International MSME Day पर मुरादाबाद- बरेली को ODOP CFC परियोजना

लव इंडिया, लखनऊ : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विगत 8 वर्षों में उत्तर प्रदेश की डबल इंजन सरकार ने हर क्षेत्र में लीक से हटकर कुछ नया करने का प्रयास किया है। प्रदेश के परसेप्शन में आया बदलाव इन्हीं कार्यों का परिणाम है। आज अन्तरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर उत्तर प्रदेश अपनी इस पुरातन पहचान को अपनी विरासत से जोड़कर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की विकसित भारत की परिकल्पना को एक आधार प्रदान कर रहा है।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में अन्तरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। इस अवसर पर उन्होंने विभिन्न जनपदों के औद्योगिक आस्थान में अवस्थापना सुविधाओं का लोकार्पण, औद्योगिक आस्थान ख्यामई (अलीगढ़) के आवंटियों को आवंटन पत्र, एमएसएमई इकाइयों, सीएम युवा तथा विभिन्न रोजगारपरक योजनाओं के लाभार्थियों को प्रतीकात्मक चेक एवं ओडीओपी योजना के लाभार्थियों को टूलकिट का वितरण किया।


मुख्यमंत्री जी ने जनपद बरेली एवं मुरादाबाद में ओडीओपी सीएफसी परियोजनाओं तथा लखनऊ के किसान बाजार में नवाचार और उद्यमिता के प्रोत्साहन हेतु ‘यूथ अड्डा’ का लोकार्पण किया। उन्होंने मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम युवा) के मोबाइल ऐप का शुभारम्भ भी किया। मुख्यमंत्री जी के समक्ष प्रदेश के विशिष्ट उत्पादों को जीआई पहचान दिलाने हेतु एमओयू का आदान-प्रदान किया गया। इस अवसर पर यूपी इण्टरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण का कर्टेन रेजर भी जारी किया गया। मुख्यमंत्री जी ने एमएसएमई क्षेत्र के प्रदेश के सभी 96 लाख से अधिक उद्यमियों एवं इन इकाईयों में कार्यरत 02 करोड़ से अधिक कार्मिकों को अन्तरराष्ट्रीय एमएसएमई दिवस की बधाई दी।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एमएसएमई यूनिट्स प्रदेश की ताकत हैं। यह रोजगार का सृजन तो करती ही हैं, साथ ही बड़े उद्यमों के लिए एंकर यूनिट का काम भी करती हैं। यदि किसी प्रदेश में एमएसएमई यूनिट्स का बड़ा नेटवर्क है, तो बड़े उद्यमी वहां आने को प्रोत्साहित होते हैं। उत्तर प्रदेश इस दृष्टि से बहुत समृद्ध हो चुका है। आने वाले समय में उत्तर प्रदेश इस दिशा में एक लम्बी छलांग लगाने वाला है, जिससे उत्तर प्रदेश को देश का ग्रोथ इंजन बनाने तथा विकसित भारत के प्रधानमंत्री जी के संकल्प को पूरा करने में मदद मिलेगी।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि डबल इंजन सरकार ने उत्तर प्रदेश को पहचान के संकट से उबारकर ‘एक जनपद-एक उत्पाद‘ योजना के रूप में अपनी विरासत से जोड़ने का काम किया है। यह योजना उत्तर प्रदेश को एक नई पहचान दे रही है और करोड़ों नौजवानों के लिए रोजगार के नये अवसर सृजित कर रही है। इसके माध्यम से उत्तर प्रदेश के उत्पादों को अन्तरराष्ट्रीय मान्यता मिली है तथा एक्सपोर्ट के नये रास्ते भी खुल रहे हैं। जबकि, वर्ष 2017 के पहले उत्तर प्रदेश की पहचान दंगों तथा माफिया गिरोहों की अराजकता के रूप में थी। यह बेटियों व व्यापारियों के लिए सबसे असुरक्षित प्रदेश के रूप में जाना जाता था। जातीय संघर्ष के माध्यम से परिवारवाद के नाम पर एक जनपद-एक माफिया देने की स्थिति पिछली सरकारों की उपलब्धियां थीं। इनसे उत्तर प्रदेश के नागरिकों एवं युवाओं के सामने पहचान का संकट खड़ा हो गया था। उत्तर प्रदेश के नाम पर यहां के नागरिकों व युवाओं को होटलों में कमरे नहीं मिलते थे।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले उत्तर प्रदेश का कुल एक्सपोर्ट 80-85 हजार करोड़ रुपये था। आज यही प्रदेश 02 लाख करोड़ रुपये से अधिक का एक्सपोर्ट कर रहा है। वर्ष 2017 से पूर्व प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय 46 हजार रुपये थी। आज यह बढ़कर 01 लाख 20 हजार रुपये हुई है। पहले प्रदेश की जी0डी0पी0 12 लाख 75 हजार करोड़ रुपये थी। आज यह लगभग 31 लाख करोड़ रुपये हुई है। इसका आधार बेहतरीन कानून व्यवस्था तथा बिना भेदभाव के सबका साथ-सबका विकास के प्रधानमंत्री जी मन्त्र को अंगीकार करते हुए किये गये कार्य हैं। प्रदेश में विश्व स्तरीय इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण किया गया और अपनी विरासत को पहचान दिलाने के प्रयास किये गये।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि 24 जनवरी, 1950 को उत्तर प्रदेश के नाम का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, लेकिन उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन कभी भी नहीं किया गया था। वर्ष 2018 में हमने पहली बार उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन किया। उत्तर प्रदेश के परम्परागत उद्यमियों को एक नई पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से हमने ‘एक जनपद-एक उत्पाद‘ योजना शुरू की थी। इसके तहत प्रदेश के सभी 75 जनपदों के यूनिक प्रोडक्ट्स को तकनीक, मार्केट, पैकेजिंग तथा डिजाइन से जोड़ने के कार्य किये हैं। अब इन्हें एक्सपोर्ट से जोड़ने का काम कर रहे हैं।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि देश में एमएसएमई क्षेत्र में सर्वाधिक सम्भावनाएं उत्तर प्रदेश में हैं। देश की 14 प्रतिशत एमएसएमई इकाइयां प्रदेश में हैं। संख्या की दृष्टि से प्रदेश में 90 लाख से अधिक एमएसएमई इकाइयां हैं। इसके दृष्टिगत हर जनपद के लिए ऐसे कार्यों की श्रृंखला तैयार की जा रही है, जिससे वहां के स्थानीय उत्पादों को अच्छी डिजाइन, तकनीक, मार्केटिंग तथा पैकेजिंग से जोड़ा जा सके। इसके दृष्टिगत आज यहां जनपद-मुरादाबाद व बरेली के दो कॉमन फैसिलिटेशन सेण्टर का लोकार्पण किया गया है। यह सेण्टर एमएसएमई क्षेत्र में नई सम्भावनाओं की दिशा में सहयोग करेंगे। उत्तर प्रदेश पहला राज्य है, जिसने अपनी एमएसएमई यूनिट्स को 05 लाख रुपये का सुरक्षा कवच भी दिया है। जिन एमएसएमई इकाईयों ने रजिस्ट्रेशन करवा लिया है, उन्हें सुरक्षा कवर के रूप में सामाजिक सुरक्षा की गारण्टी उपलब्ध करा दी गयी है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस के अवसर पर उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी के कर कमलों से मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान (सीएम युवा) नामक नई योजना लागू की गयी है। इसके अन्तर्गत एक प्रक्रिया के माध्यम से चयनित युवाओं का प्रशिक्षण होता है। इसके उपरान्त उन्हें उद्यम की स्थापना के लिए 05 लाख रुपये का गारण्टी तथा ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाता है। सरकार उन्हें 10 प्रतिशत की मार्जिन मनी भी प्रदान करती है। 24 जनवरी, 2025 से लेकर अब तक 55 हजार से अधिक युवाओं को इसका लाभ प्राप्त हो चुका है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इन युवाओं को चेहरा, जाति, क्षेत्र अथवा भाषा देखकर नहीं, बल्कि बिना किसी भेदभाव के सबका साथ-सबका विकास की भावना से लाभ दिया गया है। हम उत्तर प्रदेश के युवाओं की ऊर्जा एवं प्रतिभा का लाभ प्रदेश व देश के विकास में लेना चाहते हैं और राज्य को देश की अग्रणी अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ाना चाहते हैं। हर वर्ष प्रदेश के 01 लाख नौजवानों को ‘सीएम युवा’ से जोड़ने जा रहे हैं। पहले चरण में इन उद्यमियों को 05 लाख रुपये, द्वितीय चरण में 7.5 लाख रुपये तथा तीसरे चरण में 10 लाख रुपये का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। जब सरकार बिना भेदभाव के काम करती है, तो पूरा प्रदेश लाभान्वित होता है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 से पहले सरकारों की उदासीनता से प्रदेश में एमएसएमई उद्यम बन्द हो रहे थे। भदोही का कारपेट उद्योग बन्दी के कगार पर था। आज भदोही 12 हजार से 14 हजार करोड़ रुपये का कारपेट एक्सपोर्ट कर रहा है। भारत के कुल कालीन निर्यात में उत्तर प्रदेश की 60 प्रतिशत तथा प्रदेश के कालीन निर्यात में अकेले भदोही जनपद की 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इसी प्रकार मुरादाबाद का ब्रास, कन्नौज का इत्र, फिरोजाबाद का ग्लास, अलीगढ़ का हार्डवेयर, लखनऊ की चिकनकारी, अमरोहा की ढोलक तथा पीलीभीत की बांसुरी सहित प्रदेश के सभी जनपदों के विशिष्ट उत्पादों को आज एक प्लेटफॉर्म मिला है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि ओडीओपी के साथ ही हमने विगत 08 वर्षों में अनेक अन्य योजनाएं भी शुरू की है। निजी क्षेत्र में औद्योगिक पार्क बनाने के लिए प्लेज पार्क योजना लाई गयी है। इसके तहत उद्यम लगाने के लिए कनेक्टिविटी सहित अन्य व्यवस्थाएं सरकार द्वारा दी जा रही है। यह प्लेज पार्क 10 से 50 एकड़ क्षेत्र में बनने हैं। यद्यपि, मांग के अनुरूप उद्यम की स्थापना के लिए भूमि की आवश्यकता की पूर्ति की रही है। तथापि, भविष्य की आवश्यकताओं के दृष्टिगत हॉरिजेण्टल के स्थान पर वर्टिकल रूप में फ्लेटेड फैक्ट्री का कार्य प्रारम्भ किया गया है। कई स्थानों पर इसका कार्य प्रारम्भ हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के लिए ‘यूथ अड्डा’ बनाने का काम शुरू किया गया है, जहां उन्हें उद्यम की स्थापना से जुड़ी सभी जानकारियां उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही, ओडीओपी और विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से अपने परम्परागत हस्तशिल्पियों और कारीगरों को टूल-किट वितरण का कार्यक्रम चलाया गया है। आज विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना पीएम विश्वकर्मा के रूप में देश में बहुत लोकप्रिय हो रही है। परम्परागत हस्तशिल्पियों व कारीगरों की 16-17 श्रेणियां हैं, जो हमारे दैनिक जीवन की आवश्यकता की पूर्ति करते हैं। पहले वह उपेक्षित थे और वर्तमान की आवश्यकता के अनुरूप स्वयं को स्थापित नहीं कर पा रहे थे। हमने उन्हें विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना से जोड़ते हुए टूलकिट उपलब्ध कराई। उन्हें सस्ते में लोन उपलब्ध कराने का कार्य किया गया। इसके माध्यम से प्रदेश के एक लाख से अधिक हस्तशिल्पी लाभान्वित हुए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज उत्तर प्रदेश इण्टरनेशनल ट्रेड शो के तृतीय संस्करण का कर्टेन रेजर जारी किया गया है। यह हमारे हस्तशिल्पियों व कारीगरों को एक वृहद प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराने तथा प्रदेश के एमएसएमई क्षेत्र के विकास को डिस्प्ले करने का एक मंच है। उत्तर प्रदेश इण्टरनेशनल ट्रेड शो के माध्यम से देश और दुनिया उत्तर प्रदेश के पोटेंशियल को देखेगी। इसके पिछले दो संस्करण बहुत ही अच्छे एवं अपेक्षा से अधिक सफल हुए हैं। यह भी सफल होगा। इसका आयोजन 25 से 29 सितम्बर, 2025 तक ग्रेटर नोएडा के इण्डिया एक्सपो सेंटर में होगा। इसकी तैयारियां अभी से की जा रही हैं। इससे उत्तर प्रदेश के प्रोडक्ट को पुनः एक मंच मिलेगा, जहां देश व दुनिया के बायर्स आकर राज्य के सामर्थ्य को देखेंगे। आज यहां मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान ‘सीएम युवा’ का मोबाइल ऐप भी प्रारम्भ किया गया है।


मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के प्रोडक्ट को वैश्विक मान्यता प्राप्त हो सके, इस दृष्टि से हमने वाराणसी के ह्यूमन वेलफेयर एसोसिएशन के साथ एमओयू किया है। अब तक उत्तर प्रदेश के 77 प्रोडक्ट को जीआई टैग मिला है और 75 नये प्रोडक्ट को जीआई टैग दिलाने के लिए आवेदन किया गया है। हम प्रदेश के उत्पाद को उसकी पहचान के साथ जोड़ने काम कर रहे हैं।
एमएसएमई मंत्री राकेश सचान ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी सदैव छोटे उद्यमों की सहायता के लिए तत्पर रहते हैं। उनके निर्देशन में एमएसएमई क्षेत्र लगातार विकास कर रहा है। प्रदेश को वन ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में एमएसएमई इकाइयों का महत्वपूर्ण योगदान है। प्रदेश की सुदृढ़ कानून व्यवस्था, विश्वस्तरीय इंफ्रास्ट्रक्चर तथा निवेश अनुकूल माहौल से प्रदेश में उद्यमियों और निवेशकों का भरोसा बढ़ा है।इस अवसर पर कृषि उत्पादन आयुक्त दीपक कुमार, प्रमुख सचिव एमएसएमई आलोक कुमार, सचिव एमएसएमई श्री प्रांजल यादव, एस0एल0बी0सी0 समन्वयक शैलेन्द्र कुमार एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी, उद्यमी तथा गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।

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