कुष्ठ रोग कलंक नहीं, विज्ञान ने सिद्ध किया, लोगों को करें जागरूक

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लव इंडिया मुरादाबाद गुरुवार को गोकुलदास गर्ल्स हिंदू कॉलेज में आज़ादी के अमृत महोत्सव के अंर्तगत महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि पर संगीत विभाग द्वारा शहीद दिवस तथा साइंस क्लब द्वारा कुष्ठ रोग निवारण दिवस का आयोजन किया गया । कार्यक्रम का प्रारंभ शहीद दिवस के अवसर पर 2 मिनट का मौन करा कर शहीदों को श्रद्धांजलि देकर किया गया।

तत्पश्चात प्राचार्या प्रोफेसर चारु मेहरोत्रा ने छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि महात्मा गांधी का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ, लेकिन उनके असाधारण कार्यों एवं अहिंसा वादी विचारों ने स्वतंत्रता आंदोलनों को एक नई दिशा प्रदान की । भारत में प्रत्येक वर्ष महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि को विश्व कुष्ठ दिवस के रूप में मनाया जाता है ।

इस दिन को फ्रांसीसी मानवीय राउल फोलेरो ने महात्मा गांधी जी को श्रद्धांजलि देने के लिए चुना था क्योंकि गांधी जी ने कुष्ठ रोगियों की बहुत सेवा की थी यह दिन सर्वप्रथम 1954 को बनाया गया था।प्राचार्या जी ने अपने संबोधन को बढ़ाते हुए कहा कि एक समय था जब कुष्ठ रोगियों को घृणा की दृष्टि से देखा जाता था। लेकिन धीरे-धीरे मेडिकल साइंस ने कुष्ठ रोग के कारणों का पता लगाकर यह सिद्ध कर दिया कि कुष्ठ रोग कोई कलंक नहीं है बल्कि इस रोग के उत्पन्न होने के मेडिकल कारण है। यदि हम अंधविश्वास की तरफ ना जाकर कुष्ठ रोग विशेषज्ञ से परामर्श लें तो इस रोग का उपचार संभव है ।

उन्होंने कहा कि मानते हैं आज विश्व में कुष्ठ रोग के प्रति जागरूकता बढ़ी है लेकिन अभी भी भारत के पिछड़े इलाकों में जहां अभी भी अंधविश्वास है ,कुष्ठ रोग को एक कलंक के रूप में ही देखा जाता है । इसलिए महाविद्यालय की छात्राओं और हम सब का यह कर्तव्य है कि देश के हर क्षेत्र में कुष्ठ रोगों के प्रति जागरूकता फैलाएं ।

इसके पश्चात शहीदों के देश प्रेम और उनके प्रति श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए संगीत विभाग द्वारा समूह गान ऐ वतन ऐ वतन तेरे याद में हम, सलाम उन शहीदों जो खो गए वतन को जगा कर खुद सो गए, राम धुन आदि प्रस्तुत किए गए। इसमें निम्मी वर्मा, सृष्टि शर्मा, मोनिका पाल, तेजस्वी शर्मा छात्राओं ने प्रतिभाग किया।जिला कुष्ठ परामर्शदाता डॉ भास्कर अग्रवाल ने छात्राओं को कुष्ठ रोग के कारण उनके लक्षणों और उपचारों के बारे में बता कर उनका ज्ञान बढाया।

उन्होंने बताया कि यह रोग कभी-कभी कान पर गांठों या ऐसे घावों के होने से होता है जिसमें रोगियों को दर्द नहीं होता यदि इसका उपचार नहीं किया जाता तो यही कुष्ठ रोग हो जाता है। यह रोग छूत का रोग नहीं है । यह माइकोबैक्टेरियम लैप्री और माइकोबैक्टेरियम लेप्रो मेट्रोसिस बैक्टीरिया के कारण होता है । इसका उपचार संभव है । डॉक्टर भास्कर ने छात्राओं द्वारा पूछे गए प्रश्नों का समाधान भी किया । साथ ही यह भी बताया कि मल्टी ड्रग थेरेपी( एमडीटी) से इस रोग का उपचार पूर्णता संभव है । यह थैरेपी सभी सरकारी चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केंद्रों पर उपलब्ध है ।यह उपचार बिल्कुल मुफ्त है । इसलिए जैसे ही कुष्ठ रोग से संबंधित लक्षण दिखे तो तुरंत जांच करा लें जिसका उपचार हो सके ।

उप प्राचार्या डॉ अंजना दास जी ने छात्राओं को बताया हम सब में यह भ्रांति फैली हुई यह रोग कुष्ठ रोगियों को स्पर्श करने से फैलता है। छात्राओं को इसके प्रति जागरूक होना होगा कि यह रोग स्पर्श करने से नहीं फैलता है।कार्यक्रम में छात्राओं द्वारा कुष्ठ रोग पर एक पोस्टर प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया, जिसमें अमरा नाज़ को प्रथम, बेनज़ीर राशिद को द्वितीय तथा तस्मीया खालिद को तृतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ।

कार्यक्रम का संयोजन एवं संचालन वनस्पति विज्ञान प्रभारी डॉ रेनू शर्मा, रसायन विज्ञान प्रभारी डॉ सविता अग्रवाल तथा संगीत विभाग की प्रो. प्रवीण सैनी ने सयुक्त रूप से किया। कार्यक्रम में नमिता तथा सोनम का विशेष सहयोग रहा। कार्यक्रम में महाविद्यालय की समस्त प्रवक्ताओं ने प्रतिभाग किया और अधिक से अधिक छात्राओं ने प्रतिभाग कर के कुष्ठ रोग संबंधी अपने ज्ञान को बढ़ाया।

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