Gokuldas Hindu Girls College के संस्थापक की 152 वीं जयंती हर्षोल्लास से मनाई

लव इंडिया, मुरादाबाद। गोकुलदास हिन्दू गर्ल्स कॉलेज में
महाविद्यालय के संस्थापक स्व. रायबहादुर गोकुलदास गुजराती की 152 वीं जयंती संस्थापक दिवस के रूप में हर्षोल्लास से मनायी गयी। इस अवसर पर गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय, मुरादाबाद के प्रथम कुलपति प्रोफेसर सचिन माहेश्वरी मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। प्राचार्या द्वारा उनका पटका पहनाकर स्वागत सत्कार किया गया।


गुजराती जी के वंशज – शरद शाह,शशि शाह, ललित पोरवाल, मनमोहन पोरवाल, जगमोहन पोरवाल, छवि पोरवाल, दिलीप पोरवाल, साधना पोरवाल, कुलदीप पारीख,रश्मि पारीख, सीमा मेहता तथा मधुकर सेठ सहित समस्त महाविद्यालय परिवार ने महाविद्यालय के संस्थापक स्व. रायबहादुर गोकुलदास गुजराती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें भावभीनी पुष्पांजलि अर्पित की।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि माननीय कुलपति ने उस दौर में महिलाओं के सशक्तिकरण पर विचार करने वाले शिक्षा के प्रति समर्पित गोकुलदास गुजराती के प्रति श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए महाविद्यालय के निरंतर प्रगति के पथ पर अग्रसर होने की कामना की।

उन्होंने कहा कि गुरु जम्भेश्वर विश्वविद्यालय मुरादाबाद के प्रथम कुलपति के रूप में वे आशा करते हैं कि यह महाविद्यालय नवनिर्मित विश्वविद्यालय से संबद्ध महाविद्यालयों में अपना प्रमुख स्थान बनाएगा। छात्राओं से उन्होंने सकारात्मक सोच रखने का आह्वान करते हुए कहा कि हमेशा यह ध्यान रखें कि किसी भी शिक्षण संस्थान के लिए तीन प्रमुख मानदंड होते हैं- अच्छे शिक्षक, अच्छी संभावनाएं तथा अच्छे विद्यार्थी। इसी सोच के साथ महाविद्यालय तथा नए विश्वविद्यालय का नाम ऊंचाइयों पर ले जाएँ।


महाविद्यालय की प्राचार्या प्रोफेसर चारू मेहरोत्रा ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में महाविद्यालय तथा समाज के प्रति रायबहादुर गोकुलदास गुजराती के योगदान को याद करते हुए कहा कि एक ऐसे समय में जब बालिका शिक्षा के प्रति हमारे समाज का नजरिया अत्यंत पिछड़ा हुआ था, गुजराती ने बालिकाओं के लिए उच्च शिक्षा के महत्व को समझते हुए आगे बढ़कर उनकी शिक्षा हेतु अपनी भूमि और भवन का दान दिया ताकि शहर की बालिकाएँ यहाँ से उच्च शिक्षा प्राप्त कर देश और समाज के निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दे सकें। मुरादाबाद शहर के साथ-साथ आसपास के क्षेत्रों की बालिकाएँ भी यहाँ शिक्षा प्राप्त कर अपने व्यक्तित्व का विकास कर रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में अनेक पदों पर अपनी सेवाएँ दे रही हैं।

प्राचार्या ने कुलपति को आश्वासन दिया कि अपने समस्त उपलब्ध संसाधनों के साथ हमारा महाविद्यालय गुरु जंभेश्वर विश्वविद्यालय के लिए अपना पूर्ण सहयोग देने के लिए तत्पर रहेगा। महाविद्यालय की उप प्राचार्या प्रो. अंजना दास ने गुजराती के व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए उनके सामाजिक एवं शैक्षिक कार्यों की चर्चा की। रायबहादुर गोकुलदास जी के वंशज श्री मनमोहन पोरवाल ने उच्च शिक्षा- विशेष रूप से बालिकाओं की शिक्षा के क्षेत्र में उनके समग्र योगदान के विषय में विस्तार से बताया। साथ ही उन्होंने महाविद्यालय के सतत विकास हेतु प्राचार्या के प्रयासों की प्रशंसा की। गुजराती की नातिन शशि शाह ने भी शिक्षा के क्षेत्र में अपने नानाजी के महत्वपूर्ण योगदान एवं सतत प्रगति की ओर अग्रसर महाविद्यालय की छात्राओं की उपलब्धियों की चर्चा की।


प्रो. किरन साहू ने कहा कि शिक्षित महिलाओं के आत्मनिर्भर एवं स्वतंत्र होने की संभावना का आभास गुजराती जी को लगभग 75 वर्ष पहले ही हो गया था। प्रो. अपर्णा जोशी ने कहा कि कोई भी व्यक्ति अपने पारिवारिक हितों से आगे बढ़कर समाज के लिए कुछ करता है तो हम सहज ही उसके प्रति श्रद्धावनत हो जाते हैं। गुजराती के प्रति हमारा भाव उसी प्रकार का है, जिन्होंने अपना अधिकतम दाय शिक्षा और समाज को समर्पित कर दिया। गुजराती की जयंती पर उनका स्मरण करने के क्रम में महाविद्यालय की सांस्कृतिक समिति एवं संगीत विभाग के निर्देशन में छात्राओं द्वारा महाविद्यालय के कुलगीत का सस्वर गायन किया गया। छात्राओं द्वारा “रोम -रोम में बसने वाले राम” तथा “मनबसिया ” भजन , “बेखौफ आजाद है रहना मुझे” गीत व ” मेरी चौखट पर चलकर आज चारों धाम आए हैं” बोल पर नृत्य की भावप्रवण प्रस्तुति की गयी।


इस अवसर पर प्रो. सीमा अग्रवाल, प्रभारी हिन्दी विभाग, द्वारा रचित उनके 1600 से अधिक दोहों के संग्रह ‘किंजल्किनीः माल कमल अम्लान’ का विमोचन भी किया गया। कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर की खिलाड़ी महाविद्यालय की छात्रा बुशरा खान को जूडो एवं ग्रेपलिंग खेल में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए मुख्य अतिथि द्वारा सम्मानित एवं पुरस्कृत किया गया। महाविद्यालय के शिक्षक संघ की अध्यक्षा प्रो. मीनाक्षी शर्मा एवं अन्य पदाधिकारियों द्वारा पर्यावरण जागरुकता के प्रतीक रूप में सम्मानित अतिथियों को पौधा अर्पित किया गया। तदुपरांत शांति पाठ के साथ कार्यक्रम समापन की ओर अग्रसर हुआ।कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रो. अंचल गुप्ता द्वारा किया गया। कार्यक्रम में समस्त महाविद्यालय परिवार की सक्रिय भागीदारी रही।

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