Communist बोले- कुंभ क्षेत्र में हुई घटना के लिए योगी सरकार और गोदी मीडिया बराबर के दोषी

लव इंडिया मुरादाबाद। प्रयागराज कुम्भ मेला की हदय विदारक घटना पर वामपंथी दलों का रोष प्रदेश एवं जिला स्तर पर सभी वामपंथी दलों प्रमुख रूप से भारत की कम्युनिस्ट पार्टी मार्क्सवादी भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी तथा भाकपा माले ने 28/29 जनवरी की रात कुंभ मेला क्षेत्र में घटी हृदय विदारक घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करते हुए इसे बहुत बड़ी प्रशासनिक चूक व लापरवाही मानते हुए कहा है कि इस चूक में उत्तर प्रदेश की योगी सरकार और गोदी मीडिया भी बराबर के दोषी है।


यह बात जिला मुरादाबाद के वामपंथी दलों के नेताओं द्वारा आज उक्त घटना पर जिलाधिकारी को मांगपत्र सौंपते हुए कही। वाम नेताओं ने आगे कहा कि महाकुंभ के लिए करोड़ों लोगों की भीड़ एकत्र करने में प्रदेश सरकार, मीडिया और कथित साधू संतों ने योगदायी भूमिका निभाई है। ऐसे ही एक धीरेन्द्र शास्त्री ने तो यहां तक कह दिया कि जो कुम्भ में नही जाएगा वह देश द्रोही है। गोदी मीडिया लगातार 45 करोड़ लोगों के जुटने का दावा करता रहा। इसके अलावा खुद उत्तर प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ भी अनेक बार मेला क्षेत्र की व्यवस्था का जायजा लेने प्रयागराज गये और हर बार उन्होंने मेले की उत्तम व्यवस्था की डींगे हाकीं हैं, ताकि अधिकाधिक भीड़ जुटाकर वाहवाही बटोरी जा सके तथा हिंदू वोटों का ध्रुवीकरण अपने पक्ष में किया जा सके।

महाकुंभ मेला प्रबंधन में व्याप्त तमाम अव्यवस्थाओं, लापरवाही और वी आई पी कल्चर के चलते घटी इस घटना ने सबकी कलई को खोलकर रख दिया है। अब सरकार इस भयानक सच को दबाने के लिए कह रही है कि अफवाह फैलाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। लेकिन जिनकी लापरवाही से यह सब घटित हुआ है, उनके खिलाफ क्या होगा, इस सवाल पर प्रदेश के मुखिया मौन हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों की माने तो मेले की सुरक्षा व्यवस्था, यातायात व्यवस्था में घोर कमियाँ रही हैं। प्रेमानंद पुरी के बयान से तो यही प्रकट होता है कि अनेक कमियों को उजागर करने के बाद भी सरकार हरकत में नहीं आयी थी। प्रशासनिक अमला वीआईपी लोंगों को खुश करने में लगा रहा है। बेकाबू भीड़ के नियंत्रण और आम जनता की सुरक्षा और सुविधाएं प्रशासन के एजेंडे में थी ही नहीं। उसी लापरवाही का परिणाम है कि 40 से अधिक लोंगों की मौत हुई है तथा पचास से अधिक लोग घायल हैं। यह आंकड़ा सरकारी है जो बढ़ भी सकता है। आम लोगों की मौंतों और चोटिलों के साथ साथ मेले में खो गये बच्चों, महिलाओं एवं पुरुषों की संख्या का सच सामने आना चाहिए ताकि इस घटना में हुई चूक का संज्ञान लेते हुए भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

वामपंथी दलों के नेताओं ने महामहिम राज्यपाल
के समक्ष पीड़ित परिवारों के दुःख दर्द को रखते हुए मांग की है कि सभी चोटिलों का निःशुल्क और बेहतर इलाज कराया जाय।मृतकों की पहचान कर पीड़ित परिवारों को उचित मुआवजा दिया जाय।कुम्भ मेला की व्यवस्थाओं और घटना की निष्पक्ष जांच कराई जाए। घटना के लिये दोषियों को जांच कराकर दंडित किया जाय। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री को व्यवस्था में चूक और घटना की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे देना चाहिए। इस मौके पर कामरेड थान सिंह, कामरेड चंद्रपाल सिंह आजाद, कामरेड सुशील बिश्नोई एडवोकेट, कामरेड महिपाल सिंह एडवोकेट, कामरेड संजीव कुमार, कामरेड रोहतास राजपूत, कामरेड रामकिशोर रस्तोगी तथा लोकतंत्र बचाओ मोर्चा के साथी पी एल सहगल आदि मौजूद रहे।

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