। यह महाभारत कालीन लीलौर झील लगभग 52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैली है और इसको एक उत्कृष्ट पर्यटन के रूप में विकसित करने की अपार सम्भावनाओं को देखते हुए इस ऐतिहासिक/पौराणिक झील को एक महत्वपूर्ण धार्मिक/अध्यात्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने का जिला प्रशाशन उद्देश्य है।

इसलिए अब मुख्य विकास अधिकारी, अपर जिलाधिकारी (प्रशासन), उप जिलाधिकारी ऑवला, खण्ड विकास अधिकारी रामनगर, तहसीलदार ऑवला, नायब तहसीलदार सिरौली, एडीओ पंचायत रामनगर, राजस्व निरीक्षक नवाबपुरा, क्षेत्रीय लेखपाल, प्रधान/सचिव ग्राम लीलौर सहसा, प्रधान/सचिव ग्राम लीलौर बुजुर्ग, सचिव ग्राम लीलौर चाहरम, वन क्षेत्राधिकारी ऑवला रेंज, एसडीओ नलकूप तृतीय ऑवला, जल जीवन मिशन के प्रतिनिधि की एक कमेटी का गठन किया गया है। जिलाधिकारी अविनाश सिंह ने बताया कि कमेटी मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में काम करेंगी एवं इस कमेटी की संयोजक अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) होंगी।