जीवन से जुड़ा अभिन्न अंग है रंगमंच: वाजपेई
लव इंडिया, मुरादाबाद। विश्व रंगमंच दिवस के अवसर पर नेशनल एकेडमी ऑफ एक्टिंग थिएटर एंड आर्ट्स ‘नाटा’ मिलन विहार के कार्यालय में मुरादाबाद के रंग कर्मियों की बैठक आयोजित की गई । मशहूर लेखक और निर्देशक आर एन वाजपेई ने रंगमंच को जीवन से जुड़ा एक अभिन्न अंग बताया। उन्होंने कहा कि रंगमंच जीवन के भूत से वर्तमान और भविष्य को निर्धारित करता है तथा यह अभिनय के माध्यम से लोगों के हृदय तक उतर जाता है।
इस अवसर पर डॉ मोहम्मद जावेद ने कहा कि दुनिया भर में रंगमंच के महत्व को समझाने के लिए हर साल 27 मार्च को वर्ल्ड थिएटर डे को मनाया जाता है। इस दिन को मनाने की शुरुआत 1961 से हुई। विश्व रंगमंच दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य लोगों में रंगमंच को लेकर जागरुकता लाना और इसके महत्व को समझाना है। वर्ल्ड थिएटर डे हर साल एक ही थीम पर मनाया जाता है। हर साल 27 मार्च को विश्व रंगमंच दिवस ‘थिएटर एंड ए कल्चर ऑफ पीस’ की थीम पर मनाया जाता है। पिछले 59 सालों से इसी थीम के साथ इस दिन को सेलिब्रेट किया जा रहा है।मशहूर रंगकर्मी और फिल्म निर्माता निर्देशक डॉ राकेश जयसवाल ने बैठक में कहा कि फिल्मों के की सफलता मैं भी रंगकर्मी का महत्वपूर्ण स्थान होता है। आर्ट फिल्में निश्चित रूप से रंगकर्मी प्रधान होती हैं।
बैठक में उदित भारद्वाज, बबलू सिंह , शुभम कश्यप, नवीनता भटनागर , केके गुप्ता , राजेंद्र रेनू भटनागर , डॉक्टर मौसम सिन्हा व दीपक ने भी अपने विचार व्यक्त किए। बैठक की अध्यक्षता मशहूर रंगकर्मी आरएन बाजपाई ने की तथा संचालन डॉ नितिन यादव ने किया।