तनाव और चिंता मानव प्रकृति का अभिन्न अंग: दीपिका शर्मा

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लव इंडिया, मुरादाबाद। इन्वर्टिस यूनिवर्सिटी, बरेली की सहायक प्रोफेसर श्रीमती दीपिका शर्मा बोलीं, तनाव और चिंता मानव प्रकृति का एक अभिन्न अंग है। यह जानना अति आवश्यक है कि इससे कैसे निपटें और अंततः इसे दूर कैसे किया जाए?

श्रीमती दीपिका तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की ओर से तनाव और चिंता से मुकाबला करने वाले दिमागी प्रबंधन पर एक दिनी कार्यशाला में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहीं थीं। इससे पहले श्रीमती शर्मा ने बतौर मुख्य वक्ता, फैकल्टी ऑफ एजुकेशन की प्राचार्या प्रो. रश्मि मेहरोत्रा, श्री प्रेम प्रकाश कॉलेज ऑफ एजुकेशन के प्राचार्य डॉ. अशोक कुमार लखेरा, एआर श्री दीपक मलिक आदि ने मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। इस मौके पर मुख्य वक्ता का गुष्प गुच्छ देकर गर्मजोशी से स्वागत किया गया। अंत में स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित भी किया गया।

श्रीमती शर्मा ने बताया, युवा जिन तनावों का सामना करते हैं, उनके भिन्न-भिन्न प्रकार के होते हैं। तनाव को दूर करने में विश्राम चिकित्सा अहम है। साथ ही तनाव प्रबंधन की अनेक तकनीकें हैं। स्टुडेंट्स के प्रश्नों का उत्तर देते हुए श्रीमती शर्मा ने कहा, किसी भी बात को मन में बांधे रखने के बजाए बिना हिचक अपने सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक से साझा करे। छात्रा महक सिद्दीकी ने स्वागत नृत्य की मनमोहनी प्रस्तुति दी। वर्कशाप में श्रीमती पूनम चौहान, डॉ. शैफाली जैन, डॉ. हर्षवर्धन, डॉ. रवि प्रकाश सिंह, डॉ. मुक्ता गुप्ता, श्री गौतम सिंह, श्री महेश कुमार, श्री धर्मेन्द्र सिंह आदि भी मौजूद रहे। संचालन सुश्री रूबी शर्मा ने किया।

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