District Supply Officer को राशन डीलरों ने सौंपा ‘इलेक्ट्रानिक तराजू’, कहा- इंसेंटिव में बढ़ोतरी के बिना राशन वितरण नहीं करेंगे
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। ऑल इंडिया फेयर प्राइस शॉप डीलर्स फेडरेशन से जुड़े फेयर प्राइस शॉप डीलरों ने शनिवार को जिला पूर्ति अधिकारी को ज्ञापन सौंपा और ‘इलेक्ट्रानिक तराजू’ को जिला पूर्ति अधिकारी को सौंप दिया। डीलरों ने कहा कि कोरोना काल से लेकर अब तक बढ़ती महंगाई के बीच न्यूनतम इंसेंटिव में बढ़ोतरी नहीं की गई है, जिससे कोटेदारों के सामने आर्थिक संकट खड़ा हो गया है। इसलिए इंसेंटिव में बढ़ोतरी के बिना राशन वितरण नहीं करेंगे।
कोरोना काल से बढ़ी जिम्मेदारियों और महंगाई का हवाला देते हुए 300 रुपए कमीशन और 20,000 रुपए न्यूनतम मानदेय तय करने की मांग
ज्ञापन के माध्यम से डीलरों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को संबोधित करते हुए मांग रखी कि उत्तर प्रदेश के कोटेदारों को अन्य राज्यों की तर्ज पर अधिक इंसेंटिव दिया जाए। प्रतिनिधियों ने बताया कि खाद्यान्न वितरण में लगातार बढ़ रहे दायित्व, दुकानों के संचालन खर्च, यात्रा, बैंक शुल्क आदि के चलते वर्तमान इंसेंटिव अत्यंत कम है।
डीलरों ने कहा कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के अंतर्गत वितरण कार्य में कई बार तकनीकी दिक्कतों और अव्यवस्थाओं के कारण अतिरिक्त समय और खर्च करना पड़ता है। ऐसे में 200–220 रुपये प्रति क्विंटल जो वर्तमान इंसेंटिव दिया जा रहा है, वह अपर्याप्त है।
फेडरेशन ने मांग की कि न्यूनतम इंसेंटिव को ₹500 प्रति क्विंटल किया जाए, ताकि कोटेदारों को आर्थिक राहत मिल सके। साथ ही उन्होंने अन्य राज्यों—विशेषकर हरियाणा—का उदाहरण देते हुए कहा कि वहां डीलरों को बेहतर इंसेंटिव और सुविधाएं मिल रही हैं।
कोरोना काल की अतिरिक्त जिम्मेदारियों का दिया हवाला
डीलर्स ने बताया कि कोविड काल के दौरान कोटेदारों ने शासन के निर्देश पर राशन वितरण के साथ टीकाकरण, स्वास्थ्य योजनाएँ, राष्ट्रीय पोषण मिशन व प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। इसके बावजूद कोटेदारों की आय में कोई बढ़ोतरी नहीं की गई, जिससे उन्हें आर्थिक संकट झेलना पड़ रहा है।
उन्होंने कहा कि भारतीय खाद्य निगम द्वारा नए सिस्टम लागू होने के बाद कोटेदारों पर काम का दबाव बढ़ा है, लेकिन उसके अनुरूप मानदेय में वृद्धि नहीं हुई।
कमीशन बढ़ाने और 20,000 रुपये न्यूनतम गारंटी की मांग
ज्ञापन में कोटेदारों ने कहा कि—
- आटा, चावल, गेहूं सहित राशन सामग्री पर वर्तमान कमीशन अपर्याप्त है।
- दूसरे राज्यों की तरह उत्तर प्रदेश में भी प्रति माह 20,000 रुपये न्यूनतम इन्कम गारंटी लागू की जाए।
- प्रति क्विंटल 300 रुपये कमीशन देने की मांग भी उठाई गई।
- खाद्यान्न वितरण में बढ़ते खर्च, ट्रांसपोर्टेशन और श्रम लागत के कारण वर्तमान लाभांश से गुज़ारा मुश्किल बताया गया।
28 फरवरी 2026 तक निर्णय की मांग
फेडरेशन ने सरकार से अनुरोध किया कि उनकी मांगों पर 28 फरवरी 2026 तक सकारात्मक निर्णय लिया जाए। डीलर्स ने चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का समाधान नहीं हुआ तो वे आगे बड़ा आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
ज्ञापन देने वालों में प्रमुख
ज्ञापन सौंपने वालों में फेडरेशन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल चौधरी, जिला अध्यक्ष हरवीर सिंह, प्रदेश महासचिव बृजेश चौधरी, अयोहक सिंह सहित कई डीलर शामिल रहे।
