TMU Students के लिए वरदान साबित होगा Cab

लव इंडिया, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के टीचिंग, लर्निंग एंड डवलपमेंट सेंटर-सीटीएलडी की ओर से नवाचार हेतु अकादमिक-औद्योगिक समन्वय पर प्रथम कॉर्पाेरेट एडवाइजरी बोर्ड- कैब की ऑनलाइन मीटिंग में टीएमयू के वीसी प्रो. वीके जैन ने उम्मीद जताई, कैब स्टुडेंट्स के लिए मेंटरशिप के अवसर प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
उन्होंने सुझाव देते हुए कहा, डोमेन-विशिष्ट औद्योगिक रुझानों को नियमित रूप से साझा किया जाना चाहिए, ताकि छात्रों और संकाय सदस्यों को अद्यतन रखा जा सके। उन्होंने अनुभवात्मक अधिगम मंचों के सह-निर्माण का समर्थन किया, ताकि स्टुडेंट्स को कक्षा से परे व्यावहारिक अनुभव प्राप्त हो सके।
सॉफ्ट प्रो इंडिया, नोएडा के उपाध्यक्ष मानव संसाधन एवं संचालन और कैब सदस्य श्री भूपिंदर नायर ने मुद्दों और चुनौतियों की समझ पर बोलते हुए कहा, अकादमिक उद्देश्यों को औद्योगिक अपेक्षाओं के साथ संरेखित करना एक प्रभावी प्रतिभा श्रृंखला विकसित करने हेतु आवश्यक है। उन्होंने सुदृढ़ बुनियादी ढांचे के निर्माण और सहयोग की संस्कृति को पोषित करने की सिफारिश की, जिससे सम्पूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र सशक्त हो सके।
डीन एकेडमिक्स प्रो. मंजुला जैन ने यूनिवर्सिटी के अकादमिक दृष्टिकोण की प्रगति पर प्रकाश डालते हुए कहा, टीएमयू सभी शैक्षणिक क्षेत्रों में कौशल-आधारित अधिगम को एकीकृत करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि स्टुडेंट्स को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार किया जा सके।
प्रो. जैन ने अकादमी और उद्योग के बीच एक सतत फीडबैक चक्र की आवश्यकता पर बल दिया, जिससे नवाचार को बढ़ावा मिले और शिक्षा की प्रासंगिकता बनी रहे। उन्होंने सभी कैब सदस्यों को टीएमयू कैंपस में आमंत्रित किया, जहां वे छात्र-छात्राओं और संकाय सदस्यों से प्रत्यक्ष रूप से संवाद कर सहयोग के सार्थक अवसरों का अन्वेषण कर सकेंगे।
नासकॉम के सेक्टर स्किल्स काउंसिल की उप निदेशक और कैब सदस्य सुश्री प्रियंका बिष्ट ने इंटर्नशिप, प्रशिक्षण और प्लेसमेंट पर बोलते हुए स्टुडेंट्स में डिजिटल और तकनीकी साक्षरता को सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नासकॉम की फ्यूचर स्किल्स प्राइम पहल की प्रासंगिकता भी बताई। उन्होंने कौशल विकास प्रयासों को मापन योग्य रोजगार परिणामों से जोड़ने की आवश्यकता को दोहराया।
सीके बिड़ला हॉस्पिटल, नई दिल्ली के एचआर महाप्रबंधक श्री पंकज तिवारी ने नवाचार को बढ़ावा देने के लिए कक्षा और बोर्ड रूम दोनों में विचारोन्मुख वातावरण बनाने का सुझाव दिया। श्री तिवारी ने रचनात्मक सोच और सहयोग को प्रोत्साहित करने हेतु वर्चुअल इनोवेशन डैशबोर्ड जैसी बुनियादी सुविधाओं की वकालत की।
उन्होंने कहा कि केवल कौशल पर नहीं, बल्कि प्रतिभा की पहचान और पोषण पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। लिटवर्क, हैदराबाद के निदेशक श्री विनय सिंह ने कहा कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता- एआई उद्योगों में मूल्यांकन और प्रशिक्षण दोनों के मॉडल को पुनर्परिभाषित कर रही है। उन्होंने अकादमिक संस्थानों को प्रशिक्षण और मूल्यांकन के लिए लचीले एवम् विकासशील दृष्टिकोण अपनाने पर जोर दिया।
सीटीएलडी के निदेशक प्रो. पंकज कुमार सिंह ने सीटीएलडी का परिचय देते हुए इसकी प्रशिक्षण पहलों और उन क्षेत्रों का उल्लेख किया, जहाँ औद्योगिक सहयोग स्टुडेंट्स के अधिगम और प्रदर्शन को और बेहतर बना सकता है। उन्होंने उम्मीद जताई कि कॉर्पाेरेट एडवाइजरी बोर्ड का मार्गदर्शन सीटीएलडी को अपनी प्रशिक्षण पद्धतियों को वर्तमान औद्योगिक मानकों के अनुरूप ढालने में सहायक होगा।
उन्होंने कैब सदस्यों से आग्रह किया कि वे भविष्य की वार्ताओं में सक्रिय भाग लें और उद्योग-संरेखित छात्र विकास रणनीतियों के सह-निर्माण में योगदान करें। इससे पूर्व सीटीएलडी की मॉडरेटर डॉ. जैस्मिन स्टीफन ने कैब के गठन के उद्देश्य को रेखांकित करते हुए सभी विशिष्ट अतिथियों और कैब सदस्यों का स्वागत किया। सीटीएलडी के उप निदेशक डॉ. दिलीप दत्त वार्ष्णेय ने सभी गणमान्य अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों को धन्यवाद दिया।