लापरवाही से नवजात शिशु की मौत के मामले में तीन चिकित्सकों पर मुकदमा
रूद्रपुर से खबर आई है कि नवजात शिशु की मौत के मामले में किशोर अस्पताल की डॉक्टर मृदुला किशोर समेत तीन चिकित्सक कानून शिकंजे में फंस रहे हैं क्योंकि किच्छा कोतवाली में उपरोक्त के खिलाफ लापरवाही से मृत्यु और कागजों में हेराफेरी की रिपोर्ट दर्ज हुई है। बड़ी बात यह है कि खुद सीएमओ कार्यालय से हुई जांच में इन तीनों चिकित्सकों को दोषी माना गया है।
बरेली बाईपास रोड, किच्छा स्थित किशोर अस्पताल एक बार फिर चर्चा में आ गया है। इस अस्पताल की डायेक्टर और चिकित्सक डॉक्टर मृदुला किशोर पर एक बार फिर आरोप लगे हैं लेकिन इस बार उनके साथ- साथ किच्छा के ही यश हॉस्पिटल के डॉक्टर दर्शन सिंह और हैप्पी चाइल्ड क्लीनिक के चिकित्सक डॉक्टर विवेक कुमार भी फंसे हैं। इन सभी पर एफआईआर होने के बाद पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
यह है एक नवजात शिशु की मौत का पूरा मामला
मामला एक नवजात शिशु की मौत से जुड़ा है। जिसमें किच्छा के ही ग्राम मलपुरा सोनेरा के रहने वाले कफील अहमद ने रिपोर्ट दर्ज कराई है। कफील का कहना है कि उसके छोटे भाई तौसीफ की पत्नी सुमैला गर्भवती थी और उसका इलाज किशोर अस्पताल की चिकित्सक डॉक्टर मृदुला किशोर द्वारा किया जा रहा था। मेटरनिटी पीरियड में सभी टेस्ट, अल्ट्रासाउंड के साथ ही दवाइयां देकर बच्चे को एकदम स्वस्थ बताया गया था। गुजरी 18 सितंबर की रात को सुमैला को प्रसव पीड़ा शुरू हुई जिसके बाद तौसीफ व परिवार के लोग रात 11:30 बजे सुमैला को लेकर किशोर अस्पताल पहुंचे। सुमैला को भर्ती तो कर लिया गया लेकिन अस्पताल की पहली मंजिल पर रहने वाली डॉक्टर मृदुला किशोर उसे देखने तक नहीं आई और सुमैला दर्द से तड़पती रही। डायनापार के इंजेक्शन लगाकर उसे और परिवार वालों को भ्रमित किया जाता रहा।
न ही एनेस्थीसिया देने के लिए एमसीआई में पंजीकृत है डॉ दर्शन सिंह
अगले दिन सुबह डॉ दर्शन सिंह ने सुमैला को एनेस्थीसिया दिया। डॉ दर्शन सिंह एक सरकारी डॉक्टर है और वह न ही एनएसथीसिया देने के अनुभवी थे और न ही एनेस्थीसिया देने के लिए एमसीआई में पंजीकृत है। इसके बाद डॉक्टर मृदुला किशोर परिजनों के अनुरोध पर नीचे आई और सुमैला को ओपीडी में लेकर गईं। बिना पूछे डॉक्टर मृदुला द्वारा सुमैला का सीरियल ऑपरेशन कर दिया गया। सुमैला ने एक बच्चे को भी जन्म दिया लेकिन बच्चे को सांस लेने में परेशानी होने लगी।