मुरादाबाद में करोड़ों की GST चोरी का खुलासा: 124 फर्जी फर्मों वाले बिल-ट्रेडिंग गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार
लव इंडिया, मुरादाबाद। मुरादाबाद में करोड़ों की GST चोरी का खुलासा हुआ है। SIT ने आर्थिक अपराध में शामिल बड़े नेटवर्क का भंडाफोड़ किया क्योंकि कॉल सेंटर से फर्जी GST फर्मों की सप्लाई संचालित होती थी। 124 फर्जी फर्मों वाले बिल-ट्रेडिंग गैंग के दो आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं। इनमें एक मेरठ का और दूसरा शाहजहांपुर जिले का है।
करोड़ों की अवैध कमाई का आरोपी ने किया खुलासा
- करोड़ों के GST चोरी रैकेट का भंडाफोड़
- SIT (अपराध शाखा) ने 2 आरोपियों को दबोचा
- कुल 124 फर्जी फर्मों के जरिए की जा रही थी बिल-ट्रेडिंग
- मोबाइल फोन, 8 ATM कार्ड, 3 आधार कार्ड सहित कई दस्तावेज़ बरामद
- 4–5 करोड़ की अवैध कमाई का आरोपी ने किया खुलासा
1️⃣ मामला क्या है?
मुरादाबाद में जीएसटी सहायक आयुक्त, सचल दल इकाई द्वितीय एवं पष्ठम द्वारा दी गई तहरीर पर दो बड़ी फर्जी फर्में—AK Enterprises और Saurabh Enterprises संदिग्ध पाई गईं।
जांच में सामने आया कि इन फर्मों से जुड़े मोबाइल नंबर पर 62-62 मिलाकर कुल 124 फर्जी GST फर्में पंजीकृत थीं।
2️⃣ इन फर्मों का इस्तेमाल कैसे होता था?
- फर्जी दस्तावेज़ों से कंपनियाँ रजिस्टर करना
- इन कंपनियों की GST ID–Password खरीदकर
- CA के माध्यम से फर्जी ई-वे बिल व इनवॉइस तैयार करवाना
- इन्वॉइस की बिल-ट्रेडिंग कर इनपुट टैक्स क्रेडिट (ITC) का फर्जी लाभ लेना
- हर 100 रुपये पर 30 पैसे कमीशन
- 6 करोड़ के फर्जी बिल पर आरोपी को लगभग 1.80 लाख रुपए मिलते थे
3️⃣ एसआईटी ने कैसे पकड़ा?
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के निर्देश पर गठित एसआईटी ने
- तकनीकी निगरानी
- मोबाइल नंबर विश्लेषण
- बैंक खातों की गतिविधि
- कॉल सेंटर की भूमिका
का पता लगाया और गैंग के दो सक्रिय सदस्यों को गिरफ्तार किया।
4️⃣ गिरफ्तार आरोपी
| क्रमांक | नाम | निवास |
|---|---|---|
| 1 | मो. इखलाक मलिक, पुत्र स्व. मेहरबान | शास्त्री नगर, थाना नौचंदी, मेरठ |
| 2 | इत्तेफात आलम उर्फ दानिश कबाड़ी, पुत्र आफताब आलम | चमकनी गरिपुरा, थाना रामचंद्र मिशन, शाहजहाँपुर |

5️⃣ बरामद सामग्री
- 01 मोबाइल फोन
- 08 एटीएम कार्ड
- 01 पॉलिसी बाजार कार्ड
- 03 आधार कार्ड
6️⃣ पूछताछ में बड़ा खुलासा
इखलाक ने बताया—
- 2022 में आर्थिक तंगी के कारण GST धोखाधड़ी में शामिल हुआ।
- दिल्ली स्थित काल सेंटर फर्जी GST फर्में उपलब्ध कराता था।
- यह काल सेंटर नौकरी/लोन के नाम पर लोगों का डाटा, ओटीपी व दस्तावेज़ लेकर उनके नाम पर फर्में खोल देता था।
- एक फर्म की ID–Password ₹30,000 से ₹1,50,000 में मिलती थी।
- इखलाक इन फर्मों को लुधियाना और कानपुर के CA को देकर फर्जी इनवॉइस तैयार करवाता था।
- आरोपी ने स्वीकार किया कि उसकी 5 लोगों की टीम है और अब तक 4–5 करोड़ रुपए की कमाई कर चुके हैं।
7️⃣ फर्म मालिक भी बने शिकार
प्रोप्राइटर अंकित कुमार व सौरभ कुमार को नौकरी और लोन दिलाने के नाम पर गुमराह कर उनके दस्तावेजों से फर्जी फर्में बनाई गईं।
8️⃣ दर्ज मुकदमे
थाना सिविल लाइंस में दो मुकदमे दर्ज:
- मु.अ.सं. 838/2025
- मु.अ.सं. 839/2025
धारा – 318(4)/338/336(2)/340(2) बी.एन.एस.
गैंग का तरीका –
आर्थिक तंगी के कारण इखलाक ने 2022 में बोगस फर्में खरीदीं। दिल्ली‑स्थित काल‑ सेंटर से 30 हज़ार‑ 1.5 लाख रुपये में फर्म‑आईडी/ पासवर्ड लेकर फर्जी ई‑वे बिल बनवाए। इन बिलों की ट्रेडिंग से प्रति ₹100 पर ₹0.30 का कमीशन मिला, जिससे 6 करोड़ रुपये के फर्जी इनवॉइस पर लगभग ₹1.8 लाख की आय हुई।
फर्मों की संख्या –
कुल 124 बोगस फर्में (62‑62 फर्में दो अलग‑अलग मोबाइल नंबर पर) पंजीकृत थीं, सभी फर्जी दस्तावेज़ों से बनाई गई थीं।

इखलाक से पूछताछ की गई
तो उसने बताया कि वर्ष 2022 में उसकी टायर (व्हील बैलेंसिंग) तथा वॉशिंग की दुकान शास्त्री नगर, मेरठ में थी। कारोबार में नुकसान होने के बाद आर्थिक तंगी की वजह से बहुत परेशान था तो पुराने जानकार शाहिद ने बताया कि वह जीएसटी की बोगस फर्म बनवाकर बिना कुछ पैसे लगाए केवल बिल ट्रेडिंग कर आईटीसी के पैसे लिए जा सकते हैं। इसके लिए पहले से रजिस्टर्ड बोगस फर्म की आईडी पासवर्ड दिल्ली से 50,000 रु से 150,000 रु तक में मिल जाती है जिसके बाद वह फर्म सीए को देकर फर्जी ई-वे बिल बनावाकर बिल ट्रेडिंग की जाती है जिससे बाद में आईटीसी पास आन करके पैसे कमाए जा सकते हैं। यदि बोगस (फर्जी) फर्मों के माध्यम से बिलिंग की जाए, तो इसमें काफी मुनाफा कमाया जा सकता है तथा पकड़े जाने का भी कोई विशेष जोखिम नहीं रहेगा, क्योंकि सभी फर्मे फर्जी होंगी। चूंकि इखलाक आर्थिक तंगी से परेशान था तो उसने शाहिद के कहे अनुसार दिल्ली से पहले से रजिस्टर्ड फर्म खरीदकर लुधियाना और कानपुर में काम करने वाले सीए को देकर फर्जी ई-वे बिल बनवाकर बिल ट्रेडिंग करने लगा। इस ट्रेडिंग में इखलाक को इनवाईस में टेक्सेवल वेल्यू के हिसाब से प्रति सौ रु० पर 30 पैसे मिलते थे जैसे 6 करोड के फर्जी इनवाईस व ई-वे बिल बनवाकर देने पर 1,80,000 रु मिल जाते । इसमें फर्म की ट्राजेंक्शन को एक नम्बर में बैंक खातों से दिखाया जाता बाद में कैश निकालकर अपना हिस्सा रखकर वापस देते।
अभियुक्त के अनुसार
फर्जी फर्मों का प्रबंध दिल्ली में चल रहे काल सेंटर द्वारा किया जाता जो नौकरी अथवा लोन के नाम पर गूगल पर एडवर्टाईजमेंट चलाकर भोले भाले लोगों को गुमराह कर उनका डेटा चोरी कर ओटीपी लेकर फर्जी फर्म खोल दी जाती है, दिल्ली का काल सेंटर इकलाख से प्रत्येक फर्म के बदले राज्य के अनुसार 30,000/- से 1,50,000/- रुपये तक लेता था। काल सेंटर से प्राप्त फर्जी GST फर्मों का यूजर नेम व पासवर्ड वाट्सऐप के माध्यम से सीए को उपलब्ध कराया जाता था, जिनका उपयोग कर वही सीए फर्जी बिल, ई-वे बिल आदि दस्तावेज तैयार करता था। इसी प्रक्रिया में प्रयुक्त मोबाइल नंबर 80xxxxxx537 ए.के. एंटरप्राइजेज तथा सौरभ एंटरप्राइजेज दोनों में प्रयुक्त होता रहा।
थाना सिविल लाईन पर पंजीकृत अभियोगों में भी दर्शाए गए फर्म प्रोपराईटर अंकित कुमार व सौरभ कुमार को दस्तावेजों का भी नौकरी दिलाने व लोन दिलाने के नाम पर दुरुपयोग कर फर्जी फर्म खोलकर जीएसटी चोरी करना प्रकाश में आया है,
अभियुक्त इखलाक ने स्वीकार किया कि इस पूरे कार्य को करने में उसकी पांच लोगों की टीम है, जिनके साथ मिलकरे उसने अब तक लगभग चार से पांच करोड रुपये तक की अवैध कमाई कर ली है।
रफ्तार बरामद वस्तुएँ
Gइखलाक से पूछताछ की गई तो उसने बताया कि वर्ष 2022 में उसकी टायर (व्हील बैलेंसिंग) तथा वॉशिंग की दुकान शास्त्री नगर, मेरठ में थी। कारोबार में नुकसान होने के बाद आर्थिक तंगी की वजह से बहुत परेशान था तो पुराने जानकार शाहिद ने बताया कि वह जीएसटी की बोगस फर्म बनवाकर बिना कुछ पैसे लगाए केवल बिल ट्रेडिंग कर आईटीसी के पैसे लिए जा सकते हैं। इसके लिए पहले से रजिस्टर्ड बोगस फर्म की आईडी पासवर्ड दिल्ली से 50,000 रु से 150,000 रु तक में मिल जाती है जिसके बाद वह फर्म सीए को देकर फर्जी ई-वे बिल बनावाकर बिल ट्रेडिंग की जाती है जिससे बाद में आईटीसी पास आन करके पैसे कमाए जा सकते हैं। यदि बोगस (फर्जी) फर्मों के माध्यम से बिलिंग की जाए, तो इसमें काफी मुनाफा कमाया जा सकता है तथा पकड़े जाने का भी कोई विशेष जोखिम नहीं रहेगा, क्योंकि सभी फर्मे फर्जी होंगी। चूंकि इखलाक आर्थिक तंगी से परेशान था तो उसने शाहिद के कहे अनुसार दिल्ली से पहले से रजिस्टर्ड फर्म खरीदकर लुधियाना और कानपुर में काम करने वाले सीए को देकर फर्जी ई-वे बिल बनवाकर बिल ट्रेडिंग करने लगा। इस ट्रेडिंग में इखलाक को इनवाईस में टेक्सेवल वेल्यू के हिसाब से प्रति सौ रु० पर 30 पैसे मिलते थे जैसे 6 करोड के फर्जी इनवाईस व ई-वे बिल बनवाकर देने पर 1,80,000 रु मिल जाते । इसमें फर्म की ट्राजेंक्शन को एक नम्बर में बैंक खातों से दिखाया जाता बाद में कैश निकालकर अपना हिस्सा रखकर वापस देते।
अभियुक्त के अनुसार, फर्जी फर्मों का प्रबंध दिल्ली में चल रहे काल सेंटर द्वारा किया जाता जो नौकरी अथवा लोन के नाम पर गूगल पर एडवर्टाईजमेंट चलाकर भोले भाले लोगों को गुमराह कर उनका डेटा चोरी कर ओटीपी लेकर फर्जी फर्म खोल दी जाती है, दिल्ली का काल सेंटर इकलाख से प्रत्येक फर्म के बदले राज्य के अनुसार 30,000/- से 1,50,000/- रुपये तक लेता था। काल सेंटर से प्राप्त फर्जी GST फर्मों का यूजर नेम व पासवर्ड वाट्सऐप के माध्यम से सीए को उपलब्ध कराया जाता था, जिनका उपयोग कर वही सीए फर्जी बिल, ई-वे बिल आदि दस्तावेज तैयार करता था। इसी प्रक्रिया में प्रयुक्त मोबाइल नंबर 80xxxxxx537 ए.के. एंटरप्राइजेज तथा सौरभ एंटरप्राइजेज दोनों में प्रयुक्त होता रहा।
थाना सिविल लाईन पर पंजीकृत अभियोगों में भी दर्शाए गए फर्म प्रोपराईटर अंकित कुमार व सौरभ कुमार को दस्तावेजों का भी नौकरी दिलाने व लोन दिलाने के नाम पर दुरुपयोग कर फर्जी फर्म खोलकर जीएसटी चोरी करना प्रकाश में आया है,
अभियुक्त इखलाक ने स्वीकार किया कि इस पूरे कार्य को करने में उसकी पांच लोगों की टीम है, जिनके साथ मिलकरे उसने अब तक लगभग 4,00,00,000/- से 5,00,00,000/- (चार-पांच करोड रुपये) तक की अवैध कमाई कर ली है।
[22/11, 3:39 pm] Business assistant: मुरादाबाद – फर्जी बिल‑ट्रेडिंग गैंग का पर्दाफाश
तारीख : 21 नवंबर 2025
बरामद वस्तुएँ
GST‑चोरी के लिये बोगस फर्में बनाकर बिल‑ट्रेडिंग 1. एकेई इण्टरप्राईजेज (GSTIN 09FQBPK3516D1Z3)
2. सौरभ इण्टरप्राईजेज (GSTIN 09GZUPM6281C1ZP) 1. मो. इखलाक मलिक (शास्त्री नगर, मेरठ)
2. इत्तेफात आलम उर्फ दानिश कबाडी (शाहजहाँपुर) 1 मोबाइल फ़ोन, 8 एटीएम कार्ड, 1 कार्ड (पॉलिसी बाजार), 3 आधार कार्डST‑चोरी के लिये बोगस फर्में बनाकर बिल‑ट्रेडिंग 1. एकेई इण्टरप्राईजेज (GSTIN 09FQBPK3516D1Z3)
2. सौरभ इण्टरप्राईजेज (GSTIN 09GZUPM6281C1ZP) 1. मो. इखलाक मलिक (शास्त्री नगर, मेरठ)
2. इत्तेफात आलम उर्फ दानिश कबाडी (शाहजहाँपुर) 1 मोबाइल फ़ोन, 8 एटीएम कार्ड, 1 कार्ड (पॉलिसी बाजार), 3 आधार कार्ड
