Indian Industries Association : औद्योगिक भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में परिवर्तित किया जाए, CM को भेजा ज्ञापन

लव इंडिया, मुरादाबाद। औद्योगिक भूमि को लीज होल्ड से फ्री होल्ड में परिवर्तित करने हेतु इंडियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन की मांग का समर्थन करते हुए इस संबंध में मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश को संलग्न स्मरण पत्र अग्रसारित किए जाने का निवेदन किया।

इण्डियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन आईआईए वर्ष 1985 से कार्यरत एक प्रमुख औद्योगिक संगठन है। जो उत्तर प्रदेश सहित देशभर के सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों MSMEs के हितों की रक्षा व प्रगति हेतु सतत प्रयासरत है। वर्तमान में IIA के उत्तर प्रदेश में 40 से अधिक जिला स्तरीय चेष्टर एवं 14500 से अधिक सदस्य उद्यमों का सशक्त नेटवर्क है।
उत्तर प्रदेश के विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों में उद्योगों को आवंटित की गई लीज होल्ड भूमि को लेकर उद्यमियों को लंबे समय से गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इनमें प्रमुख रूप से निम्नलिखित समस्याएं सम्मिलित है। औद्योगिक भूमि के लीज होल्ड होने से उद्यमियों को अपने उद्योग में छोटे से छोटे कार्य के लिए यूपीसीडा का अथवा उद्योग निदेशालय से अनुमति लेने के लिए चक्कर लगाने पड़ते हैं जिसके कुछ उदाहरण निम्नलिखित हैं।यदि उद्यमी को अपने उद्योग में कोई नया उत्पाद बनाना है
बैंक लिमिट में बदलाव करना है या बैंक बदलना है
अपने उद्योग को Blood Relation में हस्तांतरित करना हो
उद्योग की भूमि एवं भवन किराये पर देने हों अथवा भूमि का अमलगमेशन या सेपरेशन करना हो इस प्रक्रिया में कई बार उद्यमी भ्रष्टाचार का भी शिकार बन जाते है।
इन समस्याओं के समाधान हेतु इण्डियन इंडस्ट्रीज़ एसोसिएशन की माँग है कि औद्योगिक प्रयोजन के लिए लीज होल्ड भूमि को फ्री होल्ड में परिवर्तित किया जाए। इससे न केवल उद्योगों को स्थायित्व मिलेगा, बल्कि राज्य सरकार को भी राजस्व में वृद्धि, निवेश में वृद्धि तथा रोजगार के अवसरों में वृद्धि जैसे प्रत्यक्ष लाभ प्राप्त होंगे।
IIA Moradabad Chapter द्वारा स्थानीय उद्यमियों से हस्ताक्षरित युक्त इस संबंध में एक पत्र विभिन्न संल्नो सहित जो मुख्यमंत्री, उत्तर प्रदेश को संबोधित है आपके माध्यम से प्रेषित किए जाने हेतु संलग्न किया जा रहा है।
इस दौरान, रवि कटारिया चैप्टर चेयरमैन राजेश भारतीय सचिव संजय पुरी कोषाध्यक्ष, सदस्य नीरज गुप्ता,सचिव करनवीर सिंह, अमित कपूर , माणिक जैन व अन्य पदाधिकारी।