आर्थिक सुधारों के महानायक को अंतिम विदाई, राष्ट्रपति-पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

अंतिम सफर पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, देश ने नम आंखों से दी विदाई


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का 26 दिसंबर को नई दिल्ली के एम्स में निधन हो गया। वे 10 वर्षों तक भारत के प्रधानमंत्री थे। इसके अलावा वे आरबीआई गवर्नर, योजना आयोग के उपाध्यक्ष और वित्त मंत्री भी रहे। उन्हें आधुनिक भारत के आर्थिक सुधारों के वास्तुकार के रूप में जाना जाता है। केंद्रीय सरकार ने मनमोहन सिंह के सम्मान में एक जनवरी 2025 तक सात दिनों के लिए राजकीय शोक घोषित किया है। इसके साथ ही सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी में पूर्व पीएम का स्मारक बनाने की घोषणा की।

जेड प्लस सिक्योरिटी में रहेंगी मनमोहन सिंह की पत्नी गुरुशरण कौर


पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह को पूरे राजकीय सम्मान के साथ विदाई दी गई। नई दिल्ली के निगम बोध घाट पर दिवंगत पीएम का अंतिम संस्कार किया गया। इस मौके पर डॉ. सिंह की पत्नी गुरुशरण कौर और उनकी बेटियां मौजूद रही। 2019 में डॉ. मनमोहन सिंह का एसपीजी सिक्योरिटी कवर वापस ले लिया गया था। एसपीजी की जगह पर उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मुहैया कराई गई। अब उनकी पत्नी गुरुशरण कौर को भी सीआरपीएफ जेड प्लस सुरक्षा मिलेगी। इस सुरक्षा घेरे में उनके पास बुलेटप्रूफ वाहन भी होगा। उनके आवास पर करीब चार दर्जन जवान मौजूद रहेंगे। डॉ. मनमोहन सिंह की एसपीजी सुरक्षा हटाकर जब उन्हें सीआरपीएफ की जेड प्लस सुरक्षा दी गई थी, तब उन्हें एसपीजी वाली हाई क्लास बुलेटप्रूफ बीएमडब्लू कार, जिसमें वे यात्रा करते थे, वही गाड़ी प्रदान कर दी गई थी। अब उनकी पत्नी गुरुशरण कौर के पास भी वही गाड़ी रहेगी।

आर्थिक सुधारों के महानायक को अंतिम विदाई, राष्ट्रपति-पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि

पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह भारतीय राजनीति की ऐसी शख्सियत थे जो बेहद कम बोलते थे। मगर जब बोलते, तो सभी उनकी बात सुनते थे। अब वह शख्सियत हमेशा के लिए मौन हो गई। मनमोहन सिंह ने 92 वर्ष की आयु में दिल्ली एम्स में गुरुवार रात अंतिम सांस ली। आज दिल्ली के निगम बोध घाट पर राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है। इससे पहले, शुक्रवार को उनके आवास पर पीएम मोदी-राष्ट्रपति मुर्मू समेत देश के तमाम नेताओं ने श्रद्धांजलि दी।

मनमोहन सिंह से संघर्ष और सफलता का सबक ले सकती है नई पीढ़ी : मोदी


पीएम मोदी ने सिंह के निधन को राष्ट्र के लिए बड़ी क्षति बताया। उन्होंने कहा, विभाजन के उस दौर में बहुत कुछ खोकर भारत आना और यहां हर क्षेत्र में उपलब्धियां हासिल करना, सामान्य बात नहीं है। अभावों में संघर्षों से कैसे ऊंचाइयां हासिल की जा सकती हैं, उनका जीवन ये सीख भावी पीढ़ी को देता है। नेक इंसान और विद्वान अर्थशास्त्री के रूप में वे हमेशा याद रहेंगे। उन्होंने अर्थशास्त्री के रूप में भारत सरकार में कई पदों पर सेवाएं दीं। आर्थिक उदारीकरण की नींव रखी। जनता व देश के विकास के प्रति उनका समर्पण हमेशा सम्मान से देखा जाएगा। डॉ. सिंह का जीवन ईमानदारी, सादगी का प्रतीक था। सौम्यता, बौद्धिकता उनकी पहचान रही।

मनमोहन सिंह के कारण मजबूत हुए भारत-अमेरिका के संबंध; निधन पर बाइडेन ने जताया शोक


मनमोहन सिंह के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी शोक प्रकट किया है। व्हाइट हाउस ने शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का एक बयान जारी किया, जिसमें उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त किया।राष्ट्रपति बाइडेन ने कहा, “जिल और मैं भारत के लोगों के साथ पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के निधन पर शोक व्यक्त करता हूं। संयुक्त राज्य अमेरिका और भारत के बीच आज जो अभूतपूर्व सहयोग है, वह मनमोहन सिंह की रणनीतिक दृष्टि और राजनीतिक साहस के बिना संभव नहीं होता। यूएस-इंडिया सिविल न्यूक्लियर एग्रीमेंट से लेकर इंडो-पैसिफिक साझेदारों के बीच पहले क्वाड की शुरुआत तक, उन्होंने ऐसी ऐतिहासिक प्रगति की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया जो हमारे देशों और दुनिया को आने वाली पीढ़ियों तक मजबूत बनाए रखेगी।”

जब तक सूरज-चांद रहेगा, मनमोहन तेरा नाम रहेगा,” एआईसीसी मुख्यालय में पूर्व प्रधानमंत्री को दी गई भावपूर्ण श्रद्धांजलि


पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा शनिवार सुबह कांग्रेस नेताओं की ओर से अपने दिवंगत नेता को श्रद्धांजलि देने के बाद अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी मुख्यालय से शुरू हुई। फूलों से सजे वाहन में सिंह का पार्थिव शरीर जुलूस के रूप में “मनमोहन सिंह अमर रहे” के नारों के बीच कांग्रेस मुख्यालय से रवाना हुआ। बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ-साथ सिंह के सैकड़ों शुभचिंतक भी साथ-साथ चल रहे थे और इस दौरान हवा में ‘जब तक सूरज चांद रहेगा, तब तक तेरा नाम रहेगा’ के नारे गूंज रहे थे। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी भी सिंह के रिश्तेदारों के साथ जुलूस में शामिल हुए।

प्रणब मुखर्जी के लिए शोक सभा तक नहीं; मनमोहन सिंह के वास्ते मांग रही जमीन; कांग्रेस पर भड़कीं शर्मिष्ठा


कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के लिए अलग से स्मारक बनाने की मांग पर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी की बेटी शर्मिष्ठा मुखर्जी ने कड़ी आलोचना की है। शर्मिष्ठा ने कहा कि जब उनके पिता (प्रणब मुखर्जी) का 2020 में निधन हुआ था, तब कांग्रेस नेतृत्व ने न तो कोई शोक सभा आयोजित की और न ही कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक बुलाई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस नेतृत्व ने इस मामले में उन्हें गुमराह किया था। शर्मिष्ठा ने बताया कि एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने उन्हें यह बताया था कि भारत के राष्ट्रपति के लिए शोक सभा का आयोजन नहीं किया जाता है। उन्होंने इसे पूरी तरह बेतुका और निराधार करार दिया और कहा कि वह अपने पिता के डायरी में पढ़ चुकी हैं कि जब पूर्व राष्ट्रपति के. आर. नारायणन का निधन हुआ था, तो कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक बुलाई गई थी और शोक संदेश खुद प्रणब मुखर्जी ने तैयार किया
था।

मनमोहन सिंह का जीवन और कार्य देश के भाग्य का निर्माता : कांग्रेस


कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) ने डॉ. सिंह को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा, वह भारत के राजनीतिक व आर्थिक परिदृश्य में महान हस्ती थे। उन्होंने देश के भविष्य को आकार दिया। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी व राहुल गांधी, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश, केसी वेणुगोपाल और प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी मुख्यालय में सिंह को श्रद्धांजलि दी। कार्यसमिति ने कहा, सच्चे राजनेता दुनिया से रुखसत हो गए। 1990 के दशक की शुरुआत में वित्त मंत्री के रूप में, डॉ. सिंह भारत के आर्थिक उदारीकरण के वास्तुकार थे। कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, डॉ. सिंह का निधन मेरा व्यक्तिगत नुकसान है। वह मेरे दोस्त, दार्शनिक व व मार्गदर्शक थे।

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