atal birth centenary year में लोकतंत्र सेनानी Virendra Atal का किया सम्मान

लव इंडिया बरेली। साहित्यिक संस्था शब्दांगन के तत्वावधान में अटल जन्म शताब्दी वर्ष पर आठवे कार्यक्रम में ओजस्वी वक्ता के रूप में लोकतंत्र सेनानी वीरेंद्र अटल को “अटल मन: ओजस्वी वक्ता ” सम्मान से सम्मानित किया गया।

अटल जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण किया

मुख्य अतिथि डा श्वेतकेतु शर्मा, शब्दांगन के महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी और लोकतंत्र सेनानी विनोद कुमार गुप्ता, पत्रकार जनार्दन आचार्य, निर्भय सक्सेना ने वीरेंद्र अटल को मोती की माला, स्मृति चिन्ह्, प्रमाणपत्र, पगड़ी और उत्तरीय से सम्मानित किया। बिहारीपुर खत्रियान स्थित शब्दांगन सभागार में कार्यक्रम का प्रारंभ कवि रणधीर प्रसाद गौड़ धीर की वाणी वंदना से हुआ। उपस्थित सभी लोगों ने अटल जी के चित्र पर माल्यार्पण और पुष्पार्पण किया।

राजनीति में शुचिता और मानवता का हित अटल बिहारी वाजपेयी से सीख सकते हैं


अपने सम्मान पर सम्मानित वीरेंद्र अटल ने शब्दांगन का आभार जताया और कहा कि अटल जी से उनके व्यक्तिगत संबध थे और वो ही उनके प्रेरणास्रोत थे। राजनीति में शुचिता और मानवता का हित कोई भी प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से सीख सकते हैं।


भारतीय राजनीति का अजातशत्रु कहा जाता है

मुख्य अतिथि आर्य समाज के विद्वान डॉ श्वेतकेतु शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी पत्रकार, ओजस्वी वक्ता, रचनात्मक राजनीतिज्ञ, संपादक, कवि, प्रधानमंत्री, भारत रत्न और निर्भीक व्यक्ति थे। कठिन परिस्थितियों में भी राजनीति को नई दिशा प्रदान की और इसी कारण उन्हें भारतीय राजनीति का अजातशत्रु कहा जाता है।


कार्यक्रम में अजयराज शर्मा, रामकुमार अफरोज, प्रवीण भारद्वाज, विनोद कुमार गुप्ता, विशाल शर्मा, रणधीर प्रसाद गौड़ धीर, ए के सिंह तन्हा, बिंदु सक्सेना, डॉ अखिलेश चंद्र गुप्ता, रितेश साहनी , संतोष कपूर, वंश कक्कड़ ने अटल जी से संबंधित कविताएं सुनाई और संस्मरण सुनाये। संचालन महामंत्री इंद्रदेव त्रिवेदी ने किया और सभी का आभार सदस्य विशाल शर्मा ने व्यक्त किया।

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