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Patanjali का घी खाने लायक नहीं: लैब टेस्ट में फेल
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में खाद्य विभाग द्वारा लिया गया पतंजलि देसी घी का सैंपल दो लैब में फेल हुआ। कोर्ट ने कंपनी, डिस्ट्रीब्यूटर और दुकानदार पर ₹1.40 लाख जुर्माना लगाया। पूरी जांच रिपोर्ट और घटनाक्रम पढ़ें।
🟦 दोनों प्रयोगशालाओं ने इसे खाने योग्य नहीं घोषित किया
उत्तराखंड के पिथौरागढ़ में बाबा रामदेव की कंपनी Patanjali Ayurved का “देसी गाय का घी” खाद्य सुरक्षा जांच में पूरी तरह फेल पाया गया।
राज्य स्तर और राष्ट्रीय स्तर — दोनों प्रयोगशालाओं ने इसे खाने योग्य नहीं घोषित किया।
कोर्ट ने कंपनी, उसके डिस्ट्रीब्यूटर और दुकानदार पर कुल ₹1,40,000 का जुर्माना लगाया।
🟦 घी खाद्य मानकों पर खरा नहीं उतरता
📌 20 अक्टूबर 2020
खाद्य सुरक्षा विभाग ने करन जनरल स्टोर, पिथौरागढ़ से पतंजलि गाय घी का नमूना लिया।
📌 2020 — रुद्रपुर लैब रिपोर्ट
राज्य स्तरीय लैब, रुद्रपुर ने रिपोर्ट में लिखा:
घी खाद्य मानकों पर खरा नहीं उतरता।
📌 26 नवंबर 2021 — राष्ट्रीय लैब रिपोर्ट
नमूना दूसरी बार राष्ट्रीय खाद्य प्रयोगशाला, गाजियाबाद भेजा गया।
वहाँ भी रिपोर्ट फेल हुई — घी को असुरक्षित (Unsafe) घोषित किया गया।
📌 17 फरवरी 2022 — केस कोर्ट में दाखिल
खाद्य सुरक्षा विभाग ने मामला अदालत में प्रस्तुत किया।
📌 27 नवंबर 2025 — कोर्ट का फैसला
लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने पतंजलि को दोषी मानते हुए ₹1.40 लाख का जुर्माना ठोका।
🟦 लैब रिपोर्ट में क्या पाया गया?
दोनों लैबों की मुख्य आपत्तियाँ:
- घी में मिलावट और मानकों से असंगति
- फ्री फैटी एसिड (FFA) स्तर मानक से अधिक
- शुद्ध घी में पाए जाने वाले अनिवार्य पोषक तत्वों की कमी
- उपभोक्ता स्वास्थ्य पर खतरे की आशंका
खाद्य विभाग ने इसे “खाने लायक नहीं” घोषित किया।
🟦 कंपनी पर लगा कितना जुर्माना?
| दोषी | जुर्माना (₹) |
|---|---|
| Patanjali Ayurved | 80,000 |
| डिस्ट्रीब्यूटर | 40,000 |
| दुकानदार | 20,000 |
| कुल | 1,40,000 |
🟦 अदालत ने क्या कहा?
अदालत ने यह स्पष्ट किया:
- उपभोक्ता स्वास्थ्य से खिलवाड़ बर्दाश्त नहीं
- मानकों से बाहर कोई भी खाद्य उत्पाद अपराध की श्रेणी में
- कंपनियों पर सख्त कार्रवाई आवश्यक
🟦 उपभोक्ताओं के लिए चेतावनी / सुझाव
यदि आपके घर में पतंजलि का पुराना स्टॉक मौजूद है:
✔ लेबल पर मैन्युफैक्चरिंग बैच जांचें
✔ यदि वही बैच हो — उपयोग बंद कर दें
✔ किसी भी असामान्य गंध, रंग या बनावट पर ध्यान दें
✔ स्वास्थ्य समस्या पर डॉक्टर से संपर्क करें
🟦 इस मामले का बड़ा असर – विश्लेषणात्मक रिपोर्ट
↪ Patanjali की विश्वसनीयता पर सवाल
पिछले एक वर्ष में रामदेव की कंपनी कई विवादों में रही है — एलोपैथी विवाद, दवा विज्ञापन मामले, और अब खाद्य गुणवत्ता।
↪ उपभोक्ता भरोसे पर बड़ा झटका
घी जैसे उत्पाद भारतीय घरों में रोजाना उपयोग होते हैं।
ऐसे में लैब में फेल होना सीधे जन स्वास्थ्य जोखिम है।
↪ Food Safety Department का मजबूत मैसेज
यह फैसला अन्य कंपनियों के लिए भी चेतावनी है कि गुणवत्ता से समझौता नहीं चलेगा।
🟦 खाद्य विभाग ने दी चेतावनी
अधिकारियों ने कहा कि जिन उपभोक्ताओं के पास इसी बैच का स्टॉक हो, वे—
उपयोग तुरंत बंद करें
किसी भी अनियमितता पर शिकायत दर्ज कराएं
🟦कंपनी का पक्ष?
फिलहाल कंपनी का कोई आधिकारिक बयान सार्वजनिक नहीं हुआ है।
🟦 निष्कर्ष
- खबर पूरी तरह सही है।
- मामला 2020 से 2025 तक चला।
- दो लैबों की रिपोर्ट फेल।
- यह मामला देश में खाद्य सुरक्षा और उपभोक्ता संरक्षण के लिए एक महत्वपूर्ण उदाहरण माना जा रहा है।
