लॉन्ड्री डिटर्जेंट, वनस्पति और रसायनों से बन रहा था ‘नकली व जहरीला पनीर–दूध’, मुरादाबाद में खाद्य विभाग की सबसे बड़ी कार्रवाई

आम आदमी की थाली में घुल रहा ज़हर; गंदगी, मिलावट और केमिकल से तैयार डेयरी प्रोडक्ट्स पर धावा – 80 हजार रुपये से अधिक का माल नष्ट

सीधे लोगों के जीवन पर खतरा

मुरादाबाद में आम जनता की सेहत के साथ बड़ा खिलवाड़ सामने आया है। रोजमर्रा में इस्तेमाल होने वाले दूध, पनीर और क्रीम में घातक केमिकल, लॉन्ड्री डिटर्जेंट और वनस्पति मिलाकर अवैध तरीके से उत्पादन किया जा रहा था। खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने शहरभर में छापेमारी कर मिलावटखोरों की पोल खोल दी। गंदगी, प्रदूषण और खतरनाक पदार्थों के बीच तैयार किए जा रहे डेयरी उत्पाद सीधे लोगों के जीवन पर खतरा साबित हो सकते थे। दो दिन चली कार्रवाई में 80,000 रुपये से अधिक की सामग्री स्थल पर ही नष्ट कर दी गई।


छापेमारी का बड़ा अभियान

खाद्य सुरक्षा अधिकारियों ने दो दिवसीय मिलावट विरोधी अभियान चलाया, जिसमें शहर और ग्रामीण इलाकों की कई डेयरियों को खंगाला गया। यह अभियान अचानक और बिना पूर्व सूचना के शुरू हुआ ताकि मिलावटखोर सतर्क न हो सकें।


टीम का नेतृत्व किसने किया

पूरी कार्रवाई सहायक आयुक्त (खाद्य) राजवंश प्रकाश श्रीवास्तव के नेतृत्व में हुई। उनके साथ मुख्य खाद्य सुरक्षा अधिकारी इंद्र बहादुर यादव और अन्य अधिकारी मौजूद रहे, जिससे स्पष्ट संकेत मिलता है कि यह हाई-प्रोफाइल और समन्वित कार्रवाई थी।


डींगरपुर में डेयरी की हालत भयावह

डींगरपुर क्षेत्र में शहादत अली डेयरी पर टीम ने ऐसा गंदा माहौल देखा कि बिना देर किए उसे तुरंत सील कर दिया गया। आसपास सीवर जैसी दुर्गंध, गंदा पानी, मक्खियाँ और कीड़े पाए गए।


उपभोक्ताओं की सेहत पर खतरा

विशेषज्ञों के अनुसार ऐसी डेयरी में तैयार दूध या पनीर सीधे आम आदमी की आंत, पेट, और लीवर पर गंभीर प्रभाव डाल सकते हैं। लगातार सेवन से टाइफाइड, हेपेटाइटिस और फूड पॉइज़निंग का खतरा बढ़ता है।


मुंडिया मानपुर में बड़े पैमाने पर नकली पनीर बरामद

भगतपुर निवासी रईस के प्रतिष्ठान से 200 किलो नकली पनीर बरामद हुआ। इसकी गुणवत्ता इतनी खराब थी कि हल्का दबाने पर यह साबुन की तरह फिसलने लगा।


नकली पनीर कैसे बनाते थे

जांच में सामने आया कि नकली पनीर बनाने के लिए वनस्पति घी, मिल्क पाउडर, केमिकल और कभी-कभी डिटर्जेंट का भी इस्तेमाल किया जाता था ताकि पनीर जल्दी जम सके और सफेद दिखे।


मौके पर ही नष्ट किया गया माल

टीम ने 200 किलो पनीर जिसकी कीमत लगभग ₹48,000 थी, वहीं नष्ट करवा दिया। इसके साथ 250 लीटर मिश्रित दूध भी नष्ट किया गया जो उपभोग के लिए पूरी तरह असुरक्षित था।


बच्चों के लिए और ज्यादा खतरनाक

ऐसा मिलावटी दूध बच्चों की किडनी को बुरी तरह नुकसान पहुंचा सकता है। लगातार सेवन से बच्चे कुपोषण, डायरिया और कमज़ोर प्रतिरोधक क्षमता का शिकार हो सकते हैं।


काशीपुर रोड पर संदिग्ध वैन पकड़ी गई

रामपुर दौराहे के पास एक मारुति ओमनी वैन UP 22 W 5127 से कई खतरनाक पदार्थ बरामद किये गए। यह वैन मिलावट सामग्री एक जगह से दूसरी जगह पहुंचाने में इस्तेमाल होती थी।


डिटर्जेंट की बोतलें मिलीं

इस वैन से 12 बोतलें लॉन्ड्री लिक्विड डिटर्जेंट बरामद हुईं। यही डिटर्जेंट पनीर जमाने में मिलाया जाता था जिससे पनीर सख्त और सफेद दिखे।


वनस्पति और केमिकल भी बरामद

छह टिन वनस्पति और 38 लीटर अज्ञात रसायन भी मिले। जांच अधिकारी के अनुसार ये रसायन लंबे समय में कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं।


बादली टांडा में संदिग्ध उत्पादन इकाइयाँ

टीम बादली टांडा पहुँची जहाँ तीन पनीर यूनिटों से नमूने लिए गए। इन यूनिटों में दूध को उबालने के बजाय सीधे रसायन डालकर फटाया जा रहा था।


खरसौल में क्रीम का अवैध भंडारण

खरसौल स्थित आसिफ की डेयरी में बड़ी मात्रा में मिलता-जुलता दूध, क्रीम और पनीर पाया गया। सब कुछ खुले बर्तनों में पड़े हुए थे जिन पर मक्खियाँ भिनभिना रही थीं।


भारी मात्रा में क्रीम जब्त

यहाँ से 190 किलो क्रीम जब्त की गई, जो सामान्य परिस्थितियों में इतनी मात्रा में ब्रांडेड फैक्ट्रियों में भी नहीं मिलती। इससे शक और गहरा हो गया।


300 लीटर मिश्रित दूध मिला

मिश्रित दूध का मतलब है पानी + वनस्पति + केमिकल का घोल। यह दूध पीने से सीधे पेट और लीवर की बीमारी हो सकती है।


50 किलो पनीर भी नष्ट कराया गया

पनीर इतना सख्त और रबर जैसा था कि अधिकारियों ने बिना किसी जांच के ही इसे नष्ट करने का निर्णय ले लिया।


खाद्य विभाग ने कड़ा संदेश दिया

टीम ने कहा कि मिलावटखोरी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे मामलों में जेल और भारी जुर्माने दोनों का प्रावधान है।


उपभोक्ताओं को सतर्क रहने की अपील

खाद्य विभाग ने आम लोगों से अपील की है कि गली मोहल्लों में चल रही सस्ती डेयरियों से खरीदारी न करें। भरोसेमंद ब्रांड को प्राथमिकता दें।


नकली पनीर की पहचान कैसे करें

सस्ता दाम, रबर जैसा टेक्सचर, ज्यादा सफेदी, पानी का रिसाव और बदबू – ये सब नकली पनीर के संकेत हैं।


स्वास्थ्य विशेषज्ञ भी चिंतित

स्थानीय चिकित्सकों ने चेतावनी दी है कि ऐसे मिलावटी पदार्थों के सेवन से गैस्ट्रिक इंफेक्शन, किडनी फेलियर और स्किन एलर्जी तक हो सकती है।


प्रशासन आने वाले दिनों में सख्त कार्रवाई करेगा

अधिकारियों ने घोषणा की है कि आगे और भी बड़ी कार्रवाइयाँ की जाएँगी और फैक्ट्रियों पर नियमित निगरानी रखी जाएगी।


error: Content is protected !!