उमेश लव, मुरादाबाद। स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की सांठगांठ से टेक्नीशियन और झोलाछाप एमबीबीएस डॉक्टर बन गए और ऑपरेशन के दौरान जच्चा की जान ले ली। यह मामला करनपुर स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल का है। इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि अवैध रूप से संचालित इस अस्पताल को लगभग 4 माह पहले एसीएमओ डॉ संजीव बेलवाल ने अवैध रूप से संचालित मानते हुए सीज कर दिया था और दो-तीन दिन में ही हरी झंडी देते हुए खोल दिया था।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय मुरादाबाद के स्वास्थ्य अधिकारियों की सांठगांठ के चलते जिलेभर में अब झोलाछाप अस्पताल भी खुल गए हैं और इन में लैब टेक्नीशियन फार्मेसिस्ट कंप्यूटर ऑपरेटर वार्डबॉय और सफाई कर्मचारी डॉक्टर बने हुए हैं और वह भी कोई मामूली डिग्रीधारक नहीं है बल्कि इन्होंने स्वास्थ्य अधिकारियों की सांठगांठ से खोले गए अस्पतालों में अपने को एमबीबीएस और एमडी के साथ-साथ विभिन्न रोगों का विशेषज्ञ और सर्जन घोषित किया हुआ है। यही कारण है कि गांव देहात के मरीज इनके झांसे में आ जाते हैं।
इसी तरह का ताजा मामला दलपतपुर काशीपुर रोड स्थित लाइफ लाइन हॉस्पिटल का है। यह हॉस्पिटल डॉक्टर रफत और डॉक्टर राशिद द्वारा पार्टनरशिप में संचालित है। इस हॉस्पिटल का आसपास के क्षेत्रों में व्यापक प्रचार प्रसार किया हुआ है जबकि अपने को डॉक्टर कहने वाले रफत असल में झोलाछाप है और राशिद टेक्नीशियन है।
शनिवार 18 फरवरी को लाइफ लाइन हॉस्पिटल में मूंढापांडे थाना अंतर्गत गांव जाटों वाली मिलक, सरकड़ा खास निवासी बिरेश पाल ने अपनी पत्नी सुमन को दाखिल किया। सुमन अपने वैवाहिक जीवन के 12 वें साल में गर्भवती हुई थी और प्रसव का दर्द होने पर पति ने लाइफलाइन अस्पताल में भर्ती किया था। बकौल बिरेश के, दोनों ने खुद को एमबीबीएस डॉक्टर बताते हुए बेहतर इलाज और सुरक्षित प्रसव कराने का आश्वासन देते हुए कहा था कि ऑपरेशन से ही बच्चा होगा।
इस पर बिरेश ने ऑपरेशन की हामी भर दी तो डॉक्टर राशिद ने ऑपरेशन कर दिया और बच्चा हुआ लेकिन सुमन की हालत में सुधार नहीं हुआ और वह लगातार बिगड़ती गई। ऐसे में ताला का इंजेक्शन भी दिए गए और ऑपरेशन के 1 घंटे के बाद ही सुमन की सांसे थम गई। इस पर कोहराम मच गया और मरीज के तीमारदारों ने अस्पताल में हंगामा कर दिया तो डॉक्टर राशिद और डॉक्टर रफत ने क्षेत्र के गणमान्य लोगों को बीच में डाला और मामले को निपटा दिया।
इस संबंध में रफत में अपने को पाक साफ बताते हुए कहा कि उन्होंने डॉक्टर राशिद को अपना मकान किराए पर दिया हुआ है और इस पूरे मामले से उनका कोई लेना देना नहीं है। दूसरी तरफ डॉ राशिद ने खुद को अजमेर शरीफ में बताया। ऐसे में बड़ा सवाल यह है की सुमन का ऑपरेशन किसने किया और उसकी मौत के लिए कौन जिम्मेदार है…?