राममंदिर के गर्भगृह के महापीठ के परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य पूरा

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निर्भय सक्सेना

लव इंडिया, बरेली। अयोध्या के निर्माणाधीन राम मंदिर परिसर के आठ एकड़ में वाले परकोटे में मुख्य प्रवेश द्वार सहित चार द्वार बनाने पर सहमति बनी है। अधिकतर परकोटे में एक ही प्रवेश द्वार होता है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में यह चर्चा हुई कि आपात स्थिति के लिए परकोटे में तीन दरवाजे और बनाए जाएं। इसलिए आठ एकड़ वाले परकोटे में चार प्रवेश द्वार बनाने को लेकर अब न्यास में सहमति भी बनी है। रामजन्म भूमि मंदिर परिसर में राममंदिर के गर्भगृह, प्लिंथ व रिटेनिंग वॉल का निर्माण कार्य प्रगति पर है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार राममंदिर के गर्भगृह के महापीठ के परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। राम मंदिर में नक्काशीदार पिलर भी अब जल्दी ही लगने शुरू होंगे।

राममंदिर निर्माण समिति एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक मीडिया को दी गई जानकारी में कहा गया कि राममंदिर परकोटे की डिजाइन फाइनल हो चुकी है। ड्राइंग पर प्रवेश द्वार के स्थान पर मंथन अभी जारी है। कहा गया कि परकोटे का निर्माण अक्तूबर या नवंबर 2022 से शुरू हो जाएगा। बताया गया की सबसे पहले राम मंदिर की पश्चिम दिशा से काम शुरू होगा। पश्चिम दिशा में अभी रिटेनिंग वाल का निर्माण काम चल रहा है। इसके पूरा होते ही परकोटे को आकार देने का काम अगले महीनों में प्रारंभ कर दिया जाएगा।राममंदिर निर्माण समिति एवं श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास की बैठक में मंदिर समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने निर्माण कार्यों की समीक्षा की। रामजन्मभूमि परिसर के 70 फीसदी भाग में लैंडस्केपिंग एवम अन्य निर्माण को लेकर भी चर्चा हुई।

न्यास के महासचिव चंपत राय ने बताया कि अयोध्या धाम की विभिन्न योजनाओं का स्थलीय निरीक्षण किया है। अयोध्या में जो योजनाएं चल रही हैं, तीर्थयात्रियों के लिए उनकी और क्या उपयोगिता हो सकती है। परिसर में वाहन पार्किंग निर्माण के चिन्हित स्थल को भी देखकर तय हुआ है कि जहां वाहन पार्किंग होगी वहां कई दुकान वाला कॉम्प्लेक्स भी बनेगा। रामभक्तों के लिए मूलभूत सुविधाएं भी वहां विकसित की जाएंगी। उन्होंने बताया कि रामजन्मभूमि परिसर में बनने वाले यात्री सुविधा केंद्र में क्या-क्या सुविधाएं विकसित की जानी है इसको लेकर चर्चा की गई।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के परिसर में बने कार्यालय प्रभारी श्री प्रकाश गुप्ता ने फोन पर पूछने पर उपरोक्त जानकारी दी। साथ ही यह भी कहा की जल्द ही नक्काशीदार पिलर भी अब लगने शुरू होंगे। बैठक में ट्रस्टी बिमलेंद्र मोहन प्रताप मिश्र, विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष विशाल सिंह, राममंदिर के आर्किटेक्ट आशीष सोमपुरा सहित एलएंडटी, टाटा व ट्रस्ट के इंजीनियर भी मौजूद थे।

न्यास से जुड़े डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार रामजन्मभूमि परिसर की लैंडस्केपिंग को लेकर चर्चा हुई। 70 एकड़ के परिसर में मात्र 30 फीसदी भाग में मंदिर निर्माण व अन्य प्रकल्प बनने हैं। शेष 70 फीसदी भूमि का विकास किस तरह किया जाए इसको लेकर चर्चा हुई। राम मंदिर परिसर के लैंडस्केपिंग की जिम्मेदारी दिल्ली की एक एजेंसी को सौंपी गई है।

एजेंसी के वास्तुकार की टीम ने नृपेंद्र मिश्र सहित न्यास के पदाधिकारियों के समक्ष लैंडस्केपिंग की योजनाओं का प्रजेंटेशन भी दिया था। मंदिर परिसर के 70 फीसदी एरिया को रामायणकालीन दृश्यों से सजाया जाएगा। रामायण कालीन वृक्षों से परिसर सज्जित होगा। पर्यावरण अनुकूल ही राममंदिर परिसर बनाने की योजना है। कई योजनाओं से मंदिर परिसर का आकर्षण बढ़ेगा।

रामजन्मभूमि परिसर में राममंदिर के श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के अनुसार राममंदिर के गर्भगृह के महापीठ के परिक्रमा पथ का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है। गर्भगृह में अब तक 210 पत्थर बिछाए जा चुके हैं। वहीं प्लिंथ का काम अगस्त के अंत तक पूरा हो जाएगा।

श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के सदस्य डॉ. अनिल मिश्र के अनुसार मंदिर के प्लिंथ में अब तक 12 हजार से अधिक पत्थर लग चुके हैं। अब केवल 4600 पत्थर लगने शेष बचे हैं। राम मंदिर की प्लिंथ का काम 20 अगस्त 2022 तक पूरा होने का लक्ष्य है । इसके साथ ही गर्भगृह की महापीठ के परिक्रमा पथ का निर्माण पूरा कर लिया गया है। महापीठ वह स्थल है जहां भगवान रामलला विराजेंगे। महापीठ के चारों तरफ एक गलियारा बनाया जा रहा है जो महापीठ का परिक्रमा पथ है। जहां से भगवान के गर्भगृह की परिक्रमा की जा सकेगी।

मंदिर की परिक्रमा के लिए एक विशाल परिक्रमा पथ अलग से प्रस्तावित है। करीब 20 फीट चौड़े परिक्रमा पथ में एक साथ पांच हजार राम भक्त परिक्रमा भी कर सकेंगे। मंदिर को प्राकृतिक आपदाओं से सुरक्षित रखने के लिए 12 मीटर गहरी रिटेनिंग वॉल का 90 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। कहा कि अब तक काफी दीवार बनकर तैयार है। जन्मभूमि परिसर में यात्री सुविधा केंद्र के लिए शीघ्र ही विकास प्राधिकरण में नक्शा पास कराने के लिए भेजा जाएगा। राम मंदिर में नक्काशीदार पिलर भी अब जल्दी ही लगने शुरू होंगे।

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