फर्जी बिल ट्रेडिंग व बोगस फर्मों का जाल: GST चोरी में करोड़ों का घपला, पुलिस-SIT ने मास्टरमाइंड को किया गिरफ्तार
📰 फर्जी रजिस्ट्रेशन व फर्जी बिलिंग के जरिए सरकार को चूना
मुरादाबाद। अपराध शाखा मुरादाबाद ने बोगस फर्मों के जरिए करोड़ों रुपये के जीएसटी चोरी कर राजस्व को भारी नुकसान पहुंचाने वाले गैंग का भंडाफोड़ कर दिया। एसपी क्राइम संतोष कुमार ने गुरुवार को प्रेसवार्ता कर बताया कि टीम ने दिल्ली निवासी एक आरोपी सुमित कुमार को गिरफ्तार कर फर्जी फर्मों से जुड़े दस्तावेज, मोबाइल फोन, सिम कार्ड, लैपटॉप, डेबिट–क्रेडिट कार्ड और चेक सहित बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक सामग्री बरामद की है। आरोपी कई वर्षों से फर्जी रजिस्ट्रेशन व फर्जी बिलिंग के जरिए सरकार को चूना लगा रहा था।

🗂️ फर्जी जीएसटी फर्मों का बड़ा नेटवर्क बेनकाब
अपराध शाखा ने जांच में पाया कि आरोपी सुमित कुमार दिल्ली में बैठकर फर्जी फर्मों के दस्तावेज तैयार करता था और जीएसटी पोर्टल पर उनके रजिस्ट्रेशन कराकर बड़े स्तर पर घपला करता था।
🗂️ राजस्व को करोड़ों का नुकसान
फर्जी रजिस्ट्रेशन की आड़ में आरोपी ने इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) के नाम पर सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान पहुंचाया।
🗂️ मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
पुलिस ने मुख्य आरोपी सुमित कुमार पुत्र सुदर्शन कुमार, निवासी गली नंबर 70-08, मंदिर स्वरूप नगर, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली को गिरफ्तार किया।
🗂️ दो फर्जी फर्में चिन्हित
1️⃣ QBP Enterprises
2️⃣ Source Enterprises
जिनके नाम पर बड़े पैमाने पर फर्जी रजिस्ट्रेशन किए गए थे।
🗂️ मोबाइल नंबर के नाम पर खुली बोगस कंपनियाँ
जांच में सामने आया कि फर्मों का पंजीकरण अलग-अलग मोबाइल नंबरों पर कराया गया था, ताकि संदेह न हो।
🗂️ 2020 से 2024 तक सक्रिय था पूरा नेटवर्क
आरोपी ने पूछताछ में बताया कि वह 2020 से 2023 तक सीफार्म से जीएसटी की ऑनलाइन प्रोसेस सीख रहा था और 2024 में उसने खुद बोगस फर्में बनाना शुरू किया।
🗂️ कमीशन के लालच में शुरू हुआ खेल
सुमित को जीएसटी एजेंटों द्वारा कमीशन ऑफर किया गया, जिसके बाद उसने बड़े पैमाने पर फर्जी रिटर्न भरना शुरू किया।
🗂️ मोबाइल ऐप और ई-मेल से चलता था ऑपरेशन
जीएसटी पोर्टल, टिकटिंग, QR कोड, ई-वे बिल आदि की कार्रवाई मोबाइल और ई-मेल के माध्यम से की जाती थी।
🗂️500 से अधिक फर्मों का रजिस्ट्रेशन स्वीकार
आरोपी ने माना कि उसने लगभग 500 फर्जी फर्मों का रजिस्ट्रेशन कराया, जिनमें से कई अभी भी एक्टिव हैं।
🗂️20–22 फर्में सक्रिय, 15 से अधिक कार्ड बरामद
पुलिस को आरोपी के पास से 15 डेबिट/क्रेडिट कार्ड मिले, जिनसे वह फर्जी लेनदेन करता था।
🗂️दस्तावेजों की भारी बरामदगी
बरामदगी में शामिल—
- एक मोबाइल फोन
- एक सिम कार्ड
- तीन लैपटॉप
- एक पेन ड्राइव
- 15 डेबिट/क्रेडिट कार्ड
- 4 चेक
🗂️फोटो लेकर तैयार करता था नकली दस्तावेज
आरोपी ग्राहकों से आधार, पैन, बिजली बिल आदि की फोटो लेकर ही फर्जी रजिस्ट्रेशन कर देता था।
🗂️टेलीग्राम व व्हाट्सऐप पर चलता था नेटवर्क
सारा डाटा, रजिस्ट्रेशन फॉर्म और आईडी कार्ड इन्हीं माध्यमों से भेजे जाते थे।
🗂️दिल्ली से पूरे उत्तर भारत में फैला नेटवर्क
आरोपी ने फर्जी कंपनियों के जरिए उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और राजस्थान में जीएसटी चोरी करवाई।
🗂️जिन फर्मों पर कार्रवाई हुई
दोनों फर्मों पर मुकदमा दर्ज—
- मुअसंख्या 838/2025 धारा 318(4)/338/336(2)/340(2) बी.एन.एस., थाना सिविल लाइन मुरादाबाद
- मुअसंख्या 839/2025 धारा 318(4)/338/336(2)/340(2) बी.एन.एस.
🗂️पुलिस की विशेष टीम ने किया खुलासा
एसपी क्राइम संतोष कुमार के नेतृत्व में टीम ने तकनीकी साक्ष्यों का विश्लेषण कर आरोपी को पकड़ा।
🗂️ गिरफ्तारी टीम के अधिकारी
- उप निरीक्षक विवेक यादव
- महिला उप निरीक्षक पूजा
- हेड कांस्टेबल अरुण प्रताप सिंह
- हेड कांस्टेबल प्रशांत
🗂️ कैसे हुआ पूरा खेल?
आरोपी पहले फर्जी फर्म बनाता, फिर उनका उपयोग कर ITC क्लेम कराता और लाखों रुपये की हेराफेरी करता।
🗂️ फर्जी बैंक खातों की लंबी लिस्ट
आरोपी अलग-अलग बैंकों में खातों का उपयोग डिजिटल भुगतान के लिए करता था।
🗂️पुलिस आगे कर सकती है और गिरफ्तारियाँ
पुलिस इस गैंग से जुड़े और लोगों की तलाश में है। जल्द ही नए खुलासे हो सकते हैं।
🧾 आरोपी का विवरण
नाम: सुमित कुमार
पिता का नाम: सुदर्शन कुमार
पता: गली 70-08, मंदिर स्वरूप नगर, नॉर्थ वेस्ट दिल्ली
📌 आपराधिक इतिहास
आरोपी के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए—
- मुअसंख्या 838/2025 धारा 318(4)/338/336(2)/340(2) बी.एन.एस., थाना सिविल लाइन
- मुअसंख्या 839/2025 समान धाराएँ
