Maha Kumbh: यातायात व स्वच्छता व्यवस्था बनाए रखने में CM Yogi की श्रद्धालुओं से सहयोग की अपील
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ प्रयागराज में आ रहे सभी श्रद्धालुओं से यातायात व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने में सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ आस्था का महापर्व है, जिसमें पूरे देश और दुनिया के लोग भाग लेने के लिए उत्साहित हैं। ऐसे में सभी का सकारात्मक सहयोग इस आयोजन की सफलता को कई गुना बढ़ा सकता है।
मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से अनुरोध किया कि वे अपने वाहनों को सड़कों पर खड़ा न करें, बल्कि निर्धारित पार्किंग स्थलों का उपयोग करें, जिससे सभी को पवित्र त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाने का सुगम अवसर मिल सके।मुख्यमंत्री ने संतों, आश्रमों और विभिन्न धार्मिक एवं सामाजिक संस्थाओं से अपील की कि वे भंडारे और प्रसाद वितरण की पवित्र व्यवस्था को अनवरत जारी रखें, ताकि सभी श्रद्धालु इसका लाभ उठा सकें।
उन्होंने महाकुंभ में स्वच्छता बनाए रखने की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि यह हर व्यक्ति की जिम्मेदारी है। मुख्यमंत्री ने श्रद्धालुओं से स्वयं स्वच्छता का पालन करने और अन्य लोगों को भी इसके लिए प्रेरित करने का आह्वान किया।
इस रेलवे स्टेशन पर भी आधी रात में भगदड़ जैसे हालात
महाकुंभ जाने के लिए भीड़ का रेला थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले शनिवार की तरह की इस बार भी सेंट्रल रेलवे और बस स्टेशन पर आधी रात के बाद भीड़ उमड़ पड़ी। हालातों का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि रात 12 बजे सेंट्रल रेलवे स्टेशन पर प्रयागराज जाने के लिए करीब 50 हजार और बस स्टेशन पर करीब दस हजार की भीड़ जमा थी।भारी भीड़ के चलते रेलवे स्टेशन पर कई बार भगदड़ जैसे हालात नजर आए। यह देखकर रेल प्रशासन और पुलिस प्रशासन के हाथ पांव फूले रहे। वहीं अचानक भीड़ बढ़ने के बीच चौरीचौरा एक्सप्रेस जब शाम पांच बजे प्लेटफार्म सात पर आई तो लोग बैठने के लिए दौड़ पड़े। ट्रेन पर चढ़ने को लेकर आपस में मारपीट हो गई। यात्रियों ने एसी कोच के दरवाजे बंद कर लिए, जिससे घंटे भर ट्रेन प्लेटफार्म पर खड़ी रही।
दिल्ली स्टेशन पर मरने वालों में से आधे बिहारी
नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर शनिवार की रात दर्दनाक हादसा हुआ। स्टेशन पर यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ने से भगदड़ मच गई। हादसे में 18 यात्रियों की मौत हो गई, जबकि 20 से अधिक घायल हो गए हैं। मरने वाले 18 में से 10 लोग बिहार से ही हैं। इनमें समस्तीपुर तीन, नवादा के दो, पटना, वैशाली, बक्सर और सारण के एक-एक लोग शामिल हैं। वहीं एक महिला भी बिहार की मूल निवासी हैं। लेकिन, वह दिल्ली में ही रहती थीं। भगदड़ में मरने वालों में छह महिलाएं, तीन बच्चे और एक पुरुष शामिल हैं।