मुरादाबाद में रविवार सुबह बूंदाबांदी के बीच ओले पड़े

लव इंडिया मुरादाबाद। रविवार की सुबह मुरादाबाद में बूंदाबांदी के बीच इक्का दुक्का ओले पड़े। इससे लोग चौंक उठे क्योंकि होली बीत चुकी है और मौसम का मिजाज भी बदला हुआ है। कुछ मिनट की बूंदाबांदी और इक्का-दुक्का ओले पड़ने के बाद आसमान अब साफ हो गया है और सूरज निकल रहा है।

14 मार्च को होली गुजर चुकी है और मौसम भी खुशनुमा है लगातार तापमान भी बढ़ रहा है लेकिन इस बीच रविवार की सुबह लगभग 7:20 बजे आसमान से एकाएक ओले पड़ने शुरू हो गए। और कुछ पलों के बाद बारिश शुरू हो गई। महानगर के लोकोशेड चंद्रनगर क्षेत्र के लोगों ने बारिश और ओलावृष्टि की पुष्टि करते हुए बताया कि थोड़ी देर के बाद बारिश भी बंद हो गई और ओले भी।

लोकोशेड- चंद्र नगर क्षेत्र में पड़े ओले

ओलावृष्टि एक प्रकार की ठोस बारिश है

ओलावृष्टि एक प्रकार की ठोस बारिश है जो बर्फ की गेंदों या गांठों से बनी होती है। ओले बनाने वाले तूफान जो जमीन तक पहुंचते हैं उन्हें ओलावृष्टि के रूप में जाना जाता है। वे आम तौर पर 15 मिनट से अधिक नहीं रहते हैं, लेकिन लोगों को चोट पहुंचा सकते हैं और इमारतों, वाहनों और फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

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ओले गिरने से कई तरह के नुकसान होते हैं

  • ओले गिरने से इमारतों, वाहनों, और फ़सलों को नुकसान होता है. 
  • ओले गिरने से बिजली की लाइनें और पेड़ गिर सकते हैं, जिससे बिजली गुल हो सकती है. 
  • ओले गिरने से खड़ी जगहों पर अचानक बाढ़ और मिट्टी का धंसना हो सकता है. 
  • ओले गिरने से लोगों को चोट पहुंच सकती है. 
  • ओले गिरने से पशुधन को घायल हो सकता है. 
  • ओले गिरने से कृषि क्षेत्र को आर्थिक और संरचनात्मक नुकसान होता है. 
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ओले कैसे बनते हैं?

  • ओले पानी से बनते हैं. 
  • पहले क्षोभमंडल में बर्फ़ के रूप में बनते हैं. 
  • थोड़ा पिघलकर एक गीली वर्षा की बूंद बन जाते हैं. 
  • फिर ज़मीन पर गिरने से पहले बर्फ़ के गोले के रूप में जम जाते हैं. 
  • ओले क्यूम्यलोनिम्बस बादलों के अंदर बनते हैं. 
  • क्यूम्यलोनिम्बस बादल निहाई के आकार के होते हैं और आमतौर पर तूफ़ान पैदा करने वाले बादल होते हैं. 
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