पश्चिमी उत्तर प्रदेश में चल रहा था फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज, दो भाई गिरफ्तार, पाकिस्तान से ‘कनेक्शन’ की भी जांच

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लव इंडिया, मुरादाबाद। पश्चिम उत्तर प्रदेश के विश्व विख्यात पीतल नगरी से एशिया, यूरोप और अफ्रीका आदि देशों में सिम बॉक्स के जरिए इंटरनेशनल कॉल को लोकल कॉल में कन्वर्ट करने वाले दो भाई कदीम और महराज को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने 31 सिम, 32 एंटीना, दो लैपटॉप, दो फाइबर बॉक्स, वाईफाई सिस्टम, पावर केबिल, नेटवर्किंग केबिल और जेटकिंग कोर्स की किताब के अलावा तीन मोबाइल फोन बरामद किए हैं। फिलहाल पुलिस पकड़े गए दोनों आरोपियों के पाकिस्तान से संबंधों की जांच कर रही है।

आरटीओ दफ्तर के पास चल रहा था फर्जी एक्सचेंज, दोनों भाई गिरफ्तार

एसपी सिटी अखिलेश भदौरिया व सीओ सिविल लाइन आशुतोष तिवारी ने बताया कि थाना म­ोला पुलिस को सूचना मिली थी कि आरटीओ आफिस के पास चौकी टीपी नगर इलाके की गली में कुछ लोगों की हरकतें संदिग्ध नजर आ रही हैं। खबर दी गई थी कि पुलिस मकान में दबिश देकर छानबीन करे तो आपराधिक गतिविधियों का खुलासा हो सकता हैं। पुलिस टीम मौके पर पहुंची और मकान का दरवाजा खटखटाया तो अंदर मौजूद व्यक्ति ने पुलिस को देखते ही दरवाजा बंद करने का प्रयास किया। पुलिस टीम धक्का देकर अंदर घुसी मकान की ऊपरी मंजिल पर पहुंच गई। मकान की इस मंजिल पर मिनी टेलीफोन एक्सचेंज चल रहा था जिसके लिए कई जगह लाइट व एंटीने लगे हुए थे।

पुलिस अफसरों ने बताया कि पकड़ा गया कदीम मार्च के महीने में सऊदी अरब में एसी का काम करने गया था। जहां उसकी मुलाकात अन्य एक व्यक्ति से हुई और उसने कदीम को 20 हजार की सैलरी पर मुरादाबाद भेज दिया। कदीम ने इस काम में अपने भाई महराज को भी शामिल कर लिया। एसपी सिटी ने बताया इनकी सूचना देश की खुफिया एजेंसियों के साथ आईबी को व पुलिस के आला अधिकारियों को दे दी गई है।

अरब देशों से आते थे सर्वाधिक काॅल

इस एक्सचेंज पर दुबई, सऊदी अरब और कतर के कॉल आ रहे थे। विदेशी कॉल को सिम बॉक्स के जरिए ट्रांसफर कर बात कराई जाती थी। विदेश से बात करने वाले को भारत के अंदर कॉल करने का जो रेट होता था, उतने पैसे ही देने पड़ते थे। इससे सबसे ज्यादा नुकसान भारत संचार मंत्रालय को हो रहा था। जिन कॉल को ट्रांसफर किया जाता था उनके बारे कोई रिकार्ड नहीं होता। फर्जी टेलीफोन एक्सचेंज चलाकर देश को आर्थिक नुकसान पहुंचाने के साथ इसे देश की सुरक्षा को खतरा माना गया है। इस तरह से देश के बाहर से आने वाली कॉल का कोई रिकार्ड नहीं रखा जाता। फोन पर होने वाली बातचीत लोकल कॉल होने के कारण एजेंसियों की नजर से बच जाती है और इसे सुना नहीं जाता। ऐसे में खुफिया जानकारी से लेकर तमाम बातें दूसरों तक पहुंचाई जाने की आशंका जताई गई है।

इस तरह काम करता है सिम बॉक्स

सिम बॉक्स में एक साथ कई सिम लगाए जा सकते हैं। जिस तरह मोबाइल में एक और दो सिम लगाकर बात की जा सकती है। उसी तरह से सिम बॉक्स में एक साथ 32 से 64 सिम का प्रयोग किया जा सकता है। इन्हीं सिम बॉक्स के जरिए इंटरनेशनल वाइस कॉल को लोकल सिम में ट्रांसफर कर लोगों से सीधे बात करने की सुविधा दी है। पुलिस जानकारी कर रही है कि सिम कहां से रिचार्ज कराए गए। इसके लिए यूपीआई और दीगर मोबाइल एप्लीकेशन का इस्तेमाल हुआ तथा किसी स्टोर पर पैसा देकर रिचार्ज कराया गया। पुलिस अफसरों का कहना है कि अभी पूछताछ के आधार पर जांच की जा रही है। खुफिया एजेंसी के अधिकारियों को भी इनसे पूछताछ करने के लिए आमंत्रित किया गया है।

अगर आपके पास भी आता है तो कोई कॉल तो हो जाएं सतर्क

अगर आपके फोन पर विदेश से कोई कॉल आ रही है लेकिन नंबर लोकल दिखा रहा हो तो आपको सतर्क हो जाने की जरूरत है। टेलिकॉम इंडस्ट्री में यह नए तरह का अपराध है जो दुनिया भर में तेजी से फैल रहा है। इसे सिम बॉक्स फ्रॉड कहा जाता है। इस तरह के हो रहे फ्रॉड से आॅपरेटर्स और सरकारों को न केवल अरबों का चूना लग रहा है बल्कि देश की सुरक्षा भी खतरे में पड़ रही है।

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