Sustainable Development के India के 17 लक्ष्यों को United Nations ने भी माना, वर्ष 2030 तक हासिल करने पर होगा विश्व विचारों का संगम कल से

उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर प्रबंधन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (TMIT) में 25 व 26 अप्रैल को सतत विकास लक्ष्य: चुनौतियाँ, मुद्दे और अभ्यास (एसडीजी 2025) पर दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन कर रहा है। गुरुवार को इस संबंध में पत्रकारों से वार्ता करते हुए TMIT के डीन प्रो. विपिन जैन ने बताया कि सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) 17 लक्ष्यों का एक समूह है जिस पर संयुक्त राष्ट्र ने 2030 तक हासिल करने का लक्ष्य रखा है। ये लक्ष्य गरीबी, भुखमरी, स्वास्थ्य, शिक्षा, लिंग समानता, जलवायु परिवर्तन और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दों पर केंद्रित हैं। इसके लिए 436 शोध पत्र मिले हैं। TMIT के डीन प्रो. विपिन जैन ने बताया कि इस संबंध में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 25 और 26 अप्रैल को टिमिट में होने जा रहा है और जिसमें देश-विदेश के लगभग 20 विशेषज्ञ शामिल होने के लिए आ रहे हैं।
भारत में एसडीजी की प्रगतिTMIT के डीन प्रो. विपिन जैन ने बताया कि भारत ने एसडीजी को प्राप्त करने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं, नवीकरणीय ऊर्जा के तहत भारत ने 2030 तक 450 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है। जबकि सतत कृषि पर भारत सरकार ने सतत कृषि पद्धतियों को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इसके अलावा जल संचयन को लेकर भारत सरकार ने जल संचयन और जल प्रबंधन के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं।
ये हैं तीन बड़ी चुनौतियाँ
TMIT के डीन प्रो. विपिन जैन ने बताया कि भारत को एसडीजी को प्राप्त करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं। इसमें भारत की बड़ी और बढ़ती आबादी एसडीजी को प्राप्त करने में पहली बड़ी चुनौती है। जबकि गरीबी और असमानता दूसरी समस्या है। भारत में गरीबी और असमानता अभी भी एक बड़ी समस्या है। इसके अलावा, पर्यावरणीय क्षरण: भारत में पर्यावरणीय क्षरण एक बड़ी समस्या है, जिसमें वायु और जल प्रदूषण, वनस्पति वृक्षारोपण और जैव विविधता की हानि शामिल है।
एसडीजी के ये हैं 17 लक्ष्य
- लक्ष्य 1: गरीबी का उन्मूलन – गरीबी को पूरी तरह से समाप्त करना और सभी लोगों को बुनियादी जरूरतों की पूर्ति करना।
- लक्ष्य 2: शून्य भुखमरी – भुखमरी को समाप्त करना, खाद्य सुरक्षा और पौष्टिक आहार को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 3: अच्छा स्वास्थ्य और कल्याण – सभी आयु वर्ग के लोगों के लिए स्वस्थ जीवन और कल्याण को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 4: गुणवत्ता शिक्षा – सभी के लिए समावेशी और समान गुणवत्ता की शिक्षा प्रदान करना।
- लक्ष्य 5: लिंग समानता – महिलाओं और लड़कियों के सशक्तिकरण और लिंग समानता को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 6: स्वच्छ जल और स्वच्छता – सभी के लिए स्वच्छ जल और स्वच्छता की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- लक्ष्य 7: सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा – सभी के लिए सस्ती और स्वच्छ ऊर्जा की उपलब्धता सुनिश्चित करना।
- लक्ष्य 8: आर्थिक विकास और काम – सतत आर्थिक विकास, पूर्ण और उत्पादक रोजगार और सभ्य काम को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 9: उद्योग, नवाचार और बुनियादी ढांचा – लचीलापन बुनियादी ढांचे का निर्माण, समावेशी और सतत औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 10: असमानता में कमी – देशों के भीतर और बीच असमानता को कम करना।
- लक्ष्य 11: सतत शहर और समुदाय – शहरों और मानव बस्तियों को समावेशी, सुरक्षित, लचीला और सतत बनाना।
- लक्ष्य 12: जिम्मेदार उपभोग और उत्पादन – सतत उपभोग और उत्पादन पैटर्न को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 13: जलवायु परिवर्तन – जलवायु परिवर्तन और इसके प्रभावों से निपटने के लिए तत्काल कार्रवाई करना।
- लक्ष्य 14: महासागरों का संरक्षण – महासागरों, समुद्रों और समुद्री संसाधनों का संरक्षण और सतत उपयोग करना।
- लक्ष्य 15: स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण – स्थलीय पारिस्थितिकी तंत्र का संरक्षण, वनस्पतिवृक्षारोपण और जैव विविधता की रक्षा करना।
- लक्ष्य 16: शांति, न्याय और मजबूत संस्थान – सतत विकास के लिए शांतिपूर्ण और समावेशी समाजों को बढ़ावा देना।
- लक्ष्य 17: लक्ष्यों के लिए साझेदारी – सतत विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए वैश्विक साझेदारी को मजबूत करना।