दुष्कर्म के आरोपी ने कोर्ट के आदेश को भी रख दिया था ताक पर, पुलिस ने दबोचा

Uttar Pradesh अपराध-अपराधी

लव इंडिया, संभल। हयातनगर पुलिस ने एक ऐसे शातिर को गिरफ्तार किया है जो कोर्ट से वांछित चल रहा था और सभी की आंखों में धूल झोंक ए हुए था

21 दिसंबर को उपनिरीक्षक सुंदरलाल मय हमराह हेड कांस्टेबल 448 राजीव भड़ाना आरक्षी 1118 विकास कुमार द्वारा वारंटी संबंधित मु0न0 844/17 मुकदमा अपराध संख्या 161/2017 धारा 376/328/343/120बी स्टेट बनाम अरुण पुत्र मटरू (उम्र 25 वर्ष ) निवासी मोहल्ला शाजीपुरा सरायतरीन थाना हयातनगर जनपद संभल को उसके घर से गिरफ्तार कर न्यायालय भेजा गया।

क्‍या हैं आईपीसी की धाराएं

376 भारतीय दंड संह‍िता (IPC) की धारा 376 के तहत अगर किसी मह‍िला के साथ कोई जबरन शारीरिक संबंध बनाता है तो उसे रेप की श्रेणी में शामिल किया जायेगा। ऐसा करने वा शख्‍स कानून की नजर में दोषी होगा और उसके ख‍िलाफ कड़ी कार्रवाई होगी। बलात्कार के लिए किसी भी प्रकार के कारावास के रूप में सजा निर्धारित करती है जो कम से कम 7 साल तक चलती है, लेकिन जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है या आजीवन कारावास (जेल में व्यक्ति की प्राकृतिक मृत्यु तक कारावास) हो सकता है, और दोषी जुर्माना भरने के लिए भी उत्तरदायी होगा।

धारा 120-बी (1) के अनुसार, जब संहिता में पूर्वोक्त अपराधों की साजिश के बारे में कोई स्पष्ट प्रावधान नहीं है तब यह धारा लागू होती है। इसके अलावा, यह कहता है कि जो पक्ष उपरोक्त अपराधों में से कोई भी अपराध करते हैं, वे ऐसे अपराधों के उन्मूलन के रूप में दंडनीय हैं।

धारा 343 के अनुसार, जो कोई किसी व्यक्ति का सदोष परिरोध तीन या अधिक दिनों के लिए करेगा, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास जिसे दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, या आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा। तीन या अधिक दिनों के लिए सदोष परिरोध। सजा – दो वर्ष कारावास या आर्थिक दण्ड या दोनों।

328 धारा भारतीय दंड संहिता के अनुसार, जो भी कोई किसी व्यक्ति को क्षति कारित करने या अपराध करने, या अपराध किए जाने को सुगम बनाने के आशय से, या यह सम्भाव्य जानते हुए कि वह तद्द्वारा क्षति कारित करेगा, कोई विष या जड़िमाकारी, नशा करने वाली या अस्वास्थ्यकर ओषधि या अन्य चीज उस व्यक्ति को देगा या उसके द्वारा लिया जाना …

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