IPS नूरुल होदा ने वक्फ कानून के विरोध में नौकरी से इस्तीफा दे दिया

IPS नूरुल होदा ने वक़्फ़ कानून के विरोध में नौकरी से इस्तीफा दे दिया। 1995 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी नुरुल हुदा बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हैं। अपने गांव के लगभग 300 बच्चों को निःशुल्क शिक्षा देते हैं। अपने लंबे करियर में उन्होंने धनबाद, आसनसोल, और दिल्ली मंडल जैसे संवेदनशील क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा, नक्सल नियंत्रण, और अपराध रोकथाम के लिए कई नई रणनीतियां लागू कीं। वे दो बार विशिष्ट सेवा पदक और दो बार महानिदेशक चक्र से सम्मानित हो चुके हैं।
पटना : देश में वक्फ संशोधन बिल (Wakf Amendment Bill) लागू हुआ तो एक भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी ने नौकरी छोड़ दी। जी हां सही बात है। 1995 बैच के आईपीएस अधिकारी मोहम्मद नुरुल होदा (Mohammad Nurul Hoda) आज यानी बुधवार को विकासशील इंसान पार्टी (VIP) का दामन थामने जा रहे हैं। नुरुल होदा ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वीआईपी के प्रमुख मुकेश सहनी (Mukesh Sahni) की मौजूदगी में नुरुल होदा पार्टी ज्वाइंन करेंगे। वहीं पार्टी की ओर से जानकारी दी गई है कि ये वक्फ कानून के विरोध में हैं। ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि वो सीतामढ़ी जिले के किसी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। इससे पहले आईपीएस अधिकारी शिवदीप लांडे ने भी कुछ दिन पहले अपने पोस्ट से रिजाइन कर दिया था और नई पार्टी ‘हिंद सेना’ करके पार्टी बनाई है।
कौन हैं नुरुल होदा…?
आपको बता दें कि मोहम्मद नुरुल होदा बिहार के सीतामढ़ी के रहने वाले हैं। वो आरपीएफ में आईजी स्तर के अधिकारी थे। यूपीएससी से पूर्व इनका चयन अवर सेवा चयन परिषद और 39वीं बीपीएससी में भी हुआ था लेकिन इन्होंने योगदान नहीं दिया था। प्रारंभिक शिक्षा की बात करें तो सीतामढ़ी से ही हुई। इसके बाद बिहार विश्वविद्यालय से रसायन शास्त्र और कालांतर में दिल्ली विश्वविद्यालय से एलएलबी की भी उपाधि हासिल की। नुरुल होदा अंग्रेजी के साथ उर्दू, फारसी और अरबी भाषाओं की भी जानकारी रखते हैं।
सुरक्षा के लिए नई रणनीतियों को किया लागू
नुरुल होदा ने रेलवे सुरक्षा आयुक्त, धनबाद और आसनसोल के रूप में नक्सलवाद एवं अपराध नियंत्रण और संवेदनशील क्षेत्रों में रेलवे सुरक्षा के लिए प्रभावी कार्य किया। इन्होंने नई रणनीतियों को लागू किया। वरिष्ठ सुरक्षा आयुक्त (दिल्ली मंडल), उप-महानिरीक्षक (रेल अपराध) रेलवे बोर्ड और महानिरीक्षक (रेलवे) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रेलवे में यात्री सुरक्षा और अपराध नियंत्रण से संबंधित कई नवीन प्रयोग किए।
2 बार विशिष्ट सेवा पदक व 2 बार महानिदेशक चक्र से सम्मानित हो चुके हैं होदा
वहीं उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें दो बार विशिष्ट सेवा पदक और दो बार महानिदेशक चक्र से सम्मानित किया जा चुका है। वे एक उत्साही मैराथन धावक और प्रतिभागी हैं जो प्रतिदिन 10 किमी दौड़ते हैं। सामाजिक उत्तरदायित्व के रूप में अपने पैतृक निवास स्थान में 300 बच्चों को मुफ्त आधुनिक शिक्षा देते हैं।
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