वीएलएसआई सेक्टर स्टुडेंट्स के लिए वरदान: इंडस्ट्री एक्सपर्ट

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लव इंडिया, मुरादाबाद। इंडस्ट्री एक्सपर्ट एवम् रिसोर्स पर्सन साइन ऑफ सेमीकंडक्टर्स लिमिटेड, हैदराबाद के निदेशक नितिन गुप्ता ने नौकरियों के परिप्रेक्ष्य में माइक्रोस्कोपिक चिप डिजाइनिंग के पीछे हालिया रुझानों, अनुसंधान और प्रौद्योगिकी पर चर्चा करते हुए कहा, भारत और विदेशों में वीएलएसआई, हार्डवेयर प्रोग्रामिंग, आईओटी और संचार के क्षेत्रों में रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध हैं, लेकिन कुशल इंजीनियरों की भारी कमी है। उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योगों में वर्तमान मांग से संबंधित कुछ कौशल जैसे- लेआउट डिजाइनिंग, फैब्रिकेशन, चिप डिजाइन, हार्डवेयर प्रोग्रामिंग, नेटवर्किंग, सुरक्षा और बिजली आपूर्ति डिजाइन, इत्यादि का सुझाव दिया।

Seminar on unlimited job opportunities in Electronics & Communication Engineering in the field of VLSI at Faculty of Engineering-FOE, Teerthanker Mahaveer University Opportunities for employment in VLSI, hardware programming, IoT sectors abroad as well: Industry Expert Nitin GuptaTMU Technology Emerging Determined for the skill development of the students in the fields: Prof. RK Dwivedi There is a huge demand for skilled engineers in VLSI, students should develop necessary skills: Dr. Pankaj Goswami

श्री गुप्ता तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद में एफओई के इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की ओर से वीएलएसआई के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग में नौकरी के असीमित अवसर पर आयोजित एक दिनी सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इससे पूर्व साइनऑफ सेमीकंडक्टर्स लिमिटेड, हैदराबाद के निदेशक श्री नितिन गुप्ता ने बतौर मुख्य अतिथि, सीसीएसआईटी के निदेशक प्रो. आरके द्विवेदी, एफओई के वाइस प्रिंसिपल डॉ. पंकज कुमार गोस्वामी आदि ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण और दीप प्रज्जवलन करके किया।

इस मौके पर मुख्य अतिथि को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सेमिनार में कुल 60 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया। संचालन डॉ. अलका वर्मा ने किया।रिसोर्स पर्सन श्री नितिन गुप्ता ने इंजीनियरिंग के विकास, आईसी, विभिन्न प्रकार की सेमीकंडक्टर नौकरियों और कंपनियों, आईसी डिजाइन प्रवाह, छोटे और बहुआयामी चिप आर्किटेक्चर, कम बिजली डिजाइन, डिजाइन स्वचालन, विश्वसनीयता और उभरती प्रौद्योगिकियों और सीमाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।

श्री नितिन ने कहा, प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव, पीएलआई, इनेडा सिस्टम्स, सॉफ्टनॉटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग और इंटरनेट ऑफ थिंग्स-आईओटी जैसे उभरते अनुप्रयोगों के लिए वीएलएसआई समाधानों के विकास को बढ़ावा दे सकते हैं। उन्होंने छात्रों को मुख्य विषयों का गहराई से अध्ययन करने की सलाह दी। छात्र एनपीटीएल, एमएचआरडी, स्वयम आदि के जरिए उन्नत ऑनलाइन पाठ्यक्रमों के माध्यम से भी अध्ययन कर सकते हैं। सीसीएसआईटी के निदेशक एवं प्राचार्य प्रो. राकेश कुमार द्विवेदी ने कहा, टीएमयू प्रौद्योगिकी के उभरते क्षेत्रों में स्टुडेंट्स के कौशल विकास के लिए दृढ़ संकल्पित है।

प्रो. द्विवेदी ने छात्रों को वीएलएसआई डिजाइन के क्षेत्र में विभिन्न चुनौतियों- छोटे और बहुआयामी चिप आर्किटेक्चर, लो पावर डिजाइन, डिजाइन ऑटोमेशन, विश्वसनीयता और कार्बन नैनोट्यूब, ग्राफीन और स्पिंट्रोनिक्स जैसी नई प्रौद्योगिकियों पर विस्तार से चर्चा की। एफओई के वाइस प्रिंसिपल डॉ. पंकज गोस्वामी ने वोट ऑफ थैंक्स देते हुए कहा, वीएलएसआई तकनीक तेजी से विकसित हो रही है। शोधकर्ता नई तकनीकों और प्रौद्योगिकियों की खोज कर रहे हैं, ताकि चुनौतियों पर काबू पाया जा सके।

इस अवसर पर इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग विभाग की डॉ. अलका वर्मा, डॉ. संदीप वर्मा, डॉ. राहुल शर्मा, श्री राहुल विश्नोई, श्री नीरज कौशिक, श्री प्रशांत कुमार के संग-संग सभी प्रतिभागी छात्र-छात्राएं मौजूद रहे।

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