भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के अध्यक्ष की गिरफ्तारी का आदेश
लव इंडिया, संभल। डेढ़ वर्ष की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी आदेश का अनुपालन ना करने को जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने गंभीरता से लेते हुए गैर जमानती वारंट जारी कर भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के अध्यक्ष की गिरफ़्तारी का आदेश दिए हैं।
तहसील संभल के क़स्बा सरायतरीन निवासी राजीव कुमार गुप्ता पुत्र हजारी लाल ने वर्ष 1992 मार्च माह में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक की जमा योजना के अंतर्गत रुपए 2700/-जमा किये थे जिसके परिणाम स्वरुप बैंक की ओर से एक बांड जारी कर इस आशय का आश्वासन दिया गया था कि 25 वर्ष की अवधि व्यतीत हो जाने पर जमाकर्ता को रुपए एक लाख अदा किये जायेंगे। 25 वर्ष की अवधि वर्ष 2017मे समाप्त हो गयी जमाकर्ता ने जमा धनराशि को परिपक्वता धनराशि के साथ वापसी का अनुरोध किया गया लेकिन बैंक ने बार बार धनराशि माँगने पर भी वापस नहीं की
इससे परेशान होकर जमाकर्ता ने उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल मे परिवाद योजित किया जिसमें बैंक की ओर से अवगत कराया गया जमाकर्ता को जमा धनराशि का बॉन्ड बैंक नियम एवं शर्तो के अधीन जारी किया गया था सितम्बर 2001 मे बॉन्ड धारको को को रेडएम्प्शन धनराशि लेने हेतु सूचित किया गया था लेकिन जमा कर्ता ने धनराशि लेने हेतु कोई आवेदन नहीं किया।
इसलिए जमाकर्ता 2001 के उपरान्त जमा धनराशि पर कोई व्याज प्राप्त करने के अधिकारी नहीं है लेकिन जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने बैंक द्वारा कथित तर्कों को उचित नहीं माना और 11नवंबर 2021को भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के अध्यक्ष को आदेश दिया कि वह बॉन्ड मे अंकित धनराशि रूपये एक लाख परिपक्वता धनराशि व उस पर 31मार्च 2017 से भुगतान की वास्तविक तिथि तक 9%वार्षिक व्याज दो माह के अंदर अदा करें। साथ ही, 5 हज़ार रूपये वाद व्यय हेतु अदा करें लेकिन बैंक डेढ़ वर्ष की अवधि व्यतीत हो जाने के बाद भी आदेश का पालन नहीं किया। इस पर जिला उपभोक्ता आयोग संभल ने अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के कथनों को सही मानते हुए भारतीय औद्योगिक विकास बैंक के अध्यक्ष के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी कर गिरफ़्तारी के आदेश दिए l