दिल्ली चुनाव : भाजपा की जीत और आप की हार पर नेताओं की प्रतिक्रियाएं
![](https://loveindianational.com/wp-content/uploads/2025/02/IMG-20250209-WA0439.jpg)
दिल्ली चुनाव में AAP की हार पर उमर, अन्ना और संजय राउत की प्रतिक्रिया
दिल्ली विधानसभा चुनाव में 27 साल बाद भाजपा ने सत्ता में वापसी की और आम आदमी पार्टी (AAP) को बड़ा झटका दिया। इस हार पर कई राजनीतिक नेताओं ने अपनी प्रतिक्रियाएं दी हैं। शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कांग्रेस और AAP के अलग-अलग चुनाव लड़ने को हार का कारण बताया। उन्होंने कहा कि अगर दोनों दल साथ होते तो भाजपा की हार तय थी। साथ ही, उन्होंने भाजपा पर दिल्ली में ‘महाराष्ट्र पैटर्न’ लागू करने का आरोप लगाया। अन्ना हजारे ने AAP की हार के लिए शराब नीति को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि अरविंद केजरीवाल अपनी छवि को बेदाग नहीं रख सके और इसी वजह से जनता ने उन्हें नकार दिया। जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी AAP और कांग्रेस की आपसी लड़ाई को हार का कारण बताया।
दिल्ली चुनाव में मोदी मैजिक : जिन जिलों में किया प्रचार, वहां BJP को बढ़त
दिल्ली विधानसभा चुनाव के रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को बहुमत मिलता दिख रहा है। इस जीत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रभाव साफ नजर आ रहा है। पीएम मोदी ने जहां-जहां प्रचार किया, वहां भाजपा को जबरदस्त बढ़त मिली। प्रधानमंत्री ने दिल्ली के चार प्रमुख जिलों—उत्तर-पश्चिम दिल्ली, पूर्वोत्तर दिल्ली, दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और नई दिल्ली में प्रचार किया। उनकी रैलियों का असर इन जिलों की कई विधानसभा सीटों पर दिखा, जहां भाजपा उम्मीदवारों ने मजबूत स्थिति बना ली। 3 जनवरी को रोहिणी से शुरू हुई पीएम की रैली अभियान में 29 जनवरी को पूर्वोत्तर दिल्ली, 31 जनवरी को दक्षिण-पश्चिम दिल्ली और अंत में नई दिल्ली जिले में प्रचार किया गया। इन सभी क्षेत्रों में भाजपा को अच्छी बढ़त मिलती नजर आ रही है, जिससे साफ है कि पीएम मोदी की लोकप्रियता ने चुनावी नतीजों को प्रभावित किया।
दिल्ली की 14 सीटों पर कांग्रेस की वजह से हारी ‘आप’, गठबंधन न करने का भुगता खामियाजा
दिल्ली विधानसभा के चुनाव परिणाम में बीजेपी को प्रचंड बहुमत प्राप्त हो गया। वहीं आम आदमी पार्टी की करारी हार हुई, जो पिछले 10 साल से दिल्ली की सत्ता पर काबिज थी। वहीं कांग्रेस के हाथ एक भी सीट नहीं आ पाई। कांग्रेस का सूपड़ा जरूर साफ हो गया, लेकिन 70 सीटों में से 14 सीटें ऐसी रही, जिन पर कांग्रेस के कारण ‘आप’ को हार का सामना करना पड़ा। दिल्ली चुनाव के परिणामों पर जम्मू कश्मीर के सीएम उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आम आदमी पार्टी पर निशाना साधते हुए कह दिया कि ‘और लड़ो आपस में’। इस बयान का यही मतलब निकलता है कि कांग्रेस की वजह से आप की हार में वोटों का मार्जिन बहुत कम रहा। यदि आप और कांग्रेस में गठबंधन होता तो दिल्ली में दोनों पार्टियों की गठबंधन की सीटें 37 हो सकती थीं, जो बहुमत से एक सीट ज्यादा है। दरअसल, 14 सीटें ऐसी रहीं, जिनमें आप की हार का अंतर कांग्रेस को मिले मतों से कम है।
दिल्ली चुनाव : भाजपा की जीत पर विपक्षी नेताओं की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने बहुमत हासिल कर लिया है, जिससे आम आदमी पार्टी को बड़ा झटका लगा है। चुनावी नतीजों पर विपक्षी नेताओं की प्रतिक्रिया सामने आ रही है। जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने कांग्रेस और आप के अलग-अलग लड़ने पर तंज कसते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, “और लड़ो आपस में!” वहीं, शिवसेना (यूबीटी) नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कांग्रेस और आप ने गठबंधन किया होता तो भाजपा की हार तय थी। भाजपा नेता सुधांशु त्रिवेदी ने इसे पीएम मोदी की नीतियों पर जनता के भरोसे की जीत बताया और कहा कि दिल्ली के लोग “प्रयोग की राजनीति से थक चुके थे।” सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने आम आदमी पार्टी की हार को अरविंद केजरीवाल की छवि से जोड़ा। उन्होंने कहा कि “शराब घोटाले के आरोपों से उनकी छवि धूमिल हुई, जिससे जनता का भरोसा टूटा।”
दिल्ली चुनाव : आप की हार पर अन्ना हजारे ने साधा निशाना
दिल्ली विधानसभा चुनाव में भाजपा ने आम आदमी पार्टी के विजय रथ को रोक दिया है। अब तक के रुझानों में भाजपा को स्पष्ट बहुमत मिलता दिख रहा है, जबकि सीएम आतिशी को छोड़कर लगभग पूरी कैबिनेट हार चुकी है। आम आदमी पार्टी की हार पर सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “शराब नीति और पैसे की राजनीति के कारण पार्टी डूब गई।” उन्होंने अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि “जो व्यक्ति चरित्र की बात करता था, वही भ्रष्टाचार और शराब नीति में उलझ गया।” अन्ना हजारे ने यह भी कहा कि “आप निस्वार्थ सेवा करने में असफल रही और गलत रास्ते पर चली गई, जहां पैसे ने प्राथमिकता ले ली और जनता की सेवा पीछे रह गई।” गौरतलब है कि 2011 में अन्ना हजारे के नेतृत्व में भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन हुआ था, जिससे प्रेरित होकर अरविंद केजरीवाल ने 2012 में आम आदमी पार्टी की स्थापना की थी। हालांकि, बाद में दोनों के रास्ते अलग हो गए।
दिल्ली जीत का भाजपाइयों ने मनाया जश्न
दिल्ली विधानसभा चुनावों में भाजपा की जीत पर पार्टी कार्यकर्ताओं में उत्साह देखने को मिला। कार्यकर्ताओं में जश्न का माहौल रहा उन्होंने मिठाईयां बांटी और एक-दूसरे को जीत की बधाई दी। मंडल उपाध्यक्ष अनिल बंसल ने इस जीत को दिल्ली की जनता का भाजपा पर विश्वास बताया और कहा कि पार्टी बेहतर काम करके जनता की उम्मीदों पर खरी उतरेगी। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व व कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत और समर्पण को इस जीत का श्रेय दिया। इस अवसर पर सोमेश कौशिक, देवेंद्र गुप्ता, सुनील, प्रमोद शर्मा, नितेश कुमार, कन्हैयालाल आदि थे।