राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का भी सोशल ऑडिट कराया जाए

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बिजनौर। स्वयंसेवी संस्था राइजिंग चैरिटेबल सोसायटी उत्तर प्रदेश के कार्यकर्ताओं द्वारा प्रदेश सरकार से मांग की है कि महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की तर्ज पर ही राज्य सरकार के अधीन विभिन्न विभागों द्वारा संचालित योजनाओं और कार्यक्रमों का भी सोशल ऑडिट कराया जाए ताकि प्रदेश सरकार द्वारा दिए जा रहे धन का सदुपयोग धरातल पर हो सके।

प्रदेश सरकार को भेजे एक पत्र में स्वयं सेवी संस्था राइजिंग चैरिटेबल सोसायटी के सदस्यों ने उत्तर प्रदेश शासन के प्रमुख सचिव राहुल भटनागर द्वारा दिनांक 12 जून 2017 के पत्र संख्या741/अड़तीस-7-2017-200 नरेगा/ 2009टीसी-1 का हवाला देते हुए बताया कि प्रदेश सरकार महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के अंतर्गत ग्राम पंचायतों में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना एवं प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण से संबंधित योजनाओं का पंचायत स्तर पर सोशल ऑडिट करा रही है। जिसके सकारात्मक परिणाम विकसित हो रहे हैं।

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इसी क्रम में सरकार इस संगठन की सेवाओं की क्षमता का उपयोग करके ग्रामीण विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं के साथ-साथ अन्य विभागों जैसे पंचायती राज विभाग, बेसिक शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग, समाज कल्याण विभाग, सिंचाई विभाग, लघु सिंचाई विभाग आदि अनेक योजनाओं का भी सोशल ऑडिट करा सकती है। जिससे जनसाधारण को लाभ हो सके और इनका सामाजिक अंकेक्षण किया जा सके। उत्तर प्रदेश सोशल ऑडिट संगठन इन योजनाओं पर आने वाले खर्च का आकलन कर उत्तर प्रदेश सरकार के कार्यक्रमों का जनता के बीच पारदर्शिता के साथ सामाजिक अंकेक्षण कराने में सक्षम है। पत्र पर सर्वश्री सचिन मलिक, अंकुर कुमार, नवीन कुमार, विकुल मलिक आदि कई कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं।

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