बिग न्यूज़: टीएमयू से मिलेगी अब बीएससी- कॉग्निटिव साइंस में भी डिग्री

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लव इंडिया, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के फैकल्टी ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड कंप्यूटिंग साइंसेज-एफओईसीएस में बैचलर ऑफ साइंस- कॉग्निटिव साइंस प्रोग्राम लांच हो गया है। मौजूदा सत्र 2022-23 से प्रवेश भी होने लगे हैं। बीएससी- कॉग्निटिव साइंस प्रोग्राम को टीएमयू एक्ज़ीक्यूटिव काउंसिल ने हरी झंडी दे दिया है। इस पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के दिशा- निर्देशों के तहत डिज़ाइन किया गया है। एफओईसीएस के निदेशक प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने यह जानकारी देते हुए बताया, अब 10+2 साइन्स स्ट्रीम के स्टूडेंट्स बीएससी- कॉग्निटिव साइंस प्रोग्राम में भी अपना करियर उज्जवल बना सकते हैं। यह मुरादाबाद और आसपास के स्टुडेंट्स के लिए एक सुनहरा अवसर है, क्योंकि अभी तक बीएससी- कॉग्निटिव साइंस सरीखे प्रोग्राम की पढ़ाई दूर-दूर तक किसी बड़े संस्थान में नहीं हो रही है। कुलाधिपति श्री सुरेश जैन ने कहा,हमारी वैश्विक बाजार पर हमेशा पैनी नजर रहती है। टीएमयू इंटरनेशनल मार्केट के मुताबिक अपने आपको ढालता रहता है। कोर्स अपडेट करता रहता है। न्यू कोर्स एड ऑन को लेकर प्रतिबद्ध रहता है।

नॉन ट्रेडिशनल मल्टी-डिसप्लिनरी प्रोग्राम

कॉग्निटिव साइंस- संज्ञानात्मक विज्ञान एक न्यू डिसीप्लीन- नया विषय क्षेत्र है। संज्ञानात्मक विज्ञान मन और उसकी प्रक्रियाओं का अंतःविषय अध्ययन है। बीएससी- कॉग्निटिव साइंस एक नॉन ट्रेडिशनल मल्टी-डिसप्लिनरी प्रोग्राम है, जिसमें न्यूरो साइन्स-तंत्रिका विज्ञान, दर्शनशास्त्र, मनोविज्ञान, गणित, कम्प्यूटिंग और भाषा विज्ञान शामिल हैं। पाठ्यक्रम का उद्देश्य स्टुडेंट्स को डेटा की विशेषताओं को समझने और ज्ञान प्रतिनिधित्व के लिए उनका उपयोग करने में सक्षम बनाना है। इसकी अंतःविषय प्रकृति और मानव व्यवहार पर ध्यान केंद्रित करने के कारण, बीएससी- कॉग्निटिव साइंस की डिग्री वाले स्टुडेंट्स कई विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार पा सकते हैं।

दो दर्जन से अधिक क्षेत्रों में रोजगार के अपार मौके

बीएससी- कॉग्निटिव साइंस का स्कोप बहुत अधिक है। कॉग्निटिव साइंस ग्रेजुएट्स बड़े शोध संस्थानों से एमएससी- कॉग्निटिव साइंस में अध्ययन कर सकते हैं। इसके अलावा, संज्ञानात्मक विज्ञान स्नातकों के लिए ह्यूमन कंप्यूटर इंटरैक्शन-एचसीआई, यूज़र इंटरफ़ेस डिजाइन-यूआईडी, रिसर्च एनालिस्ट, डेटा एनालिस्ट, स्पेशलिस्ट प्रोग्रामर फॉर मेडिकल स्ट्रीम, सिग्नल प्रोसेसिंग इंटरप्रेटर, ह्यूमन फ़ैक्टर्स इंजीनियर्स, सिमुलेशन, कंज़्यूमर बिहैवियर, प्रॉडक्ट डिजाइन, प्रॉडक्ट टेस्टिंग, यूज़र बिहैवियर टेस्टिंग, पैकेजिंग डिजाइन, सर्वे डिजाइनर एंड एनालिस्ट, न्यूरोमार्केटिंग, डिसीजन एनालिस्ट्स, ऑप्टिमाइज़ेशन, वेब डेवलपर, सेंटिमेंट एनालिस्ट, डेटा माइनिंग, बिग डेटा, वेब माइनिंग, भाषा प्रौद्योगिकी, भारतीय भाषाओं के लिए सॉफ्टवेयर डिजाइनर, सेंसर टेक्नोलॉजीज़, जैव चिकित्सा उपकरण, प्राथमिक और उच्च शिक्षा क्षेत्र, प्रतियोगी परीक्षाएं, मल्टीमीडिया डिजाइनिंग, विज्ञापन एजेंसियां, पुनर्वास, सहायक प्रौद्योगिकियां, बुद्धिमान शिक्षण प्रणाली, एर्गोनॉमिक्स, रोबोटिक्स, विज्ञान लेखन, इत्यादि क्षेत्रों में रोजगार के अपार अवसर हैं।

तीन साल का पूर्णकालिक स्नातक प्रोग्राम

बीएससी- कॉग्निटिव साइंस के प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर प्रो. सौरभ श्रीवास्तव ने बताया, बीएससी- कॉग्निटिव साइंस तीन साल का पूर्णकालिक स्नातक प्रोग्राम है, जिसे छह सेमेस्टर में विभाजित किया गया है। यह प्रोग्राम कंप्यूटर विज्ञान, भाषा विज्ञान, दर्शन और मनोविज्ञान के चार महत्वपूर्ण संज्ञानात्मक प्रणालियों पर केंद्रित है। यह पाठ्यक्रम कंप्यूटर और मानव के बीच में एक ब्रिज की मानिंद काम करता है। यह संज्ञानात्मक प्रणालियों का अध्ययन है। यह लोगों को सोचने में सक्षम बनाती है, साथ ही यह कंप्यूटर एप्लीकेशन्स को ह्यूमन सेंट्रिक बनाते हुए उच्च स्तरीय डिसीज़न मेकिंग में मदद करती हैं। प्रो. श्रीवास्तव ने कहा, इस पाठ्यक्रम में हम 21वीं सदी के सबसे महत्वपूर्ण और मांग वाले टूल्स का अध्ययन कराएंगे, जिसके उपयोग से आर्गेनाइज़ेशन, व्यवसाय और सरकार सभी हों लाभान्वित।

कुलाधिपति, जीवीसी, ईडी के संग संग सभी शिक्षविदों का शुक्रिया

प्रो. द्विवेदी ने बीएससी- कॉग्निटिव साइंस प्रोग्राम को इसी सत्र से प्रारम्भ करने की अनुमति प्रदान करने के लिए टीएमयू के कुलाधिपति श्री सुरेश जैन, ग्रुप वाइस चेयरमैन श्री मनीष जैन, एक्ज़ीक्यूटिव डायरेक्टर श्री अक्षत जैन, वाइस चान्सलर प्रो. रघुवीर सिंह, रजिस्ट्रार डॉ. आदित्य शर्मा और एसोसिएट डीन एकेडेमिक्स डॉ. मंजुला जैन सहित टीएमयू के सभी आला अधिकारियों का आभार व्यक्त किया है।

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