‘मैंने सच बोलते रहने की सजा पाई है और यह लोग गुनहगार समझते हैं मुझे’

India Uttar Pradesh खाना-खजाना खेल-खिलाड़ी टेक-नेट तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण युवा-राजनीति लाइफस्टाइल शिक्षा-जॉब

लव इंडिया, मुरादाबाद। एहसास एजुकेशनल एंड सोशल वेलफेयर फाउंडेशन ट्रस्ट लखनऊ और उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी के संयुक्त तत्वाधान में एक अजीम ओ शान ऑल इंडिया मुशायरा संभल के मिशन इंटरनेशनल अकैडमी( तरीन कैंपस ) बहजोई रोड चौधरी सराय संभल में आयोजित किया गया । जिसका वरिष्ठ एम आई एम नेता और पूर्व प्रत्याशी मुशीर खां तरीन ने फीता काटकर उद्घाटन किया। इस अवसर पर डॉ उमेश चंद्र सक्सेना और भाजपा नेता एवं वरिष्ठ सर्जन डॉ अरविंद कुमार गुप्ता ने शमा रोशन करके मुशायरे की शुरुआत की। जबकि मशहूर कवि मुजम्मिल खान मुजम्मिल संभली ने बारगाह ए खुदा वंदी में हमदे पाक का नजराना कुछ इस तरह पेश किया। खुदा सदाएं मुजम्मिल को बख्श ऐसा सोज समाअतों में उतर कर अजान खुशबू दे।

गोरखपुर से तशरीफ लाए नौजवान शायर वसीम मजहर गोरखपुरी ने अपने देश की गंगा जमुनी तहजीब को इस तरह अपने शरीर में पिरो कर उसका इजहार किया। इजहार कर रहा हूं हकीकत का शान से तहजीब मैंने सीखी है उर्दू जबान से।

इस अवसर पर सैयद मुजाहिद अली नादान ने अपनी बेहतरीन शायरी पेश करते हुए कहा रुखसत उनको कर दिया हंसते हुए मगर मिल मिल कर रोए बाद में दीवारों दर से हम।

लखनऊ से तशरीफ लाए खूबसूरत लहजे के शायर इरफान लखनवी ने कहा दिल नशीं महलों में जो रहते हैं उन्हें क्या मालूम जिंदगी कैसे गरीबों की बसर होती है। मुशायरों के निहायत मारूफ और कामयाब शायर अजहर इकबाल ने अपनी खूबसूरत शायरी पेश करते हुए कुछ इस तरह कहा मैंने सच बोलते रहने की सजा पाई है और यह लोग गुनहगार समझते हैं मुझे।

मुशायरे में अपने खूबसूरत कलाम से श्रोताओं के दिलों पर दस्तक देने वाले शहर सलीम ताबिश ने कुछ यूं कहा। जिस कौम ने तालीम से रिश्ता नहीं रखा उस कौम के हाथों में तो कशकोल रहा है। सम्भल के वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि कपिल वर्मा एडवोकेट ने कुछ इस तरह अपनी बात रखी गुलाम बनकर क्यों बेचते हो जमीर अपना जमाने भर में मैं एक अदना अना के खातिर खिताब जितने थे बेच आया।

संभल के उस्ताद शायर और शिक्षक डॉ मुनव्वर ताबिश सभली ने कहा बदली फजा तो खुद को बदलना पड़ा मुझे जब बुझ गए चिराग तो चलना पड़ा मुझे।उर्दू शायरी मैं अपनी एक अलग पहचान बनाने वाले संभल के नौजवान शायर और न्यूज़ १८ चैनल के डायरेक्टर डॉक्टर तारिक कमर संभली ने कहा ।अगर दरवेश हो तो लुकमा ए तर की हवस क्यों है कलंदर हो तो शाहौं से किनारा क्यों नहीं करते।

जी सलाम चैनल के पूर्व डायरेक्टर उमेर मंजर ने अपनी शायरी में मोहब्बत के जज्बे को कुछ इस अंदाज में पेश किया ।मोहब्बत करने वाले जानते हैं सल्तनत दिल की समरकंदो बुखारा से बड़ी मालूम होती है।सिरसी सादात पीजी कॉलेज सिरसी के उर्दू विभागाध्यक्ष प्रोफेसर शफीकु रहमान शफीक बरकाती ने कहा हम ही काबे की हिफाजत को न घर से निकले आसमां से तो अबाबील के लश्कर आये।

देवबंद से पधारे नौजवान शायर नदीम शाद ने कहा खैर मैं अपनी नहीं कहता बताओ तो मगर यार यह शख्स कहां से है तुम्हारे लायक रामपुर के उस्ताद शायर डॉ जावेद नसीमी ने कहा मेरी कीमत तो लगा करती है हर रोज मगर कोई है मुझमें जो सौदा नहीं होने देता गंजडुंडवारा से तशरीफ लाए बेहतरीन तरन्नुम के शायर अज़‌म शाकरी ने कहा।मुझे एक लाश कहकर न बहाओ पानियौं में मेरे हाथ छूके देखो मेरी नब्ज चल रही है शकील गौस ने खूबसूरत शायरी कुछ इस तरह की। मुंतखाब अल्फाज लहजा पुर असर रखते हैं हम पत्थरों को मोम करने का हुनर रखते हैं हम।

सैयद हुसैन अफसर संभली ने कहा ।आईने ऐसे भी हैं देखा नहीं जाता जिनको ऐसे पत्थर भी हैं जिनको आईना कहते हैं लोग। दुनिया ए अदब के मुमताज शौअरा में अपनी अलग पहचान बनाने वाले शायर अजहर इनायती ने कहा।अपनी तस्वीर बनाओगे तो होगा अहसासकितना दुश्वार है खुद को कोई चेहरा देना ।डॉक्टर माजिद देवबंदी ने अपने खूबसूरत अशआर कुछ इस तरह सुनाएं ।अल्लाह मेरे रिज़्क की बरकत ना चली जाए दो दिन से मेरे घर कोई मेहमान नहीं है। मुशायरे की अध्यक्षता कर रहे सुल्तान मोहम्मद का कलीम ने कहा ने कहा आईने ऐसे भी हैं देखा नहीं जाता जिनको ऐसे पत्थर भी हैं जिनको आईना कहते हैं लोग।

मुशायरे में अनस दुर्रानी संभली अराफात संभली ने भी अपने कलाम पेश किए। मुशायरे की अध्यक्षता सुल्तान मोहम्मद कलीम ने और संचालन डा फाकिर अदीब व शफीक बरकाती ने संयुक्त रूप से किया। अंत में मुशायरे के संयोजक उवैस संभली ने सभी मेहमानों का शुक्रिया अदा किया। मुशायरे में डॉक्टर सचिन , ताहिर सलामी, वामिक कमर, सोहेल अख्तर, कमल कौशल वार्ष्णेय, सैयद मोहम्मद असलम ,कदीर जाफिर ,जुबेर उमर ,डॉक्टर अहमद खान ,फिरोज खान, सफदर अल्वी, नवाब साद आदिल, बबबु खान, इंतखाब हुसैन, डॉक्टर नाजिम ,फारुख जमाल एडवोकेट ,डॉ यूसुफ रययान,वसीम अकरम, जियाउल हसन, मजहर खान, डॉक्टर इंतजार हुसैन, मोहम्मद उमर खान गुड्डू ,नाजिश बिन नसीर, आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *