Hindu Raksha Jagran Manch का प्रदर्शन, कहा- पश्चिम बंगाल में हिंदू असुरक्षित, ममता बनर्जी सरकार बर्खास्त करो

उमेश लव लव इंडिया मुरादाबाद। हिंदू रक्षा जागरण मंच ने गुरुवार को मुरादाबाद कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और कहा- पश्चिम बंगाल में वक्फ संपत्ति संशोधन कानून के विरोध/ आंदोलन की आड़ में हिंदुओं पर अत्याचार बढ़े हैं। पश्चिम बंगाल सरकार मूल दशक बनी हुई है और हिंसा की रोकथाम के कोई कदम नहीं उठा रही। इसलिए ममता बनर्जी सरकार को बर्खास्त किया जाए। इस संबंध में जिलाधिकारी द्वारा नामित अधिकारी को राष्ट्रपति के नाम संबोधित ज्ञापन भी दिया गया।

कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन करते हुए हिंदू रक्षा जागरण मंच के नेताओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल में हिंदू समाज के विरुद्ध हो रहे सुनियोजित और लगातार बढ़ते हमलों से न केवल मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन हो रहा है, अपितु राज्य की कानून-व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो चुकी है। ये घटनाएं न केवल धार्मिक स्वतंत्रता के अधिकार को कुचल रही हैं, बल्कि एक पक्षपाती प्रशासनिक तंत्र को भी उजागर कर रही हैं, जो तुष्टीकरण की नीति पर चल रहा है।

इस दौरान हिन्दू रक्षा जागरण मंच के राकेश अग्रवाल कोमल त्यागी बलवीर शास्त्री प्रशान्त पाठक रवि कुमार इंग्लेश शर्मा नितिन प्रजापति शेखर सतपाल सैनी सागर रस्तोगी विशाल दिवाकर विशाल प्रजापति आदि रहे।

ज्ञापन में निम्न मुद्दों को भी उठाया गया

पृष्ठभूमि व हाल की घटनाएं:

  1. रामनवमी और हनुमान जयंती के अवसर पर हमले मार्च और अप्रैल 2024-25 के दौरान, रामनवमी और हनुमान जयंती पर आयोजित धार्मिक शोभायात्राओं पर बंगाल के हावड़ा, उत्तर 24 परगना, बीरभूम, मुर्शिदाबाद और अन्य जिलों में हिंसक भीड़ द्वारा सुनियोजित हमला किया गया। तलवार, पेट्रोल बम और पत्थरों से हमले हुए, मंदिरों में तोड़फोड़ हुई और धार्मिक नारों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियों की गई।
  2. शमशेरगंज में हिंदू परिवार पर हमला 12 अप्रैल 2025 को मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज इलाके में पूजा कर रहे एक हिंदू परिवार पर हमला हुआ। हमलावर घर में घुस आए, तोड़फोड़ की, और महिलाओं से अभद्रता की। घटना के बावजूद पुलिस ने मामूली कार्रवाई कर मामला शांत करने की कोशिश की। यह घटना मीडिया में भी प्रमुखता से प्रकाशित हुई।
  1. वक्फ विवाद में पिता-पुत्र की हत्या: 12 अप्रैल 2025 को मुर्शिदाबाद जिले के शमशेरगंज क्षेत्र के जाफराबाद गांव में वक्फ संपत्ति विवाद को लेकर हुई हिंसा में एक उन्मादी भीड़ ने हरगोबिंद दास (72) और उनके पुत्र चंदन दास (40) की निर्मम हत्या कर दी। हमलावरों ने उनके घर में घुसकर उन्हें बाहर खींचा, बेरहमी से पीटा और धारदार हथियारों से हमला किया, जिससे उनकी मृत्यु हो गई। इस घटना में एक अन्य व्यक्ति की भी गोली लगने से मृत्यु हुई।
  2. पलायन की स्थितिः मालदा, बसीरहाट और मुर्शिदाबाद जैसे इलाकों में कई हिंदू परिवार लगातार पलायन कर रहे हैं। असुरक्षा की भावना के चलते सैकड़ों परिवार अपना घर-बार छोड़ चुके हैं।
  3. प्रशासनिक निष्क्रियता और पक्षपातः स्थानीय पुलिस और प्रशासनिक तंत्र पर राजनीतिक दबाव स्पष्ट है। दंगों में पीड़ितों की शिकायत दर्ज नहीं होती, और उल्टे हिंदू युवकों को ही गिरफ्तार किया जाता है। हिंसा के पीछे सक्रिय कट्टरपंथी तत्वों पर कोई सख्त कार्रवाई नहीं की जाती।
  4. धार्मिक असहिष्णुता को बढ़ावाः राज्य सरकार की निष्क्रियता और तुष्टीकरण की नीति ने कट्टरपंथियाँ का मनोबल बढ़ा दिया है। हिंदू धार्मिक गतिविधियों पर रोक और असहिष्णु व्यवहार अब आम हो चला है।

दृष्टिकोणः यह सब भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 (समानता का अधिकार), अनुच्छेद 21 व व्यक्तिगत स्वतंत्रता का अधिकार), अनुच्छेद 25 (धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार) और अनुच्छेद 19 संव्यक्ति की स्वतंत्रता) का स्पष्ट उल्लंघन है। अनुच्छेद 355 के अंतर्गत केंद्र सरकार की जिम्मेदारी है वह राज्य में संविधान के अनुसार शासन सुनिश्चित करे। पश्चिम बंगाल की वर्तमान स्थिति इस अनुच्छेद की भावना के सर्वथा विपरीत है।

हमारी विनम्र माँगेंः

  1. पश्चिम बंगाल में हुई हिंसक घटनाओं की CBI या न्यायिक आयोग द्वारा निष्पक्ष जांच कराई जाए।
  2. हमलों में पीड़ित परिवारों को संरक्षण, पुनर्वास और उचित मुआवजा प्रदान किया जाए।
  3. प्रशासनिक निष्क्रियता के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाए।
  4. राज्य में अनुच्छेद 356 के अंतर्गत राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए।
  5. देशभर में धार्मिक अल्पसंख्यकों या बहुसंख्यकों पर हो रहे हमलों की निगरानी हेतु एक राष्ट्रीय सांप्रदायिकला निगरानी आयोग की स्थापना की जाए।

निष्कर्षतः हम आपसे अपील करते हैं कि आप इस विषय को गंभीरता से लें और राष्ट्र के प्रत्येक नागरिक को सुरक्षा और सम्मान से जीवन जीने का अधिकार दिलाने हेतु आवश्यक कदम उठाएं।

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