पुरातत्ववेत्ता डॉ. वासुदेव शरण अग्रवाल ने छात्रों को प्रेरित किया था जनपदीय संस्कृति, लोकभाषा, मुहावरे आदि पर शोध के लिए

महावीर सिघंल, लव इंडिया। ऐतिहासिक मान्यताओं को पुष्ट एवं प्रमाणित करने में पुरातत्व का बहुत महत्वपूर्ण स्थान है। सात अगस्त, 1904 को ग्राम खेड़ा (जिला हापुड़, उ.प्र) में जन्मे डा. वासुदेव शरण अग्रवाल ऐसे ही एक मनीषी थे, जिन्होंने अपने शोध से भारतीय इतिहास की अनेक मान्यताओं को वैज्ञानिक आधार प्रदान किया।वासुदेव शरण जी ने […]

Read more...