वक्त है अब भी थाम ले दामन उनका करम हो जाएगा…

Uttar Pradesh शिक्षा-जॉब

लव इंडिया,सम्भल। अंजुमन बाग़ ए अदब सरायतरीन के तत्वाधान में उर्दू अदब के मुमताज शायर डॉक्टर इकबाल कासिम कैफी संभली की सरायतरीन आमद पर उनके इस्तकबाल में एक ऐजाजी शेअरी नशिस्त काशाना ए रहमान चाहनायक सरायतरीन में आयोजित की गई। जिसकी शुरुआत अलहाज तनवीर अशरफी संभली ने नाते सरवरे कायनात से कुछ इस तरह किया। वक्त है अब भी थाम ले दामन उनका करम हो जाएगा सुबह का भूला भूला नहीं गर शाम को घर आ जाए तो।

Under the auspices of Anjuman Bagh-e-Adab Sarayatreen, on the arrival of Dr. Iqbal Qasim Kaifi Sambhali, Mumtaz poet of Urdu literature, an Aijazi Sheeri Nashist Kashana-e-Rehman Khannayak was organized at Sarayatreen.

इस मौके पर अंजुमन बाग ए अदब सराय तरीन संभल के जनरल सेक्रेटरी तौफीक आजाद एडवोकेट ने कहा कैफी संभली संभल के उन मुमताज शौरा में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं जिन्होंने अदब में गिरा कद्र इजाफे किए ।आपकी तकरीबन 13 किताबें मंज़रे आम पर आकर अवाम और खवास से दादो तहसीन हासिल कर चुकी हैं। आपने उर्दू अदब की लगभग तमाम असनाफ में तबा आजमाई की है और आपका तहकीकी कारनामा जौन एलिया हयात ओ अदबी ख़िदमात, उर्दू अदब मैं संग ए मील की हैसियत रखता है। संभल को आप पर नाज है रिसाई अदब में आपने दुनिया के उन मुमताज शौअरा में अपनी पहचान बनाई है जिन पर उर्दू अदब हमेशा नाज करता रहेगा।

शफीक उर रहमान शफीक बरकाती ने अपनी शायरी से महफिल का कुछ इस अंदाज में आगाज किया और तो कुछ भी नहीं पास असासा दौलते इल्म ने कर रखा है मुमताज मुझे ।अलहाज तनवीर अशरफी संभली ने कहा मेरे कबीले की दस्तार किसको पेश करूं किसी के दोश पे सर ही कहां सलामत है। तोफीक आजाद तौफीक एडवोकेट ने कहा दुश्मन से मत खाऊं यह मुमकिन न था मगर तीरों के तालमेल में अपना जरूर है।

मेहमाने खु़सूसी डॉक्टर इकबाल कासिम कैफ़ी सम्भली ने कहा क्या बताऊं तजुर्बा ने कितना शर्माया मुझे खुश्क दरिया हो गए तो तैरना आया मुझे । बे हुनर लोगों से भी कस्बे हुनर मैंने किया रहके गूंगो में ही कैफ़ी बोलना आया मुझे। बुजुर्ग शायर हजरत सुल्तान मोहम्मद कलीम संभलने कुछ इस तरह अपनी शायरी पेश की। पहलुए गुल में हैं जलवा गर, भले ही खार हैं हक चमन पर कुछ तो अपना बाग़ बा रखते हैं हम।नशिस्तकी सदारत हजरत सुल्तान मोहम्मद खान कलीम ने और निजामत के फराईज शफीक उर रहमान शफीक बरकाती ने अंजाम दिए।

नशिस्त में मौहम्मद उमर खान बरकाती, जिया उर रहमान बरकाती ,वामिक कमर बरकाती, इम्तियाज खान बरकाती, नसीमुद्दीन नौशाही ,अजीम खान, मोनिस खान ,अदीन खान,मुगीस खान, शहाबुद्दीन गौहर,मुबीन उर रहमान खान वगैरह लोग मौजूद रहे। आखिर में प्रोग्राम कन्वीनर जियाउर रहमान बरकती ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।

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