इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन: ग्रीन ऊर्जा का उम्दा विकल्प-बायो फ्यूल

शिक्षा-जॉब

टीएमयू में रिसर्च ट्रेंडस इन ग्रीन एसपेक्ट्स ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी-आरटीजीएएसटी पर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस का समापन

प्रो.श्याम सुंदर भाटिया/डॉ.वरुण सिंह,मुरादाबाद। नॉर्टन थोरासिस इंस्टीट्यूट फॉनिक्स, यूएसए से डॉ. संध्या बंसल ने कम्प्यूटर एडेड ड्रग डिजाइन पर वर्चुअल टाक में कहा, वेन्जामिडेजॉल डेरिवेटिव बरसों-बरस से बीमारियों के इलाज में एंटीबेक्टिरियल ,एंटीपैरासिटिक और एंटीकैंसर एजेंट की तरह उपयोग होते आए हैं, लेकिन साइटोटाक्सीसिटी की वजह से ये दवाएं बीमारी का इलाज तो करती हैं, पर इसके दुष्प्रभाव भी शरीर पर दिखाई देते हैं। डॉ. संध्या और इनकी रिसर्च टीम ने नया बेंजामेडाजॉल डेरिवेटिव विकसित किया है, नतीजतन इसका दुष्प्रभाव कम है। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद के फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग एंड कम्प्यूटिंग साइंसेज-एफओईसीएस के रसायन विभाग की ओर से हरित प्रौद्योगिकी-रिसर्च ट्रेंडस इन ग्रीन एसपेक्ट्स ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी-आरटीजीएएसटी पर दो दिनी इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस के समापन मौके पर बतौर मुख्य अतिथि वर्चुअली बोल रही थीं। कॉन्फ्रेंस में बीस में से तीन बेस्ट ऑरल एंड पोस्टर प्रेजेंटेशन पुरस्कृत किए गए। ऑरल प्रजेंटेशन में जीबी पंत एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी, पंतनगर की मिस पूजा प्रथम, शिवनाडर यूनिवर्सिटी, ग्रेटर नोएडा की शालिनी यादव द्वितीय और जेपी इंस्टीटयूट ऑफ इंफोर्मेशन टेक्नोलॉजी, सोलन-हिमाचल के दीपक शर्मा तृतीय रहे।

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ख़ास बातें
टीएमयू के फार्मेसी कॉलेज की हिता का पोस्टर अव्वल
ऑरल प्रजेंटेशन में पंतनगर यूनिवर्सिटी की पूजा प्रथम
कम्प्यूटर एडेड ड्रग डिजाइन पर बोलीं डॉ. संध्या बंसल
प्रो. सिंह का शिफ़ बेस मेटल कॉम्पलेक्स पर व्याख्यान
केमिस्ट्री की शोध पत्रिका के द्वितीय संस्करण का विमोचन

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पोस्टर प्रतियोगिता में टीएमयू के कॉलेज ऑफ फार्मेसी की हिता ने प्रथम, फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के फिज़ा सिद्दकी, साजिया खान, इल्मा अंसारी और गौरव भारती द्वितीय एवम् अनम विशाल, अंशु चौहान और जिज्ञासा ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। कॉन्फ्रेंस के दौरान रसायन विज्ञान की शोध पत्रिका-टीएमयू जर्नल ऑफ बेसिक एंड एप्लाइड केमिस्ट्री के द्वितीय संस्करण का विमोचन हुआ। फैकल्टी ऑफ इंजीनियरिंग के निदेशक और कॉन्फ्रेस जनरल चेयर प्रो. आरके द्विवेदी ने जर्नल के एडिटर इन चीफ डॉ. अत्री देव त्रिपाठी को इस उपलब्धि के लिए शाल ओढ़ा कर सम्मानित किया।

गवर्नमेंट पीजी कॉलेज, चमोली से डॉ. गिरधर जोशी ने केटेलिटिक हाइड्रोजिनेशन प्रक्रिया के जरिए फ्यूरॉन बेस्ड बायो फ्यूल्स की सिंथेसिस पर प्रकाश डाला। फ्यूरॉन बेस्ड बायो फ्यूल्स ऊर्जा का एक उम्दा विकल्प हो सकता है, क्योंकि इसमें ऑक्सीजन कंटेंट की मात्रा कम है, जबकि इसकी केमिकल स्टेेबिलिटी और एनर्जी घनत्व अत्याधिक है। दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय, गोरखपुर से डॉ. एनपी सिंह ने शिफ़ बेस मेटल कॉम्पलेक्स की सिंथेसिस के बारे में विस्तार से बताया। इसके उपयोग से उन्होंने बायो सेंसर का निर्माण किया, जो पानी में मेटल की उपस्थिति को बहुत ही शीध्रता से बता सकता है।

ब्लेंडेड मोड में आयोजित इस कॉन्फ्रेंस में देश- विदेश के 150 से ज्यादा लोगों ने प्रतिभाग किया। ऑरल और पोस्टर प्रतियोगिता के निर्णायक मण्डल में डॉ. एसपी पाण्डे, डॉ. एडी त्रिपाठी, फार्मेसी के प्राचार्य डॉ. अनुराग वर्मा, डॉ. केए गुप्ता आदि शामिल रहे। कॉन्फ्रेंस में डॉ. सौविक सुर, डॉ. आसीम अहमद, डॉ. गजेंद्र कुमार, डॉ. वरुण सिंह, डॉ. नवनीत कुमार, डॉ. एमके चीनी, प्रोक्टर श्री राहुल विश्नोई आदि की मौजूदगी रही।

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